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उनके पास बेतुके बयान देने के अलावा कोई काम नहीं

पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने सांसद नवनीत राणा पर साधा निशाना

* बोली : मैं राजनीतिक नौटंकी व मार्केटिंग करने में नहीं रखती भरोसा                                              * विलास इंगोले व बबलु शेखावत के साथ कोल्हे परिवार से मुलाकात होने की बात भी कही                         अमरावती/दि.9– जिले की पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने अब तक उमेश कोल्हे के आवास पर भेंट नहीं दी है और यशोमति ठाकुर ने महाविकास आघाडी की सरकार में पालकमंत्री रहने के दौरान पुलिस पर इस मामले की वजह दबाये रखने के लिए दबाव भी बनाया था, ऐसा आरोप जिले की सांसद नवनीत राणा द्वारा लगाया गया था. जिस पर पलटवार करते हुए पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, सांसद नवनीत राणा के पास बेतुके बयान देने के अलावा अन्य कोई काम नहीं है. ऐसे में इस तरह की बातोें का कोई क्या जवाब दें.
पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए कहा कि, अमित मेडिकल्स् के संचालक उमेश कोल्हे उनके व उनके परिजनों के बेहद करीबी थे. चूंकि उन्होंने (यशोमति ठाकुर) कई पालतु जानवर पाल रखे है, जिनकी दवाई व पशु खाद्य उमेश कोल्हे द्वारा संचालित मेडिकल से ही लाया जाता था. जिसके चलते उमेश कोल्हे का ठाकुर परिवार के साथ अच्छा संबंध रहा. जब उन्हें इस नृशंस हत्या के बारे में पता चला, तो वे उस समय मुंबई में थी और अमरावती वापिस लौटते ही उन्होेंने कोल्हे परिवार के घर पर भेंट भी दी. इस समय उनके साथ पूर्व महापौर विलास इंगोले, कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत तथा महिला कांग्रेस की शहराध्यक्ष अंजली ठाकरे भी मौजूद थी. लेकिन उन्होंने इस सांत्वना भेंट की कोई ‘मार्केटिंग’ नहीं की. हालांकि जिस समय वे कोल्हे परिवार के घर से बाहर निकल रही थी, तब एक मराठी न्यूज चैनल के प्रतिनिधि वहां मौजूद थे. जिन्होंने उनका वहीं पर साक्षात्कार भी लिया था.
इस बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने उस आरोप को भी सिरे से खारिज किया. जिसमें कहा गया कि, महाविकास आघाडी सरकार के समय स्थानीय पुलिस प्रशासन पर मामले को दबाने के लिए दबाव डाला गया. पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के मुताबिक अब खुद प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये यह बात सबके सामने आ गई है कि, पुलिस पर ऐसा कोई दबाव नहीं था और पुलिस ने कभी भी इस मामले में लूटपाट या छीना-झपटी वाला एंगल नहीं जोडा था, बल्कि इसे पहले दिन से साफ तौर पर हत्या का मामला ही माना जा रहा था. हालांकि पहले दो दिनों तक पुलिस के पास कोई सबूत या सुराग नहीं थे. ऐसे में मीडिया के जरिये ही ये संभावना सामने आयी थी कि, संभवत: यह हत्या कुछ अज्ञात लोगों ने लूटपाट के इरादे से की होगी, लेकिन जहां हमारी जानकारी है, अमरावती शहर पुलिस ने हत्या की वजह को लेकर यह बात कभी नहीं कही थी.

* हम पर आरोप लगानेवाले अपने गिरेबान में झांके
इस बातचीत के दौरान पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने बडे मुखर तौर पर यह भी कहा कि, उमेश कोल्हे हत्याकांड का मुख्य मास्टरमाइंड रहनेवाले शेख इरफान किस राजनीतिक दल के साथ जुडा हुआ था और उसके किस नेता के साथ फोटो है, यह बात अब सभी के सामने आ चुकी है. इसी तरह राजस्थान के उदयपुर में हुई हत्या में शामिल आरोपी के किस राजनीतिक दल के साथ संबंध रहे, यह बात भी अब सबके सामने है. ऐसे में हम पर आरोप लगानेवालों को चाहिए कि, वे अपने गिरेबान में झांककर देखे और बेवजह के उलुलु-जुलूल बयान न दें.

* अनुशासनहिनता पर पार्टी कार्रवाई तो करेगी ही
राज्यसभा व विधान परिषद के चुनाव के समय पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करने और विगत दिनों विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव के समय मतदान में अनुपस्थित रहने के मामले को लेकर कांग्रेस द्वारा अपने 11 विधायकों के नाम नोटीस जारी की गई है, इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, जिन लोगों ने पार्टी के आदेश का उल्लंघन करते हुए अनुशासनहिनता की है, उन पर पार्टी द्वारा निश्चित रूप से कार्रवाई तो की ही जायेगी, लेकिन किन-किन विधायकों के खिलाफ कौनसी कार्रवाई होगी, यह पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले को ही पता है. इसी संदर्भ में पूछे गये एक और सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, विश्वासमत प्रस्ताव के समय तो अमरावती जिले के तीनों विधायक सदन में मौजूद थे. अत: इस मामले को लेकर तीनों में से किसी को भी नोटीस मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता, लेकिन विधान परिषद चुनाव में पार्टी प्रत्याशी चंद्रकांत हंडोरे की हार कैसे हुई, इसे लेकर विदर्भ क्षेत्र के कुछ विधायकों पर गाज जरूर गिर सकती है.

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