अमरावतीमहाराष्ट्र

शिर्डी में कल से तृतीय महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद

अमरावती से 90 से अधिक मंदिर प्रतिनिधि रवाना

अमरावती/दि.23-शिर्डी में 24 और 25 दिसंबर को आयोजित तीसरे महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद के लिए अमरावती जिले के मंदिर प्रतिनिधि और न्यासी एकवीरा देवी मंदिर के प्रांगण से अंबामाता और एकवीरामाता का आशीर्वाद लेकर निजी बस द्वारा जय श्रीराम के उद्घोष के साथ रवाना हुए.
महाराष्ट्र मंदिर महासंघ, मुंबई की श्री जीवदानी देवी संस्था, श्री ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर देवस्थान, श्री साई पालखी निवारा और हिंदू जनजागृति समिति के संयुक्त प्रयास से 24 और 25 दिसंबर 2024 को श्री साई पालखी निवारा, नगर-मनमाड़ रोड, निमगांव, शिर्डी में तीसरे महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद का आयोजन किया गया है. इस परिषद में पूरे महाराष्ट्र से 1 हजार से अधिक आमंत्रित मंदिरों के न्यासी, प्रतिनिधि, पुरोहित, मंदिरों की रक्षा के लिए कार्य करने वाले अधिवक्ता, और शोधकर्ता शामिल होंगे. अमरावती जिले से श्री वाघा माता संस्थान परतवाड़ा, श्री अंबा देवी संस्थान अमरावती, श्री एकवीरा देवी संस्थान अमरावती, श्री कार्तिक स्वामी व लक्ष्मीनारायण संस्थान अचलपुर, श्री पिंगला देवी संस्थान नेरपिंगलाई, श्री नागेश्वर महादेव संस्थान धामंत्री, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज श्री गुरुदेव सेवा मंडल, संत लहाणूजी महाराज संस्थान टाकरखेड़ा, संत गुलाब बाबा संस्थान टाकरखेड़ा मोरे, जयपुरी महाराज संस्थान निमखेड़ बाजार, श्रीराम मंदिर संस्थान रिद्धपुर, मारुति महाराज संस्थान मोर्शी, मारुति महाराज संस्थान हिवरखेड़, नौजवान दुर्गा देवी मंदिर अमरावती, आशा मनीषा देवस्थान दर्यापुर, श्री मारुति संस्थान हातुर्णा, श्रीकृष्ण मंदिर चांदूर रेलवे और अन्य 90 से अधिक मंदिरों के प्रतिनिधियों का समावेश है. ये सभी मंदिर प्रतिनिधि निजी बस और निजी वाहनों के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं.
इस परिषद में ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु जैन, स्वतंत्रता वीर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर, प्रसाद काठे, मंदिर क्षेत्र के लेखक-शोधकर्ता संदीप सिंह, अष्टविनायक मंदिरों के न्यासी, महाराष्ट्र के ज्योतिर्लिंग देवस्थान न्यासी, संत पीठ के प्रतिनिधि और हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे सहित अन्य प्रमुख व्यक्ति शामिल होंगे. इस परिषद में प्रतिष्ठित व्यक्तियों का मार्गदर्शन, मंदिरों से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा सत्र आयोजित किए जाएंगे. इनमें ‘मंदिरों को सनातन धर्म प्रचार के केंद्र बनाना’, ‘मंदिरों को सरकारीकरण से मुक्त करना’, वक्फ अधिनियम के तहत मंदिरों की जमीन पर अतिक्रमण रोकने और मंदिरों को बचाने के उपाय, मंदिरों और तीर्थ स्थलों के आसपास मांस-मद्य पर प्रतिबंध, उपेक्षित मंदिरों का पुनरुद्धार आदि विषयों पर चर्चा होगी.

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