अमरावती/प्रतिनिधि दि.४ – कोरोना काल में लोग पूरी तरह से अपनी सेहत को लेकर सतर्कता बरतने लगे हैं. बुखार नापने के लिए अब लोगों के घरों में थर्मामीटर दिखाई देने लगा है. थर्मामीटर की बिक्री में कोरोना काल में काफी इजाफा दिखाई दे रहा है. थर्मामीटर की डिमांड तीन गुना बढ़ी है.
यहां बता दें कि एक दौर ऐसा था कि थर्मामीटर केवल सरकारी और निजी अस्पतालों में ही उपलब्ध रहता था. वहीं कुछ शिक्षित नागरिकों के घरों में बुखार नापने के लिये कांच का थर्मामीटर दिखाई देता था. बुखार की तीव्रता को घर बैठे ही कांच के थर्मामीटर में आसानी से नापा जाता था. शरीर गर्म होने पर ठंडे पानी की पट्टियां रखी जाती थी या फिर डॉक्टर के पास ले जाया जाता था. लेकिन अब हर घर में थर्मामीटर दिखाई देने लगा है. सेहत के लिये जो उपकरण उपयोग में लाया जाता है, इसमें थर्मामीटर पहले नंबर पर है. अब थर्मामीटर के साथ-साथ ब्लडप्रेशर जांचने, ऑक्सीजन का स्तर जांचने के लिये ऑक्सीमीटर सहित अनेक उपकरण बाजार में उपलब्ध है और इन उपकरणों को लोग खरीदते नजर आ रहे हैं. केवल स्टेथसकोप ही ऐसा उपकरण है, जिसे किसी ने अब तक नहीं खरीदा है. जबकि डॉक्टरों के पास मौजूद रहने वाले सभी उपकरण अब घरों में दिखाई देने लगे हैं.
ज्यादातर लोग डिजिटल थर्मामीटर को प्राथमिकता दे रहे हैं. जिसमें बुखार आने पर वह कितना है वह तुरंत पता चलता है. बुखार नापने वाले कांच के थर्मामीटर को बगल या फिर मुंह में कुछ समय तक रखा जाता है. लेकिन डिजिटल और बुखार नापने वाले थर्मामीटर के ट्रेम्प्रेचर मेंं कुछ अंश का फर्क दिखाई देता है. डिजिटल थर्मामीटर 2 से 3 अंश तक तापमान अधिक दिखाता है. इसके अलावा अब इन्फ्रा रेड यानि बंदूक के समान दिखाई देने वाला थर्मामीटर भी बाजार में उपलब्ध है. इस थर्मामीटर में उपयोग में लाया जाने वाला सेंसर चीन से मंगाया जाता है. कोविड दौर में सभी सरकारी, निजी कार्यालयों में ट्रेम्प्रेचर जांचना अनिवार्य किया गया है.
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घर में दो-दो दिखाई दे रहे थर्मामीटर
कोरोना काल में लगभग सभी घरों में थर्मामीटर दिखाई देते हैं. इसमें भी यदि घर में किसी को कोविड का संक्रमण हुआ हो तो उसके लिये अलग और अन्यों के लिये अलग थर्मामीटर खरीदे जा रहे हैं. इसलिए कोविड की दूसरी लहर में थर्मामीटर की डिमांड तीन गुना बढ़ी है.