मेरे रहेबर अली ख्वाजा के दरबार की चादर हैं ये…..
निकला शाही संदल, नाते पाक पढते हुए शरीक हुए मुरीदैन
* उर्स ख्वाजा रहेबर चिश्ती में शामिल होने पहुंचे अन्य राज्यों के जायरीन
अमरावती/दि.30- स्थानीय हैदरपुरा ईदगाह गेट स्थित हजरत अल्हाज ख्वाजा रहेबर अली शाह चिश्ति कादरी ताजी र.अ. का सालाना 16वां उर्स मुबारक के अवसर पर रविवार की रात 8 बजे शाही संदल का आयोजन किया गया. इस अवसर पर खानकाहे रहेबरिया के सज्जादा नशीन हजरत अल्हाज ख्वाजा सैराब अली शाह अखी चिश्ती कादरी ताजी की सदारत में शाही संदल निकाला गया. इसमें हजरत मद्रासी बाबा नात गु्रप व्दारा ये हुस्नों अकीदत के इजहार की चादर हैं, मेरे रहेबर अली ख्वाजा के दरबार की चादर हैं. जैसे एक से बढकर एक नात पढी गई. उर्स व संदल में सहभागी होने के लिए जिले सहित पडोसी राज्यों के जायरिन भी बडी संख्या में पहुंच रहे हैं.
उर्स के चलते रविवार की दोपहर 3.10 बजे विशेष फातिहा का आयोजन किया गया था. शाम को मगरीब की नमाज के बाद दरबारी सलाम (समा महेफिल) के बाद संदल का आगाज हुआ. यह संदल खानकाह रहेबरिया हैदरपुरा से निकल कर लालखडी रोड, ताज नगर चौक, चार खंबा चौक, असोसिएशन स्कूल के सामने से होता हुआ पठान चौक, चारा बाजार रोड, बाबा चौक, हैदरपुरा चौक होते हुए ईदगाह गेट होते हुए खानकाहे रहेबरिया में पहुंचा. जहां हजरत अल्हाज ख्वाजा रहेबर अली शाह चिश्ति कादरी ताजी र.अ. के दरबार में चादर पोशी की गई. सलातों सलाम पढकर तबर्रुक वितरण किया गया. जिसके बाद खानकाह में लंगर का आयजन किया गया, जिसमें सैकडों लोगों ने लाभ लिया.
एक से बढकर एक नातिया कलाम
शाही संदल में आकर्षक रोशनाईयों के साथ ही हजरत मद्रासी बाबा नात गु्रप व्दारा रजाए रहेबर की जो सर झुकाते हैं, कदम कदम पर वही आजमाए जाते हैं…., मेरे हुस्नों अकीदत के इजहार की चादर हैं, रहेबर अली ख्वाजा के दरबार की चादर हैं… जैसे अनगीनत बेहतरीन नातिया कलामों को पढा गया. संदल में घोडे सहित दरबारी परिधान व टोपी पहने खानकाह के मुरीदैन काफी आकर्षक लग रहे थे.
आज शाम समा महेफिल
उर्स के चलते आज सोमवार की शाम बाद नमाज ईशा समां महेफिल का आयोजन किया गया हैं. जिसमें फनकार आफताब साबरी (रामपुरी यु.पी.) व्दारा समा महेफिल पेश की जाएगी. कल 1 अक्टुबर को खानकाह में लंगर का आयोजन किया जाएगा.