अमरावती

यह तो विपक्ष की आवाज दबाने का कुटिल षडयंत्र

कांग्रेस नेताओं ने दी संतप्त प्रतिक्रिया

अमरावती/दि.25 – मानहानी के मामले में दोषी करार देने के साथ ही अदालत द्बारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद शुक्रवार की दोपहर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता को लोकसभा सचिवालय ने रद्द कर दिया. जिसे लेकर अब कांग्रेस पार्टी के नेताओं व पदाधिकारियों द्बारा तीव्र एवं संतप्त प्रतिक्रिया दी जा रही है. जिसके तहत कहा जा रहा है कि, सांसद राहुल गांधी लगातार आम जनता की आवाज बनकर मोदी सरकार से सवाल पूछ रहे थे. ऐसे में उनकी आवाज को बंद करने के लिए मोदी सरकार ने उनकी संसद सदस्यता को रद्द करने का कुटिल षडयंत्र रचा है.


अब कोई नहीं रोक सकता
मोदी सरकार ने तानाशाही के दम पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द किया. क्योंकि वे लगातार आम जनता की आवाज बनकर मोदी सरकार से सवाल पूछ रहे थे. जिससे सरकार को काफी दिक्कतें होने लगी थी. लेकिन अब राहुल गांधी आम जनता के बीच जाकर बोलेंगे और पूरी दुनिया उनकी आवाज को सुनेगी. ऐसे ेमें अब अदानी के दोस्तों की ताकत भी राहुल गांधी को रोक नहीं सकेगी. राहुल गांधी को मोदी सरकार संसद में आने से रोक सकती है. लेकिन उन्हें जनता के दिलों से बाहर नहीं निकाल सकती.
– एड. यशोमति ठाकुर,
पूर्व पालकमंत्री व विधायक


लोकतंत्र के खत्म होने का खतरा
मोदी सरकार एक तरह से राहुल गांधी से घबरा गई है और उनकी राजनीतिक जीवन को खत्म करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. लेकिन इससे डॉ. बाबासाहब आंबेडकर को अभिप्रेत रहने वाला लोकतंत्र खत्म हो जाएगा. साथ ही पूरी दुनिया में देश का नाम भी खराब होगा. इस समय देश का लोकतंत्र विनाशकारी रास्ते की ओर बढ रहा है.
– डॉ. सुनील देशमुख,
पूर्व मंत्री


उद्योजक गौतम अदानी के साथ पीएम मोदी के संबंध है. जिस पर राहुल गांधी लगातार अपनी बात रख रहे थे. उनके सवालों का जवाब न देना पडे. इस हेतु उनकी संसद सदस्यता को रद्द करने का कदम उठाया गया. कुल मिलाकर देश अब तानाशाही के रास्ते पर बढ रहा है और अब इस देश में किसी चोर को चोर भी नहीं कहा जा सकता.
– बबलू शेखावत,
कांग्रेस शहर अध्यक्ष


यह तो लोकतंत्र की हत्या
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मोदी सरकार घबराती है. यह बात पूरी तरह से साबित हो गई है. लेकिन इस दबाव तंत्र वाली राजनीति से जनता घबराने वाली नहीं है. बल्कि जनता इसका जवाब जरुर देगी. सांसद राहुल गांधी पर कार्रवाई एक तरह से लोकतंत्र की हत्या है. अदालत द्बारा सजा सुनाए जाने के बाद अपील में जाने की प्रक्रिया होती है, ऐसे में इतने तुरंत कार्रवाई करना किसी भी लिहाज से योग्य नहीं है.
– विलास इंगोले,
पूर्व महापौर


अब जनता ही देगी जवाब
राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द करना एक तरह से संसदीय व्यवस्था व लोकतंत्र की हत्या है. अदानी व निरव मोदी जैसे भ्रष्टाचारी लोगों को बचाने हेतु भाजपा, नरेंद्र मोदी व अमित शाह द्बारा यह षडयंत्र रचा गया है. मानहानी जैसे दावे में सजा सुनाया जाना और उसका आधार लेकर सदस्यता को रद्द करना बेहद संदेहास्पद है. देश की जनता इसका जवाब जरुर देगी.
– मिलिंद चिमोटे,
पूर्व महापौर


यह तो खुलेआम अन्याय है
राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाना और उनकी लोकसभा सदस्यता को रद्द करना सीधे-सीधे न्याय के नाम पर अन्याय है. एक ओर तो नवनीत राणा व सिद्धेश्वर स्वामी का जाति वैधता प्रमाणपत्र खारिज होने के बाद भी मोदी सरकार द्बारा कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा. वहीं दूसरी ओर निचली अदालत द्बारा सजा सुनाए जाने के बाद 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त की जाती है. कर्नाटक में दिए गए भाषण पर गुजरात राज्य की अदालत फैसला सुनाती है. जिसका सीधा मतलब है कि, देश में मोदी सरकार की तानाशाही चल रही है और लोकसभा में राहुल गांधी द्बारा अदानी को लेकर कोई सवाल न पूछे जाए. इस हेतु उनकी आवाज दबाने के लिए षडयंत्र रचा गया है.
– प्रा. विरेंद्र जगताप,
पूर्व विधायक

तानाशाही स्थापित करने का षडयंत्र
सुरत की अदालत द्बारा सुनाई गई दो साल की सजा के खिलाफ अपील दायर करने हेतु 30 दिन का समय भी दिया गया था. लेकिन इसके बावजूद 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई अनाकलनीय है. आज तक सीबीआई, ईडी व इनकम टैक्स विभाग के जरिए विपक्ष को तकलीफ दी जाती रही. वहीं अब लोकतंत्र का तीसरा स्तंभ रहने वाली न्याय प्रणाली को भी भाजपा ने अपने विरोधियों के खात्मे हेतु काम पर लगा दिया है. इस तरह से लोकतंत्र को जड से उखाडने का प्रयास शुरु है. ताकि तानाशाही व्यवस्था को स्थापित किया जा सके.
– एड. दिलीप एडतकर,
प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस

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