79 निवेशकों को लगा था 18 करोड रुपयों का चूना
2 साल से अधर में लटका हुआ था मामला
अमरावती/दि.31 – 2 वर्ष पूर्व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ सूचीबद्ध अनुग्रह नामक कंपनी के घाटे को पूरा करने के चक्कर में अमरावती के 79 निवेशकों के करीब 18 करोड रुपए डूब गए थे. जिसके बाद इस हाई प्रोफाइल घोटाला मामले को लेकर अमरावती के निवेशकों ने 2 साल पहले सिटी कोतवाली पुलिस थाने मेें रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद मामले की जांच पूरी करते हुए आर्थिक अपराध शाखा ने गत रोज अदालत में 9652 पन्नों की चार्जशीट पेश कर दी. जिसमें अनुग्रह के अधिकृत ब्रोकर परेश कारिया सहित कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है. जिसके चलते अब अमरावती के निवेशकों को इंसाफ मिलने की उम्मीद बढ गई है.
बता दें कि, अनुग्रह घोटाला मामले की शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने अनुग्रह के अधिकृत ब्रोकर परेश कारिया को हिरासत में लेते हुए उससे अमरावती में लगातार 7 दिनों तक कडी पूछताछ की थी. जिसके बाद एनएसई की प्रिया सुब्र्रमण्यम, विक्रम लिमय, अनिल गांधी व एडलवाइस कस्टोडियल सर्विसेस लिमिटेड आदि को बतौर आरोपी नामजद किया गया. अमरावती के पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी के मार्गदर्शन व आर्थिक अपराध शाखा के पीआई शिवाजी बचाटे के नेतृत्व में एपीआई इमरान नाइकवाड ने बडी मेहनत के साथ इस मामले की जांच की. मुंबई से तबादले पर अमरावती आए एपीआई इमरान नाईकवाड ने इस घोटाले के प्रत्येक पहलू को अदालत के ध्यान में लाकर देने हेतु बडी बारिकी के साथ चार्जशीट तैयार की है.
उल्लेखनीय है कि, इसी मामले को लेकर राज्य के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक व मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे को जेल जाना पडा. जिन्होंने अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय को इस मामले की जांच रोक देने का पत्र जारी किया था. जिसकी वजह से अमरावती की तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह द्बारा इस मामले की जांच को रोक दिया गया था. परंतु अमरावती के निवेशकों द्बारा फौजदारी प्रक्रिया संहिता 156 के तहत अदालत जाने की तैयारी किए जाने की खबर मिलते ही कोतवाली पुलिस द्बारा एफआईआर दर्ज की गई और फिर मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई. पश्चात आर्थिक अपराध शाखा ने इस घोटाले की जांच पूरी करते हुए गत रोज स्थानीय अदालत ने 9652 पन्नों की चार्जशीट दायर की.