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एकदम से नहीं होगा बदलाव, धीरे-धीरे लाएंगे सुधार

मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे का विशेष साक्षात्कार में कथन

* मनपा के कामकाज में पारदर्शिता लाने को बताया पहली प्राथमिकता
* कांग्रेसी नेताओं द्वारा उठाये गये मुद्दों पर जल्द जांच कर कार्रवाई करने की बात कही
अमरावती/दि.24– अमरावती महानगरपालिका के समक्ष कई तरह की चुनौतियां और दिक्कते है. जिन्हें दूर करते हुए कामकाज को चूस्त-दुरुस्त करने हेतु एक झटके में कोई चमत्कारिक बदलाव नहीं लाया जा सकता, बल्कि इसके लिए चरणबद्ध तरीके से सुधार व संशोधन की प्रक्रिया चलाये जाने की जरुरत है. ऐसे में फिलहाल मनपा के कामकाज में सुधार लाते हुए कामकाज को पूरी तरह से पारदर्शक बनाने पर जोर दिया जा रहा है. इस आशय का प्रतिपादन अमरावती मनपा के आयुक्त व प्रशासक सचिन कलंत्रे द्वारा किया गया.
बता दें कि, दो दिन पूर्व ही संभाग के स्नातक विधायक धीरज लिंगाडे, पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख व पूर्व महापौर विलास इंगोले के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे का लगभग घेराव करते हुए मनपा से संबंधित कई मुद्दों को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. साथ ही विगत दो वर्षों से मनपा में प्रशासक राज जारी रहने के दौरान जमकर भ्रष्टाचार होने के आरोप भी लगाये थे. इन तमाम बातों के मद्देनजर आज दैनिक अमरावती मंडल ने मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे से विशेष तौर पर बातचीत करते हुए इन्हीं तमाम मुद्दों पर उनका पक्ष जानना चाहा. इस समय हुई बातचीत में मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे ने कहा कि, अब तक अमरावती मनपा में कामकाज किस तरह से चला करता था. इसके बारे में उन्हें कुछ विशेष जानकारी नहीं है, लेकिन कामकाज के तौर तरीके को सुधारने और इसे प्रभावी बनाने हेतु वे निश्चित तौर पर कामकाज में सुधार के पक्षधर है और मनपा के प्रशासन को गतिमान व पारदर्शक बनाने हेतु कई स्तर पर कामकाज में सुधार की प्रक्रिया को अमल में लाया जा रहा है. साथ ही दो दिन पूर्व स्नातक विधायक धीरज लिंगाडे, पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख व पूर्व महापौर विलास इंगोले द्वारा जिन मुद्दों को सामने रखा गया, उन सभी मुद्दों के संदर्भ में आवश्यक जांच पडताल करते हुए जरुरी कार्रवाई भी की जाएगी.
* ठेका नियुक्त शिक्षक भर्ती मामले की होगी जांच
इस बातचीत के दौरान मनपा की शालाओं में सीधे ठेकेदार के जरिए ही आवेदन व साक्षात्कार की प्रक्रिया निपटाते हुए शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित मामले में मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे का कहना रहा कि, अमूमन ऐसे मामलों में स्थानीय स्वायत्त निकाय द्वारा साक्षात्कार की प्रक्रिया निपटाते हुए कर्मचारियों का चयन किया जाता है और चयनीत अभ्यर्थियों की नामों की सूची नियुक्ति हेतु आउट सोर्सिंग एजेंसी को सौंपी जाती है. साथ ही कई बार आउटसोर्सिंग एजेंसी के प्रतिनिधियों व प्रशासन के अधिकारियों के संयुक्त पैनल द्वारा साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी करते हुए योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है. बेहद कम मामलों में ऐसा होता है कि, पूरी प्रक्रिया ही आउटसोर्सिंग एजेंसी के हवाले कर दिया जाये, क्योंकि इसमें कई बार ठेकेदार व्यक्ति के नजदीकी लोगों या अयोग्य व्यक्तियों के नियुक्त हो जाने का खतरा होता है. ऐसे में अमरावती मनपा क्षेत्र में ठेका नियुक्त शिक्षक भर्ती हेतु आवेदन साक्षात्कार व नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया ठेकेदार के हवाले कैसे कर दी गई थी और क्या इसमें कहीं किसी तरह की कोई गडबडी तो नहीं हुई, इसकी निश्चित तौर पर जांच की जाएगी. जिसकी रिपोर्ट आने पर आगे जरुरी कदम उठाये जाएंगे, ऐसा भी मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे द्वारा कहा गया.
* पूरे शहर को साफ-सुथरा रखना पहली जिम्मेदारी
इसके साथ ही इस बातचीत के दौरान शहर में चहूंओर व्याप्त गंदगी और जगह-जगह लगे कचरे के ढेर की ओर ध्यान दिलाये जाने पर मनपा आयुक्त व प्रशासक सचिन कलंत्रे ने कहा कि, महानगरपालिका जैसे स्थानीय स्वायत्त निकाय की प्राथमिक जिम्मेदारियों में अपने शहर को साफ-सुथरा रखने का समावेश होता है. जिसे पहली प्राथमिकता के साथ पूरा करने पर पूरा जोर दिया जाएगा. इस समय झोन निहाय सफाई ठेकेदारों के पास पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारी एवं स्वच्छता संबंधित उपकरण नहीं होने तथा निविदा करार की शर्तों में भी इसे लेकर कोई उल्लेख नहीं रहने की ओर ध्यान दिलाये जाने पर मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे का कहना रहा कि, यद्यपि निविदा करार की शर्तों में सफाई ठेकेदार के पास कम से कम कितने सफाई कर्मचारी हो, उसका उल्लेख नहीं है. लेकिन इतना तो तय है कि, संबंधित ठेकेदारों ने अपने-अपने झोन को साफ-सुथरा रखने से संबंधित काम का ठेका लेते हुए इस काम की जिम्मेदारी ली है. ऐसे में यदि किसी भी झोन के रिहायशी या व्यापारिक क्षेत्र में साफ-सफाई का अभाव रहता है, तो इसके लिए संबंधित ठेकेदार को जिम्मेदार मानते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार मनपा प्रशासन के पास है. यह बात सफाई ठेकेदारों ने भुलना नहीं चाहिए. आयुक्त कलंत्रे के मुताबिक इससे पहले प्रभाग निहाय सफाई ठेका प्रणाली में प्रत्येक प्रभाग हेतु 50-50 सफाई कर्मचारी नियुक्त करने की शर्त हुआ करती थी. उसी हिसाब से झोन निहाय ठेका प्रणाली में भी प्रत्येक प्रभाग हेतु सफाई कर्मचारी नियुक्त होने चाहिए. यह अपने आप में ग्राह्य बात है. यहीं वजह है कि, अब मनपा प्रशासन ने सभी झोन में साफ सफाई हेतु कम से कम 100 सफाई कर्मियों को लगाने का निर्देश स्वच्छता ठेकेदारों को दिया है. ताकि पूरे शहर को साफ-सुथरा रखा जा सके.

* साफ-सफाई के काम की ऑनलाइन मॉनिटरिंग
इस बातचीत के दौरान आयुक्त सचिन कलंत्रे ने अपने मोबाइल पर स्वच्छता एप के रियल टाइम आंकडे बताते हुए कहा कि, अमरावती शहर में कचरा उठाने वाली घंटा गाडियों की किन-किन इलाकों में कितनी फेरियां हो रही है, कितने घरों से कचरा संकलित किया गया है और शहर के विभिन्न इलाकों से कितने कचरा कंटेनरों को कंपोस्ट डिपो तक पहुंचाया गया है. इसका पता मनपा मुख्यालय में बैठे-बैठे भी लगाया जा सकता है. आयुक्त कलंत्रे के मुताबिक उन्होंने शहर के लगभग 2 लाख घरों से रोजाना घंटा गाडियों के जरिए कचरा संकलित करते हुए रोजाना डेढ सौ कचरा कंटेनरों को कंपोस्ट डिपो तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है और इससे स्वच्छता एवं कचरा संकलन ठेकेदार को भी अवगत करा दिया गया है. उनके पास स्वच्छता एप के जरिए रोजाना पहुंंचने वाले आंकडों के मुताबिक शहर में हर रोज डेढ लाख से अधिक घरों तक कचरा उठाने हेतु घंटा गाडियां पहुंच रही है और कचरा संकलन ठेकेदारों के ट्रकों की कंटेनर लेकर कंपोस्ट डिपो तक पहुंचने की हर दिन लगभग 130 से 140 फेरिया हो रही है. यह तय लक्ष्य के अनुपात में लगभग 85 से 90 फीसद है तथा शेष लक्ष्य को भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ-साथ अब नाली एवं सडकों की साफ-सफाई करने वाले सफाई कर्मचारियों के लिए भी शहर के सभी रिहायशी क्षेत्रों में घरों के सामने लगाये गये बारकोड को स्कैन करते हुए सफाई कार्य की जानकारी और ऑनलाइन अपलोड करना अनिवार्य किया गया है.

* मनपा शालाओं में शैक्षणिक गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं
इस बातचीत में साफ-सफाई शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को मनपा की प्राथमिक जिम्मेदारियां बताते हुए आयुक्त सचिन कलंत्रे ने कहा कि, मनपा प्रशासन द्वारा मनपा शालाओं में पढने वाले विद्यार्थियों की सुविधा हेतु तमाम आवश्यक प्रबंध करने की ओर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. जिसके तहत मनपा शालाओं की कक्षाओं को अद्यावत करते हुए डिजिटलाइज करने, शाला की इमारतों को अच्छी स्थिति में रखने, मनपा शालाओं में शुद्ध पेय जल की व्यवस्था उपलब्ध कराने के साथ ही साफ सुथरे प्रसाधन गृह बनाने और पढाई-लिखाई के साथ ही क्रीडा एवं बौद्धिक उपक्रम संबंधित सुविधाएं उपलब्ध कराने की ओर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. इस समय आयुक्त कलंत्रे ने विशेष तौर पर जोर देते हुए कहा कि, मनपा की कई शालाओं में अब कक्षा पहली से ही अंग्रेजी माध्यम में पढाई शुरु हो चुकी है. जिसके चलते अब मनपा शालाओं में पढने वाले बच्चे भी आधुनिक शिक्षा ग्रहण कर सकते है.

* नालसाबपुरा सहित सभी क्षेत्रों में सडकों की होगी गुणवत्ता जांच
स्थानीय नालसाबपुरा परिसर में 50 लाख रुपए की लागत से बनाई गई सिमेंट कांक्रिट की सडक के महज तीन माह में उखड जाने से संबंधित मुद्दे पर मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे का कहना रहा कि, सबसे अव्वल तो उक्त ठेकेदार द्वारा किये गये काम की गुणवत्ता जांच होगी. साथ ही तीन वर्ष के ‘डेफरमेंट पिरियड’ की शर्त के तहत संबंधित ठेकेदार से उक्त सडक का दोबारा निर्माण करवाया जाएगा. इसके साथ ही आयुक्त कलंत्रे ने यह भी कहा कि, विगत एक-दो वर्ष के दौरान अमरावती मनपा क्षेत्र में मनपा द्वारा निजी ठेकेदारों के जरिए जितनी भी सडकों का निर्माण व दुरुस्ती संबंधित काम किया गया है, उन सभी की गुणवत्ता जांच कराई जाएगी.

* वडद के लेआउट का मामला जांच का विषय
मनपा क्षेत्र अंतर्गत वडद परिसर में एक लैंड डेवलपर व बिल्डर द्वारा कृषि भूमि को फर्जी दस्तावेज पेश करते हुए नियमबाह्य तरीके से अकृषक रहने के साथ ही लेआउट के तौर पर मंजूरी हासिल किये जाने से संबंधित मामले को लेकर की गई बातचीत में आयुक्त सचिन कलंत्रे ने कहा कि, अब तक उनकी जानकारी में यह विषय नहीं था. दो दिन पहले ही उन्हें इसका पता चला है. ऐसे में उन्होंने उक्त लेआउट के संबंधित सभी दस्तावेजों की फाइल को अपने पास मंगवाया है. जिन्हे ंदेखने के बाद ही वे इस मामले में अपनी ओर से कुछ कह सकेंगे. साथ ही आयुक्त कलंत्रे ने यह भी कहा कि, वडद स्थित लेआउट से संबंधित मामला सघन जांच का विषय है. ऐसे में उन्होंने गत रोज ही इस मामले की जांच करने का आदेश जारी कर दिया है और जांच शुरु होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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