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‘वे’ दोनों थे ‘उन’ सातोें आरोपियों के ‘क्रिमिनल एसोसिएट’

मामला उमेश कोल्हे हत्याकांड का

* दोनोें आरोपियों से कोतवाली थाने में ‘इंट्रॉगेशन’
* दोनोें के घरों की भी ली गई ‘झडती’
अमरावती/दि.5– स्थानीय मेडिकल व्यवसायी उमेश कोल्हे के हत्याकांडवाले मामले में मंगलवार की रात एनआईए द्वारा अमरावती पहुंचकर दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. जिनके साथ एनआईए की टीम द्वारा स्थानीय सिटी कोतवाली पुलिस थाने में पूछताछ की जा रही है. इस पूछताछ के जरिये पता चला है कि, इससे पहले हिरासत में लिये गये सातों आरोपियों के ये दोनोें आरोपी अपराधिक सहयोगी थे, यानी पहले हिरासत में लिये गये सातों आरोपियों के अपराधिक कृत्य में इन दोनोें आरोपियों का सहयोगात्मक सहभाग रहा.
बता दें कि, उमेश कोल्हे हत्याकांड में एनआईए ने बिलाल कालोनी निवासी मौलाना मुश्फिक अहमद अ. रशीद (41) तथा इमामनगर निवासी अब्दुल अरबाज अब्दुल सलीम (23) को बीते मंगलवार अपनी हिरासत में लिया था. इन दोनोें आरोपियों को उनके घर से गिरफ्तार करते हुए स्थानीय अदालत में पेश किया गया. जहां से दोनोेें आरोपियों के लिए 7 अगस्त तक ट्रांजिट रिमांड हासिल की गई. ऐसे में उन्हें 7 अगस्त तक मुंबई सेशन कोर्ट की विशेष अदालत के सामने पेश किया जायेगा. वही बुधवार की सुबह से गुरूवार की दोपहर तक एनआईए के तीन अधिकारियों की टीम ने कोतवाली पुलिस थाने में मौलान मुश्फिक व अरबाज से कडाई के साथ पूछताछ की. जिसमें पता चला कि, उमेश कोल्हे की हत्या के बाद फरार हुए डॉ. युसुफ व शेख इरफान सहित अन्य आरोपियों का फरारी के दौरान खर्च उठाने हेतु कुछ लोगों से रकम इकठ्ठा की गई थी और यह रकम इकठ्ठा करने का काम मौलाना मुश्फिक अहमद ने किया था. वही अब्दुल अरबाज ने फरार आरोपियोें के छिपने हेतु जगह की व्यवस्था की थी. ऐसा एनआईए के सूत्रों से पता चला है. साथ ही यह भी जानकारी सामने आयी है कि, इससे पहले गिरफ्तार किये गये सातों आरोपियों को मौलाना मुश्फिक व अब्दुल अरबाज ने इस अपराधिक वारदात से पहले व बाद में प्रत्यक्ष सहायता की थी. इस हत्याकांड का पूरी तरह से राजफाश करने और इसकी तह तक जाने के लिए एनआईए का पथक अमरावती में ठिय्या जमाये बैठा है और गुरूवार को स्थानीय पुलिस की सहायता से दोनों आरोपियों के घरों की तलाशी ली गई. इस समय कोतवाली पुलिस सहित नागपुरी गेट व अपराध शाखा पुलिस की टीम भी एनआईए के साथ थी.
* यह था पूरा मामला
21 जून की रात 10 बजे के आसपास मेडिकल व्यवसायी उमेश कोल्हे की घंटाघरवाली गली में उस समय गला रेतकर हत्या कर दी गई थी, जब वे प्रभात चौक स्थित अमित मेडिकल्स नामक अपना प्रतिष्ठान बंद करने के बाद हमेशा की तरह घंटाघरवाली गली से होकर अपने घर जाने निकले थे. पश्चात मामले की जांच करते हुए कोतवाली पुलिस और शहर अपराध शाखा पुलिस ने इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड शेख इरफान शेख रहिम व पशु चिकित्सक डॉ. युसुफ खान सहित अन्य पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस हत्याकांड के बाद अगले दस दिनों तक यही पता नहीं चल पाया था कि, आखिर उमेश कोल्हे को इतनी बेदर्दी के साथ मौत के घाट क्यों उतारा गया. हालांकि इसे लेकर दबी जुबान में काफी चर्चाएं चल रही थी. पश्चात पूरे मामले का राजफाश करते हुए 2 जुलाई को शहर पुलिस आयुक्त द्वारा पत्रकार परिषद बुलाकर बताया गया कि, एक टीवी न्यूज चैनल की डीबेट के दौरान विवादास्पद टिप्पणी करनेवाली भाजपा नेत्री नुपुर शर्मा के समर्थन में वॉटस्अप ग्रुप पर पोस्ट शेयर करने के चलते उमेश कोल्हे की हत्या की गई थी. इसी दिन इस मामले की जांच अधिकृत तौर पर एनआईए को सौंप दी गई. हालांकि एनआईए की टीम इससे करीब तीन दिन पहले ही अमरावती पहुंच चुकी थी और एनआईए के अधिकारियों ने मामले की जांच अपने स्तर पर करनी शुरू कर दी थी. पश्चात एनआईए ने इस मामले को लेकर मुंबई में सातों आरोपियों के खिलाफ युएपीए कानून के तहत स्वतंत्र एफआईआर दर्ज करायी और सातों आरोपियों को मुंबई ले जाकर दो बार एनआईए की कस्टडी में रखा गया. पश्चात उन्हें अदालत के आदेश पर न्यायिक हिरासत के तहत मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में भेज दिया गया. वहीं एनआईए का एक दल विगत मंगलवार को ही अमरावती पहुंचा. और यहां पर मंगलवार की रात उमेश कोल्हे हत्याकांड से जुडे और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

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