विदर्भ में 19 के बाद होगी झमाझम बारिश
14 जून तक गर्मी और उमस से भरा रहेगा वातावरण
अमरावती/दि.11– इस समय असहनीय गर्मी और उमस की वजह से हर कोई त्राहीमाम् करने लगा है और किसी तेज भट्टी की आंच की तरह पड रही धूप के चलते जमीन की रोटी की तरह सिंकाई हो रही है. ऐसे में हर कोई आसमान से पानी बरसने की प्रतीक्षा कर रहा है, चूंकि देश में मान्सून का आगमन हुए करीब एक सप्ताह का समय बीत चुका है और राज्य के अन्य कई इलाकों में पानी की बौछारें बरस चुकी है. ऐसे में अब इस बात का इंतजार है कि, विदर्भ क्षेत्र में मान्सून का आगमन कब होगा. यद्यपि मौसम विभाग द्वारा 14 जून के बाद बारिश होने की संभावना जताई गई है, वहीं पंचांग के मुताबिक विदर्भ क्षेत्र में 19 जून के बाद ही झमाझम बारिश होगी और तब तक वातावरण में गर्मी व उमस की ही अधिकता रहेगी.
पंचांगकर्ताओें के मुताबिक बारिश का पहला चरण तीन से चार दिनों का रहता है. जिसके अनुसार 8 से 11 जून तक पहले चरण में उष्णता, गर्मी व उमसवाला वातावरण रहेगा. पश्चात मंगलवार 14 जून को वट पूर्णिमा से शुरू होनेवाले दूसरे चरण में दिन के समय कडी धूप और शाम के समय तेज हवाओंवाला वातावरण बनेगा. चूंकि 14 जून से चांद का प्रवेश जलराशि रहनेवाले वृश्चिक में हो रहा है. अत: 14 जून के बाद गर्मी से थोडी राहत मिलेगी. 19 जून के बाद आधा नक्षत्र लगेगा और 22 जून को सूर्य का आद्रा नक्षत्र में प्रवेश होगा. इस समय सूर्य का वाहन भैड रहने के चलते तेज गडगडाहट के साथ बारिश होने का अनुमान पंचांग में जताया गया है.
उल्लेखनीय है कि, रोहिणी नक्षत्र में खेतों की जुताई करने के बाद किसानों द्वारा मृग नक्षत्र में बुआई की तैयारी शुरू कर देते है. लेकिन इस वर्ष मृग का वाहन गधा रहने के चलते किसानों की चिंता बढ गई है, क्योंकि पंचांग के मुताबिक यह वाहन दमदार बारिश का द्योतक नहीं, यदि मृग नक्षत्र का वाहन भैंस या हाथी रहते है, तब मुसलाधार बारिश होती है. परंतू इस बार मृग नक्षत्र का वाहन गधा रहने के चलते इस नक्षत्र में बारिश होने की विशेष उम्मीद नहीं है.
ज्ञात रहे कि, अमरावती संभाग में खरीफ सीझन का औसत बुआई क्षेत्र 31 लाख 49 हजार 633 हेक्टेयर है और खरीफ सीझन में मुख्य तौर पर सोयाबीन, कपास, तुअर, मूग और उडद की फसलें उगाई जाती है. इन सभी फसलों की बुआई 30 जून तक की जा सकती है. वहीं मूग और उडद जैसी फसलों की बुआई 15 जुलाई तक हो सकती है. चूंकि इस बार बारिश के आगमन में थोडा विलंब हो रहा है और 7 जून तक संभाग में केवल 1.9 मिमी बारिश ही हुई है. ऐसे में कृषि विभाग द्वारा खरीफ फसलों की बुआई में जल्दबाजी नहीं करने और 75 से 100 मिमी बारिश के बाद ही बुआई शुरू करने का आवाहन किया गया है, ताकि दुबारा बुआई के खतरे से बचा जा सके.
उल्लेखनीय है कि, विगत वर्ष विदर्भ क्षेत्र में मान्सूनी वर्षा का आगमन 9 जून को हो गया था और इस बार देश में बनी अनुकूल स्थितियों के चलते मान्सून के थोडा और जल्दी आगमन की उम्मीद जताई जा रही थी. उम्मीद के अनुसार मान्सून का आगमन अंदमान द्वीप समूह में तय समय से एक सप्ताह पहले ही हो गया, लेकिन इसके बाद मान्सून के आगे बढने की रफ्तार थोडी सुस्त हो गई. ऐसे में इस समय यद्यपि अंदमान द्वीप समूह सहित देश के तटिय क्षेत्र में मान्सून का आगमन हुए करीब एक सप्ताह का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक विदर्भ क्षेत्र में भयानक गर्मी पड रही है. यद्यपि महाराष्ट्र के कई इलाकों में मान्सून पूर्व बारिश होने के चलते गर्मी से कुछ राहत मिली है, लेकिन विदर्भ क्षेत्र में इक्का-दुक्का स्थानों को छोडकर मान्सून पूर्व बारिश भी नहीं हुई. जिससे पूरा विदर्भ क्षेत्र अब भी तेज धूप, भीषण गर्मी और भारी उमस को झेलने हेतु मजबूर है.
* शहर में अकस्मात हुई मान्सून पूर्व बारिश
– बिजली की तेज गडगडाहटों के साथ आधे घंटे तक बरसा पानी
वहीं आज दोपहर बाद अमरावती शहर में अचानक ही मौसम ने करवट बदली और दोपहर बाद आसमान पर काले-घने बादल छाने के साथ ही बिजली की तेज गडगडाहटों के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई. जिसके बाद करीब आधे घंटे तक पानी बरसता रहा और शहर इस मान्सून पूर्व बारिश में भीगकर सराबोर हो गया. इसके उपरांत आसमान एक बार फिर पूरी तरह से साफ हो गया और दोबारा धूप खिलने लगी. जिसकी वजह से थोडी देर तक ठंडक महसूस होने के बाद वातावरण एक बार फिर उमस से भर गया.