26 जनवरी के बाद करेगें सरकार की तेरहवी
पत्रवार्ता में एड. दिलीप एडतकर ने दी जानकारी
कहा- धनगर समाज के आरक्षण विषय पर सरकार ने अभी तक नहीं लिया कोई निर्णय
अमरावती/दि.17- 2014 के पूर्व कॉग्रेस-राष्ट्रवादी कॉग्रेस पार्टी की सरकार रहने के बावजूद भी धनगर समाज के आरक्षण के विषय में किसी तरह का निर्णय न लिए जाने से नाराज धनगर समाज ने 2014 के चुनाव में कॉग्रेस- राष्ट्रवादी कॉग्रेस पार्टी की सरकार को अपना वोट न डाल कर उसे सत्ता से बाहर कर दिया था. इसी तरह वर्तमान बीजेपी सरकार ने भी अगर जल्द ही धनगर समाज के बारे में नही सोचा तो 26 जनवरी के बाद राज्य के हर गांव-तहसील में सरकार की तेरहवी किए जाने की जानकारी धनगर परिषद विदर्भ प्रदेश के एड. दिलीप एडतकर ने एक पत्रवार्ता के दौरान दी.
स्थानीय राजापेठ स्थित पत्रकार भवन में आयोजित पत्रवार्ता के दौरान बताया गया कि धनगर समाज को आरक्षण देने के विषय में शिंदे समिती का गठन किया गया था. किंतु इस समिती ने अभी तक कोई अहवाल नहीं दिया. वही धनगर समाज व्दारा कई आंदोलन, मोर्चे निकाले गए मगर उसके बावजूद भी सरकार ने किसी तरह की दखल नहीं ली. यहां तक नागपुर अधिवेशन के दौरान भी धनगरों का भव्य मोर्चा नागपुर विधान भवन के सामने निकाला गया. मगर न ही सरकार के किसी मंत्री ने, न ही मुख्यमंत्री ने धनगर समाज के साथ बैठक आयोजित कर धनगर आरक्षण पर बात करने की कोशिश की है. इस लिए धनगर परिषद विदर्भ प्रदेश के सदस्यों ने निर्णय लिया है कि धनगर समाज व्दारा जो निर्णय 2014 में लिया गया था, उसी तरह का निर्णय 2024 में वर्तमान बीजेपी सरकार के खिलाफ लिया जाएगा. कोई भी धनगर समाज बीजेपी को वोट नहीं देगा. 26 जनवरी तक सरकार धनगर परिषद विदर्भ प्रदेश के धनगर समाज के प्रतिनिधियों को बुला कर चर्चा कर आरक्षण के विषय में ठोस निर्णय ले अन्यथा 26 जनवरी के बाद धनगर समाज रास्ते पर उतरेगी तथा जिले के हर तहसील-गांव में सरकार की तेरहवी आंदोलन किया जाएगा. एडतकर ने आगे कहा कि धनगर समाज के आरक्षण विषय पर सरकार किसी तरह का निर्णय नहीं लेना चाहती है, इसीलिए ऐसा लग रहा है कि सरकार धनगर आरक्षण के लिए गंभीर नहीं दिखाई दे रही है. उन्होनें आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी धनगर आरक्षण का मुद्दा उठता है, तो आरक्षण को सामने लाने वाला या तो विधायक बनता है या सांसद या फिर मंत्री बन जाता है, जिसके कारण धनगर आरक्षण का मुद्दा आगे बढ नहीं पाता. पत्रवार्ता में एड. दिलीप एडतकर के साथ ज्ञानेश्वर ढोमणे, उमेश घुरडे, प्रमोद कापडे, सुभाष गोहत्रे, काशीनाथ फुटाने, अशोक ईसल, नामदेव खैरकर, डॉ. अविनाश मोहोड, प्रकाश वाढे, भास्कर पूनसे, दिनेश बांबल लक्ष्मण उघडे आदि सहित समिती के अन्य सदस्य उपस्थित थे.