* पहली व दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर रही कम खतरनाक
* विगत डेढ माह दौरान मिले साढे 11 हजार मरीज
* संक्रमितों के भरती होने व मौत का प्रमाण कम, आज 1 की मौत
* डेढ माह दौरान ओमिक्रॉन के भी 28 संक्रमित मरीज मिले
अमरावती/दि.21– विगत दिसंबर माह के अंत और जनवरी माह के प्रारंभ से कोविड संक्रमण की तीसरी लहर का असर शुरू हुआ था. जिसमें सर्वाधिक खतरा कोविड वायरस के ओमिक्रॉन वेरियंट को लेकर जताया जा रहा है. जिससे पिछली दो लहरोें के अनुभवों को देखते हुए नागरिकों में काफी हद तक डर और हडकंप व्याप्त था और जनवरी व फरवरी माह के दौरान करीब साढे 11 हजार लोग संक्रमण की चपेट में आये. लेकिन राहतवाली बात यह भी रही कि, इस दौरान संक्रमितों में बीमारी के तीव्र लक्षण नहीं देखे गये और ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भरती भी नहीं करना पडा. वहीं पिछले कुछ दिनों से रोजाना पाये जानेवाले संक्रमितों की संख्या घट रही है और विगत 24 घंटे के दौरान अमरावती जिले में केवल 1 व्यक्ति कोविड संक्रमित पाया गया. यह अपने आप में बेहद राहतवाली खबर रही. जिससे यह संदेश मिल रहा है कि, अब संक्रमण की रफ्तार लगभग पूरी तरह से खत्म हो चुकी है.
जहां एक ओर संक्रमितों की संख्या में कमी आने के साथ ही आज केवल 1 संक्रमित पाया गया. वही चिंतावाली बात यह भी रही कि, विगत 24 घंटे के दौरान जिले में 1 व्यक्ति की संक्रमण के चलते मौत हुई है. हालांकि राहतवाली बात यह भी रही कि, विगत दो लहरों की तुलना में तीसरी लहर के दौरान होनेवाली मौतों की संख्या काफी हद तक कम रही और विगत डेढ माह में तीसरी लहर के दौरान 20 से भी कम संक्रमितों की इस बीमारी की वजह से मौत हुई है.
उल्लेखनीय है कि, तीसरी लहर के दौरान बडे पैमाने पर ओमिक्रॉन वेरियंट का खतरा बताया जा रहा था. जिसके चलते दिसंबर माह के दौरान से थ्रोट स्वैब सैम्पलों में एसजीन ड्रॉप रहने पर संबंधितों के सैम्पलों को ओमिक्रॉन टेस्टिंग हेतु पुणे व दिल्ली स्थित प्रयोगशालाओं में भिजवाया जा रहा था. जिसमें से अब तक 28 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव आयी है. ध्यान देनेवाली बात यह भी है कि, जनवरी माह के तीसरे सप्ताह में ही राज्य सरकारने निर्णय लेते हुए यह तय कर लिया कि, अब कोविड संक्रमित पाये जानेवाले सभी मरीजोें को ओमिक्रॉन संक्रमित ही माना जायेगा और अलग से उनकी टेस्ट नहीं करायी जायेगी. जिसके चलते सैम्पलों को बेहद जरूरी होने पर ही जांच हेतु पुणे की प्रयोगशाला में भिजवाया जाने लगा. यहां से रिपोर्ट मिलने में 10 से 12 दिन का समय लगता है. इस दौरान संबंधित मरीज कोविड अस्पताल से डिस्चार्ज भी हो चुका रहता है. ऐसे में कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि, विगत दो लहरों की तुलना में तीसरी लहर काफी हद तक कम खतरनाक रही.
* आज 27 डिस्चार्ज, केवल 20 भरती
बता दें कि, इस समय जिले में एक्टिव पॉजीटीव मरीजों की संख्या 94 है. इन एक्टिव पॉजीटीव मरीजों में मनपा क्षेत्र के 54 तथा ग्रामीण क्षेत्र के 40 मरीजों का समावेश है. इनमें से 20 मरीज कोविड अस्पताल में भरती है. वहीं मनपा क्षेत्र में 24 व ग्रामीण क्षेत्र में 50 मरीजों को होम आयसोलेशन में रखा गया है. साथ ही 27 मरीज कोविड मुक्त भी हुए.
* पॉजीटिविटी रेट 0.32 व रिकवरी रेट 98.38 फीसद
बीते 24 घंटे के दौरान जिले में 313 संदेहितों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच की गई. जिसमें से 0.32 फीसद की टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव आयी है. वहीं इस समय कोविड संक्रमित मरीजों के कोविड मुक्त होने का प्रमाण 98.38 फीसद के स्तर पर है.
* संभाग में 24 पॉजीटीव, 173 हुए कोविड मुक्त
वहीं समूचे संभाग में विगत 24 घंटे के दौरान कुल 24 कोविड संक्रमित मरीज पाये गये. जिनमें अकोला के 10, यवतमाल के 4, बुलडाणा के 5 व वाशिम के 4 मरीजों का समावेश है. वहीं राहतवाली बात यह भी रही कि, बीते 24 घंटे के दौरान संभाग में 173 मरीज कोविड मुक्त हुए. जिनमें अकोला के 13, यवतमाल के 11, बुलढाणा के 96 व वाशिम के 27 व्यक्तियों का समावेश रहा.
संभाग में अब तक 3 लाख 95 हजार 936 कोविड संक्रमित मरीज पाये जा चुके है. जिनमें 3 लाख 89 हजार 301 मरीज कोविड मुक्त हो चुके है. वहीं कोविड संक्रमण के चलते संभाग में अब तक 5 हजार 980 मरीजों की मौत हो चुकी है. जिनमें अमरावती के 1 हजार 620, अकोला के 1 हजार 466, यवतमाल के 1 हजार 802, बुलडाणा के 688, वाशिम के 404 मरीजों का समावेश है.