जिले की आठों सीटों पर इस बार दिखाई देगी त्रिकोणीय टक्कर
महायुति व मविआ के साथ ही तीसरी आघाडी भी मैदान में
* चुनाव की घोषणा होते ही आठों निर्वाचन क्षेत्रों में शुरु हुई धामधूम
अमरावती/दि.16– गत रोज विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा घोषणा किये जाते ही अमरावती जिले के आठों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अब जमकर चुनावी धामधूम दिखाई देने लगी है. जहां अब तक यह माना जा रहा था कि, इस बार के चुनाव में महायुति व महाविकास आघाडी के बीच मुख्य भिडंत हो सकती है. वहीं अब विधायक बच्चू कडू के नेतृत्व में चुनाव लडने जा रही परिवर्तन महाशक्ति नामक तीसरी आघाडी ने मुकाबले को त्रिकोणिय बना दिया है. साथ ही साथ विगत 5 वर्षों के दौरान शिवसेना व राकांपा के दो अलग-अलग गुटों में विभाजीत हो जाने तथा दोनों पार्टियों से निकलकर विभाजीत हुए गुटों के परस्पद विरोधी गठबंधनों में शामिल रहने के चलते चुनावी समीकरण काफी हद तक गडबडा गये है. जिसके चलते इस बार का चुनावी मुकाबला काफी रोमांचक भी होने जा रहा है. इसके साथ ही इस बार के चुनाव में कई दिक्कत नेताओं के साथ कुछ नये चेहरे भी चुनावी अखाडे में उतरने की तैयारी कर रहे है. जिनके जरिए प्रस्थापित नेताओं को कडी टक्कर भी मिल सकती है. ऐसे ेमें अब हर किसी ने चुनावी अखाडे को सजा हुआ देखने की उत्सुकता भी देखी जा रही है.
बता दें कि, जिले के अमरावती, बडनेरा, मोर्शी, धामणगांव रेल्वे, तिवसा, अचलपुर, मेलघाट व दर्यापुर इन 8 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में विगत डेढ दो माह से ही चुनावी हवाएं चलनी शुरु हो गई थी और इन आठों निर्वाचन क्षेत्रों में अभी से ही चुनावी टशन भी दिखाई दे रहा है. क्योंकि प्रस्थापित नेताओं के साथ-साथ कुछ नये चेहरे भी चुनाव लडने की तैयारी में है. जिसमें भी बडनेरा, अचलपुर, दर्यापुर व तिवसा निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी टशन का प्रमाण कुछ अधिक रहने की संभावना है. क्योंकि विगत अप्रैल माह में हुए लोकसभा चुनाव के समय इन्हीं 4 निर्वाचन क्षेत्रों के नेता प्रमुख रुप से चर्चा में थे. जिन्होंने लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों की हार व जीत में प्रमुख भूमिका निभाई. ऐसे में अब लोकसभा चुनाव की हार-जीत का हिसाब किताब पूरा करने के लिए विधानसभा चुनाव का सहारा लिया जाएगा.
यदि अमरावती जिले के आठों निर्वाचन क्षेत्रों का विचार किया जाये, तो वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अमरावती से सुलभा खोडके, तिवसा से एड. यशोमति ठाकुर व दर्यापुर से बलवंत वानखडे के रुप में सर्वाधिक 3 सीटों पर जीत हासिल की थी. जिसके बाद प्रहार पार्टी के मुखिया बच्चू कडू ने खुद अचलपुर की सीट पर जीत हासिल करने के साथ ही मेलघाट में राजकुमार पटेल के जरिए कुल 2 सीटों को जीता था. वहीं विधायक रवि राणा की युवा स्वाभिमान पार्टी ने बडनेरा व स्वाभिमान शेतकरी संगठन के देवेंद्र भुयार ने मोर्शी की सीट पर जीत हासिल की थी और भाजपा के हिस्से में प्रताप अडसड के जरिए धामणगांव रेल्वे की एकमात्र सीट आयी थी. परंतु विगत विधानसभा चुनाव की तुलना में अब राजनीतिक हालात का समीकरण काफी हद तक बदल गये है. ऐसे मेें अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, किस पार्टी की ओर से कौन प्रत्याशी होता है तथा किस गठबंधन को जिले की किन-किन व कितनी सीटों पर जीत मिल पाती है.
* अमरावती में सबसे जबर्दस्त टशन
अमरावती की विधायक सुलभा खोडके ने वर्ष 2019 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लडते हुए उस समय भाजपा प्रत्याशी रहने वाले डॉ. सुनील देशमुख को पराजीत किया था. लेकिन अब डॉ. सुनील देशमुख भाजपा छोडकर कांग्रेस में शामिल हो चुके है. जिन्होंने कांग्रेस की टिकट पर एक बार फिर चुनाव लडने की तैयारी करनी शुरु कर दी है. लेकिन महाविकास आघाडी में टिकट मांगने वालों की संख्या काफी अधिक रहने के चलते इस बार टिकट किसे मिलती है. यह देखना दिलचस्प होगा. वहीं दूसरी ओर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के चलते कांग्रेस द्वारा 6 वर्ष हेतु पार्टी से निलंबित की गई विधायक सुलभा खोडके अब अजीत पवार गुट वाली राकांपा की ओर से महायुति की प्रत्याशी हो सकती है. जबकि महायुति का नेतृत्व कर रही भाजपा की ओर से पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी व पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता द्वारा टिकट हेतु दावा किया जा रहा है. जिन्होंने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लडने की भी घोषणा कर रखी है. साथ ही साथ वोटों का विभाजन करने हेतु विधायक बच्चू कडू की तीसरी आघाडी भी अपने स्तर पर प्रयास कर रही है. साथ ही मनसे की ओर से पार्टी की जिलाध्यक्ष मंगेश उर्फ पप्पू पाटिल भी चुनावी मैदान में रहेंगे. वहीं अमरावती में अब की बार मुस्लिम आमदार का नारा भी बुलंद है. जिसके चलते एमआईएम द्वारा किसी दमदार मुस्लिम चेहरे को मैदान में उतारा जा सकता है. जिसके चलते अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक टशन दिखाई दे सकता है.
* बडनेरा में हो सकती है काटे की टक्कर
यद्यपि अब तक महायुति सहित महाविकास आघाडी में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन महायुति में घटक दल के तौर पर शामिल रहने वाली युवा स्वाभिमान पार्टी के लिए महायुति द्वारा बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र छोडा जा सकता है. जहां पर युवा स्वाभिमान पार्टी की ओर से विधायक रवि राणा ही एक बार फिर प्रत्याशी होंगे, ऐसा लगभग तय माना जा रहा है. जबकि महायुति में शामिल भाजपा के स्थानीय नेता तुषार भारतीय भी चुनाव लडने की अपनी भूमिका पर अडिग है. इसके चलते महायुति के भीतर ही ‘टशन’ वाली स्थिति है. वहीं शिवसेना उबाठा की महिला नेत्री एवं पूर्व विधायक व संजय बंड की पत्नी प्रीति बंड द्वारा एक बार फिर बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडने की संभावना जतायी जा रही है. जबकि शिवसेना उबाठा सहित महाविकास आघाडी में शामिल अन्य घटक दलों के इच्छूक पदाधिकारियों द्वारा चुनाव लडने की जमकर तैयारियां की जा रही है. जिसमें से कुछ इच्छुकों ने तो पार्टी टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडने का भी ऐलान किया है. जिसके चलते बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में भी मुकाबला काफी कडा होगा.
* तिवसा की ओर रहेंगी सभी की निगाहे
जिले की कद्दावर कांग्रेसी नेत्री व विधायक यशोमति ठाकुर का तिवसा निर्वाचन क्षेत्र पर विगत तीन कार्यकाल से वर्चस्व रहा है. साथ ही तिवसा को ठाकुर परिवार की परंपरागत सीट भी माना जाता है. जहां से इस बार विधायक यशोमति ठाकुर द्वारा अपना ‘विजयी चौका’ लगाने की पूरी तैयारी की गई है. वहीं उन्हें रोकने हेतु महायुति की ओर से भी पूरे प्रयास किये जाएंगे. हालांकि तिवसा क्षेत्र में भाजपा की ओर से दो दावेदारों के बीच टिकट मिलने की प्रतिस्पर्धा चल रही है. जिसमें से किस दावेदार को टिकट मिलती है. इस पर तिवसा निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण तय होंगे. इसके साथ ही तिवसा निर्वाचन क्षेत्र में वंचित बहुजन आघाडी द्वारा भी अपना प्रत्याशी खडा किया जा सकता है. सबसे विशेष बात यह है कि, लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाडी की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी रहने वाले बलवंत वानखडे की जीत में सबसे प्रमुख भूमिका निभाने वाली कांग्रेस नेत्री यशोमति ठाकुर को उनके ही विधानसभा क्षेत्र में पराजीत करने हेतु इस बार महायुति के नेताओं द्वारा पूरा जोर लगाया जाएगा. जिसके चलते तिवसा क्षेत्र की ओर पूरे जिले का ध्यान लगा रहेगा.
* दर्यापुर में सबसे ज्यादा उथल-पुथल
विगत विधानसभा चुनाव में दर्यापुर से विधायक चुने गये बलवंत वानखडे अब जिले के सांसद निर्वाचित हो गये है. ऐसे में अब उनके स्थान पर महाविकास आघाडी की ओर से चुनाव लडने के इच्छुकों की भीड दर्यापुर में सबसे अधिक है. वहीं दूसरी ओर महायुति में भी दर्यापुर को लेकर अच्छा खासा टशन देखा जा रहा है. जिसके तहत शिंदे गुट वाली शिवसेना ने इसे अपनी परंपरागत सीट बताया है. वहीं भाजपा द्वारा इस सीट पर अपना दावा किया जा रहा है. इन दोनों प्रमुख गठबंधनों के बीच चल रही रस्साकशी के बीच ही वंचित बहुजन आघाडी द्वारा भी अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित रहने वाली इस सीट पर अपना दमदार प्रत्याशी खडा किये जाने की तैयारी की जा रही है. जिसके चलते महायुति व मविआ में टिकट नहीं मिलने से वंचित रहने वाले इच्छुकों द्वारा ऐन समय पर वंचित बहुजन आघाडी का दामन थामा जा सकता है.
* मेलघाट में भी हो सकता है बडा उलटफेर
जिले के आदिवासी बहुल मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से पिछली बार राजकुमार पटेल प्रहार पार्टी की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे. परंतु अब उन्होंने शिंदे गुट वाली शिवसेना की ओर से चुनावी अखाडे में उतरने की तैयारी की है. जिसके चलते मेलघाट में महायुति की ओर ेसे भाजपा की टिकट पर चुनाव लडने की तैयारी कर रहे इच्छुकों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. जिसकी वजह से महायुति में कुछ लोगों द्वारा बगावत किये जाने का खतरा बना हुआ है. वहीं दूसरी ओर मेलघाट से महाविकास आघाडी द्वारा भी दमदार प्रत्याशी देने की तैयारी शुरु की गई है. जिसकी वजह से विगत 5 वर्षों के दौरान पाला बदलकर अन्य राजनीतिक दलों में गये कुछ नेताओं द्वारा अब घर वापसी की तैयारी करने की भी संभावना है. वहीं दूसरी ओर विधायक बच्चू कडू द्वारा अपनी तीसरी आघाडी के जरिए मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र में राजकुमार पटेल के खिलाफ प्रत्याशी खडा किये जाने की घोषणा की गई है. जिसके चलते इस बार मेलघाट में काफी बडा राजनीतिक उलटफेर होता दिखाई देगी.
* अचलपुर से बच्चू कडू पांचवें टर्म के लिए रहेंगे मैदान में
अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र पर विगत 4 चुनावों से अपना निर्विवाद वर्चस्व रखने वाले विधायक बच्चू कडू द्वारा लगातार पांचवीं बार जीत हासिल करने के लिए अपना दावा ठोंका जाएगा. खास बात यह है कि, अब तक प्रहार जनशक्ति पार्टी की ओर से चुनाव लडने वाले विधायक बच्चू कडू द्वारा इस बार अपना दायरा बढाते हुए राज्य में परिवर्तन महाशक्ति नामक तीसरा मोर्चा स्थापित किया गया है. जिसके जरिए अचलपुर सहित जिले के अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी तीसरे मोर्चें द्वारा अपने प्रत्शशी खडे किये जाएंगे. जिसकी वजह से कई निर्वाचन क्षेत्रों में राजनीतिक समीकरण उलट-पुलट हो जाएंगे. वहीं अचलपुर में विधायक बच्चू कडू के खिलाफ महाविकास आाघाडी की ओर से उनके धुर प्रतिद्वंदी बबलू देशमुख के चुनाव लडने की संभावना है. साथ ही साथ अब विधायक बच्चू कडू के महायुति से बाहर निकल जाने के चलते भाजपा द्वारा भी बच्चू कडू के खिलाफ सक्षम प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी की जा रही है. जिसके लिए भाजपा के दो इच्छुक प्रत्याशियों द्वारा फिलहाल बडे पैमाने पर जनसंपर्क किया जा रहा है.
* मोर्शी में होगी जबर्दस्त रस्साकशी
वर्ष 2019 के चुनाव में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के देवेंद्र भुयार ने कांग्रेस व राकांपा के समर्थन से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अनिल बोंडे को पराजीत किया था. वहीं विधायक देवेंद्र भुयार अब महायुति में शामिल रहने वाली अजीत पवार गुट वाली राकांपा के साथ है. जिन्हें महायुति की ओर से प्रत्याशी बनाये जाने की संभावना भी है. हालांकि भाजपा के भी 3 इच्छुकों ने चुनाव लडने की तैयारी की है. वहीं इस निर्वाचन क्षेत्र में शरद पवार गुट वाली राकांपा का भी शानदार प्रभाव है. जिसके चलते इस बार देवेंद्र भुयार के लिए चुनाव आसान नहीं रहेगा. क्योंकि उनके खिलाफ मविआ द्वारा अगला प्रत्याशी मैदान में उतारा जाएगा. साथ ही साथ विधायक बच्चू कडू की तीसरी आघाडी भी इस निर्वाचन क्षेत्र से अपना प्रत्याशी दे सकती है.
* धामणगांव रेल्वे में होगी परंपरागत लडाई
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में धामणगांव रेल्वे निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के प्रताप अडसड ने कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व विधायक प्रा. वीरेंद्र जगताप को पराजीत किया था. उस समय वंचित बहुजन आघाडी के नीलेश विश्वकर्मा की वजह से हार-जीत के समीकरण उलट-पुलट हो गये थे. वहीं इस बार भी भाजपा की ओर से प्रताप अडसड व कांग्रेस की ओर से प्रा. वीरेंद्र जगताप के बीच ही परंपरागत लडाई होने का अनुमान है. वहीं अभिजीत ढेपे ने भी शिवसेना से इस निर्वाचन क्षेत्र हेतु टिकट मांगी है. साथ ही वंचित बहुजन आघाडी के युवा प्रदेशाध्यक्ष नीलेश विश्वकर्मा भी चुनावी अखाडे में रह सकते है. जिसके चलते इस निर्वाचन क्षेत्र में अभी से ही जबर्दस्त रस्साकशी देखी जा रही है. जिसमें से बाजी कौन मारता है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.