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स्थानीय कलाकारों के प्रति यह भावना और तैयारी

हजारों कुर्सियां, दर्जनों सोफे, 20 बाऊंसर, 60 सुरक्षाकर्मी, दर्शक 5

अमरावती के ‘महासांस्कृतिक महोत्सव’ का हाल
अमरावती/दि.20 – शहर के साईंसकोर मैदान में पर्यटन व सांस्कृतिक कार्य विभाग, महाराष्ट्र राज्य व जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से आयोजित ‘महासंस्कृतिक महोत्सव’ में स्थानीय कलाकारों के प्रति क्या भावना है यह साफ झलक रही है. वही चंद दिनों की तैयारी में महोत्सव के आयोजकों ने कितने दर्शक जुटाए वह भी यहां आकर पता चलता है. कार्यक्रम स्थल पर दर्शकों के लिए हजारों कुर्सियां सजाई गई है. वीवीआईपी तथा आमंत्रितों के लिए दर्जनों आरामदायक सोफे रहने के बावजूद भी यहां न वीवीआईपी नजर आ रहे है न ही दर्शक. वही आयोजकों के कार्यकर्ता ही सोफे पर बैठ कर दर्शकों की कमी पूरी करने की कोशिश कर रहे है.
बता दे कि रंगारंग ‘महासास्कृतिक महोत्सव’ के नाम से जिला प्रशासन व मनपा के सहयोग से पर्यटन व सांस्कृतिक कार्य विभाग, महाराष्ट्र राज्य व जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से आयोजित ‘महासंस्कृतिक महोत्सव’ का कार्यक्रम साईंसकोर मैदान में 18 फरवरी से शुरू किया गया है. यह कार्यक्रम 22 फरवरी तक चलेगा. 5 दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम के माध्यम से मुंबई व अन्य बडे शहरों से बडे-बडे कलाकारों को भी आमंत्रित किया गया है. बाहर से आने वाले बडे कलाकारों के लिए दो दर्जन से अधिक बाऊंसर, 60 से अधिक सुरक्षा कर्मी आखिर क्यों..? क्या कलाकारों को स्थानीय नागकिरों से जीवित हानी का खतरा है.? यह बात समझ से परे दिखाई पड रही है. आम दर्शकों के लिए बिल्कुल मुफ्त आयोजित कार्यक्रम में जिला प्रशासन सहित 3 बडे विभागों व्दारा मिल कर भी यहां दर्शकों को नहीं जुटा पाना यह हास्यास्पद नजर आ रहा है. इसे विभागों की कमी कहे या काम चोरी यहां आने वालों को यही समझ नहीं आ रहा है. इस कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों की बजाए स्थानीय हौसी कलाकारों को आमंत्रित किया जा रहा है. जिसमें हौसी कलाकारों को ‘स्वयं आओ, नाम बताओ और गाओ’ की तर्ज पर बकायदा माईक पर अलाऊंसमेंट भी किया जा रहा है. जिसमें इन मिन साढे तीन कलाकार ही आयोजको व्दारा जुटाए जा रहे है. लाखों रुपए खर्च करने के बावजुद इतने बडे कार्यक्रम का सही तरीके से नियोजन न करना आयोजनकर्ता व इससे संबंधित विभागों की कमजोरी मानी जा रही है.

गायक सुदेश भोसले ने पुलिस विभाग से मांगी माफी
ज्ञात हो कि 18 फरवरी को ‘महासंस्कृति महोत्सव’ का उद्घाटन जिलाधिकारी व मनपा आयुक्त के उपस्थिती में संपन्न हुआ. इसी दिन मुंबई के बडे कलाकार सुदेश भोसले का रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था. दर्शकों की कमी के कारण कार्यक्रम का उद्घाटन देरी से हुआ. मगर सुदेश भोसले के संगीतमय कार्यक्रम में आयोजकों को समय का पता भी नहीं चला. सुत्रों व्दारा अमरावती मंडल को पता चला की कार्यक्रम दौरान पुलिस विभाग के एक अधिकारी को जब स्टेज पर बुलाया गया तब देरी तक चलने वाले कार्यक्रम के लिए गायक सुदेश भोसने ने स्वयं माफी मांग कर कार्यक्रम को जल्द से जल्द निपटाने की कोशिश भी की थी. वही सुदेश भोसले के कार्यक्रम के दौरान संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने जोश में आकर जमकर ठुमके भी लगाए थे.

दिल्ली की कंपनी को ही ठेका क्यों..?
‘महासंस्कृति महोत्सव’ के नाम से आयोजित कार्यक्रम को लेकर दिल्ली की एक कंपनी को ठेका दिया गया है. जिसमें लाखों का खर्च भी दिखाया जा रहा है. स्थानीय कलाकारों को सम्मान देने के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम को आखिर दिल्ली की ही कंपनी को क्यों ठेका देना पडा..? यह सवाल नागरिकों के मन में घर कर रहा है. क्या जिले या राज्य में कोई ऐसी कंपनी नहीं थी जो इस आयोजन को पुरा कर सकने के साथ ही स्थानीय कलाकारों को सम्मान दे सके..? ऐसे सवाल भी पुछे जा रहे है.

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