अमरावती

आंबेडकर स्मारक के लिए होगा आत्मदहन आंदोलन

विभिन्न आंबेडकरवादी संगठनों ने दिया जिलाधीश को ज्ञापन

* इर्विन चौराहे पर जल्द से जल्द स्मारक हेतु जगह दिए जाने की उठाई मांग
अमरावती/दि.16 स्थानीय इर्विन चौराहे पर विगत लंबे समय से भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का स्मारक बनाने हेतु जगह उपलब्ध करवाने का मसला अधर में लटका पडा है. इसे लेकर 1 वर्ष पूर्व 18 मई 2022 को जिलाधीश व मनपा आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा गया था. लेकिन अब तक प्रशासन ने इसे लेकर कोई हलचल नहीं की और अदालत में चल रहे मामले में पैरवी हेतु नियुक्त वकील को भी इस मामले के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं दी गई है, यानी कुल मिलाकर प्रशासन व्दारा आंबेडकर स्मारक की जगह को लेकर ‘तारीख पर तारीख’ खेला जा रहा है. जिसे अब आंबेडकरी समाज व्दारा कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि जल्द ही इस स्मारक हेतु जगह का मामला हल नहीं हुआ, तो विभिन्न तरह के आंदोलन करने के साथ ही आत्मदहन आंदोलन किया जाएगा. इस आशय की चेतावनी वाला ज्ञापन गत रोज कई आंबेडकरवादी संगठनों व्दारा जिलाधीश पवनीत कौर को सौंपा गया.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, 14 अप्रैल 1972 को पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभाताई पाटिल व दिवंगत राज्यपाल रासू उर्फ दादासाहब गवई के हाथों सरकार व्दारा विभिन्न चौराहें पर संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का पुतला स्थापित किया गया था. जहां पर प्रतिवर्ष विभिन्न राजनीतिक दलों व समाजिक संगठनों व्दारा अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते है. इस जगह के विकास व सौंदर्यीकरण हेतु तत्कालीन विधायक रावसाहब शेखावत ने निधि उपलब्ध करवाई थी. साथ ही मनपा की आमसभा में भी इसे लेकर सभी पार्षदों की सहमती से प्रस्ताव पारित करते हुए एक समिति गठित की गई थी. जिसके बाद अलग-अलग चरण में इस स्मार के लिए करोडो रुपए की निधि विभिन्न बैंक खातों में जमा करवाई गई. लेकिन आज यह रकम कहां है और किसके नाम पर जमा है इसे लेकर किसी के पास कोई जानकारी नहीं है. साथ ही अदालत में चल रहे मामले की सुनवाई के दौरान भी क्या हो रहा है और मुकदमे की क्या स्थिति है इसके बारे में किसी के व्दारा कोई जानकारी नहीं दी जा रही. इसकी वजह से आंबेडकरी समाज में रोष व संताप की लहर व्याप्त है. ऐसे में यदि जल्द ही इस मामले का निपटारा करते हुए आंबेडकर स्मारक परिसर का सौंदर्यीकरण व विकास नहीं किया जाता है तो आंबेडकरी समाज व आंबेडकरवादी संगठनों व्दारा ‘करों या मरो’ की भूमिका अपनाते हुए विभिन्न आंदोलन शुरु किए जाएंगे. जिसमें आत्मदहन आंदोलन का भी समावेश रहेगा. इस बात की ओर प्रशासन ने ध्यान देना चाहिए.
ज्ञापन सौंपते समय बसपा के शहर अध्यक्ष सुदाम बोरकर, भीम ब्रिगेड के राजेश वानखडे, आंबेडकरवादी रिपब्लिकन पार्टी के विनोद गाडे सहित नितिन काले, अंकुश साठवले, विजय मोहोड, अनिल फूलझेले, मनोज इंगले, सतीश चव्हाण, मनीष साठे, किरण गुडघे, वसीम चौधरी, अब्दुल नागदेवाले, अशफाक चौधरी, हमीद जानीवाले, छोटू जानीवाले, गुड्डू खान, अब्दुल चौधरी, गंगु चौधरी, चंदू पटेल, रहिम बोचेवाले, हुसैन चौधरी, शाहरुख चौधरी, रमजान बोचेवाले, गुड्डू चौधरी, मुन्ना चौधरी, राजू चौधरी, सलमान बोचेवाले, मदार चौधरी, मोहम्मद जानीवाले, अनवर चौधरी, हुसैन रायलीवाले, चंदन नागंडीवाले, बशीर बोचीवाले, सलमान चौधरी, हैदर चौधरी आदि उपस्थित थे.

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