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पैसे बांटकर दंगे कराना यह कांग्रेस की संस्कृति

पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील का कथन

* भाजपा पर लग रहे आरोपों को लेकर किया पलटवार

अमरावती/दि.17- यदि आज तक महाराष्ट्र सहित देश में अलग-अलग स्थानों पर हुए दंगों का इतिहास देखा जाये, तो साफ दिखाई देता है कि, हमेशा ही कांग्रेस ने लोगों की धार्मिक भावनाएं भडकाकर और पैसे बांटकर दंगे करवाये है. हिंसा पर उतारू लोगों को पैसे बांटकर दंगे करवाना यह कांग्रेस की संस्कृति है और कांग्रेसियों को ही इस बारे में बेहतर पता रहता है. इसीलिए अमरावती में दंगा सदृश्य हालात पैदा होते ही कांग्रेसियों ने हम पर इस तरह के आरोप लगाने शुरू किये है. जबकि ऐसा करना भाजपा के आचरण, व्यवहार व स्वभाव का हिस्सा कभी नहीं रहा. इस आशय का प्रतिपादन पूर्व जिला पालकमंत्री व विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील ने किया.
बता दें कि, विगत दिनों राज्य सरकार में मंत्री रहनेवाले नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि, राज्य के एक पूर्व मंत्री ने अमरावती में दंगा फैलाने हेतु मुंबई से पैसों की फंडींग करवाई तथा अमरावती में एक विधायक के जरिये लोगों में पैसे व शराब बांटे गये, ताकि वे दंगा और उत्पात करे. नवाब मलिक ने सीधे तौर पर भाजपा नेता डॉ. अनिल बोंडे का नाम लेने के साथ ही इस पूरे मामले के लिए भाजपा नेताओं को जिम्मेदार बताया था. जिस पर पलटवार करते हुए पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने कहा कि, शनिवार को भाजपा द्वारा किये गये आवाहन पर अमरावती के लोगों ने स्वयंस्फूर्त रूप से बंद में हिस्सा लिया था और शनिवार को जो कुछ भी हुआ, वह शुक्रवार की घटना की तत्कालिक प्रतिक्रिया थी. जिसमें पूर्व नियोजीत तो कुछ भी नहीं था, किंतु नवाब मलिक व उन जैसे लोगों ने इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि, शुक्रवार को जो कुछ भी पूर्व नियोजीत तरीके से किया गया, उसके पीछे किसका दिमाग और किसकी फंडींग थी. पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील के मुताबिक शुक्रवार को रजा अकादमी के आवाहन पर निकाले गये मोर्चे के दौरान केवल अमरावती में ही नहीं, बल्कि नांदेड व मालेगांव जैसे राज्य के अन्य हिस्सों में भी हिंसा हुई और सुनियोजीत तरीके से हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाकर तोडफोड की गई. आखिर यह सब किसके इशारे पर हुआ और इसके लिए किसने पैसा मुहैय्या कराया.
दैनिक अमरावती मंडल के साथ इस विषय को लेकर विशेष तौर पर बातचीत करते हुए पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने यह भी कहा कि, हमेशा ही दूसरों को लेकर उलुल-जुलूल बयान देनेवाले और बेसिरपैर के आरोप लगानेवाले नवाब मलिक ने अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए. क्योेंकि रजा अकादमी के साथ नवाब मलिक के क्या संबंध है, यह धीरे-धीरे सभी के सामने आ रहा है. साथ ही इससे पहले भी नवाब मलिक कई बार झूठे आरोप लगाने के बाद मुंह की खा चुके है और कई मानहानि के दावों का सामना भी कर रहे है. बहुत जल्द इस मामले में भी हम दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे तथा रजा अकादमी की आड लेकर किन लोगोें ने महाराष्ट्र की शांति व व्यवस्था को भंग करने का प्रयास किया, इसका खुलासा करेंगे.
भाजपा द्वारा राज्य की महाविकास आघाडी सरकार को अस्थिर करने तथा मुश्किल में डालने के लिए शनिवार को अमरावती में दंगे की भूमिका तैयार की गई. इस आशय का आरोप भी नवाब मलिक द्वारा लगाया गया था. इसे लेकर सवाल पूछे जाने पर पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने कहा कि, यदि ऐसा होता, तो नांदेड व मालेगांव में भी दंगे भडकने चाहिए थे, केवल अमरावती में ही ऐसे हालात क्यों बने. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, राज्य की महाविकास आघाडी सरकार को अस्थिर करने की कोई जरूरत ही नहीं है, क्योंकि तीन दलोंवाली यह सरकार आपसी अंतर्कलह के चलते खुद ही अस्थिर है और कभी भी गिर सकती है. सत्ता की लालच में तीन विपरित विचारधाराओं वाले दलों द्वारा साथ आकर गठित हुई इस सरकार का आम जनता के अच्छे-बुरे से कोई लेना-देना नहीं है. यहीं वजह है कि, अमरावती में पैदा हुए दंगा सदृश्य हालात को लेकर कैबिनेट मंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर रहनेवाले व्यक्ति द्वारा गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी की जा रही है और सरकार में शामिल नेता ऐसे व्यक्ति को चुप कराने की बजाय उसे ढोने पर मजबूर है.

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