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यह आंदोलन नहीं उन्माद, दोनों को मिले हक

भाजपा सांसद डॉ. बोंडे का कहना

अमरावती/दि.22 – भाजपा जिलाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य डॉ. अनिल बोंडे ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में विधायक यशोमति ठाकुर और कांग्रेसजनों द्वारा पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल के सामने किये गये आंदोलन को उन्माद की संज्ञा दी. बोंडे ने कहा कि, ऐसे ताला तोडो आंदोलन की गरज ही न थी. उन्होंने कहा कि, थोडी 20 हजार वोटों की विजय से यशोमति ठाकुर दंभ से फूल गई है. ऐसा लगता है कि, केवल आसमान से दो अंगुली दूर वह है. इस अंदाज में पेश आ रही है. राजकमल चौक हो या जिलाधिकारी कार्यालय का मंत्रणा कक्ष यशोमति ठाकुर के बर्ताव में फर्क नहीं रह गया. सांसद बोंडे ने कहा कि, लोकशाही का यशोमति ठाकुर सम्मान नहीं रख पा रही है. साथ ही बोंडे ने जिलाधिकारी कार्यालय के उस कक्ष पर दोनों उनके और बलवंत वानखडे के अधिकार की बात कही. बोंडे ने आरोप लगाया कि, यशोमति का आज का बर्ताव वीभत्स रहा.
सांसद बोंडे ने मंडल न्यूज से खास चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि, कांग्रेस दादागीरी का उपयोग कर कार्यालय हथिया रही है. हमें भी यह आता है. किंतु हम लोकशाही मूल्यों में विश्वास रखने वाले लोग है. कानून और व्यवस्था बनाये रखना हम सभी की जिम्मेदारी है. चाहते, तो हम भी कार्यकर्ता ले जाकर बलपूर्वक सांसद जनसंपर्क कार्यालय का ताबा ले सकते थे. कार्यालय के लिए उन्होंने गत 19 जून को जिला प्रशासन को पत्र दिया था. वह पत्र भी सांसद बोंडे ने मीडिया को बताया.
बोंडे ने कहा कि, नवनीत राणा के लोकसभा सदस्य रहते वे गत दो वर्षों से इस कक्ष के माध्यम से काम कर रहे थे. उनके और राणा दोनों के पीए वहां लोगों की शिकायतें सुनते, उनके आवेदन सरकारी कामकाज के लिए आगे बढाये जाते. ऐसा ही तालमेल वे भी बलवंत वानखडे के साथ रखने तैयार है. किंतु सांसद बोंडे यह कहने से नहीं चूके कि, महाराष्ट्र में अन्य कहीं भी जिलाधिकारी कार्यालय में सांसदों को अलग से कक्ष देने की व्यवस्था नहीं है. अमरावती में भी यह व्यवस्था बंद होनी चाहिए. बोंडे ने लोकसभा चुनाव में विजय के बाद कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा अमरावती के राजकमल चौक से लेकर चांदूर बाजार तक किये गये उन्माद का पुन: जिक्र किया.

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