* किसान बीज हासिल करने लगातार काट रहे चक्कर
अमरावती/दि.27 – इस वर्ष ‘अजित-155’ बीजों की मांग अचानक बढ गई है. वलगांव व दर्यापुर से लेकर अकोला तक के पट्टे में कपास के इस एकमात्र बीज की मांग बढ जाने के चलते इस बीज की किल्लत पैदा हो गई है. वहीं कुछ स्थानों पर बीज विक्रेताओं द्बारा ही कृत्रिम किल्लत पैदा किए जाने की भी जानकारी है. ऐसे में लिंकिंग व कालाबाजारी की वजह से किसानों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक तकलीफों का सामना करना पड रहा है. वहीं दूसरी ओर इस बार ‘कबड्डी’ और ‘पंगा’ जैसे बीजों की कोई खास मांग नहीं है.
बीजों के संदर्भ में शहर के कुछ कृषि सेवा केंद्रों में जाकर जानकारी हासिल करने पर पता चला कि, ‘अजित-155’ के बीज फिलहाल उपलब्ध ही नहीं है. कुछ कृषि सेवा केंद्रों ने 2 दिन बाद आकर देखने और एक-दो दिन में माल आने का आशावाद जताया. इस बीज के अलावा इसी कंपनी के अन्य 4 बीज शहर सहित जिले के कृषि केंद्रों में उपलब्ध रहने के चलते बीज विके्रताओं ने उन बीजों को खरीदने का आग्रह किया.
इस समय जिले के लगभग सभी तहसील क्षेत्रों में किसान और उनके परिजन बीजों की खरीददारी के लिए कृषि सेवा केंद्रों के समक्ष कतार में लगे दिखाई देते है. परंतु बीजों की उपलब्धता कम रहने के चलते या बीज की उपलब्ध नहीं रहने के चलते कई स्थानों पर हंगामें वाली स्थिति देखी जाती है.
* सांप निकल जाने पर लकीर पीट रहा कृषि विभाग
पता चला है कि, 450 ग्राम वाले पैकेट की कीमत 853 रुपए रहने के बावजूद इसकी विक्री बिना रसीद के 1200 से 1500 रुपए के आसपास तक हुई है. ऐसे में कृषि विभाग के पथक की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगता नजर आ रहा है. वहीं अब कृषि विभाग द्बारा ‘अजित-155’ बीजों की किल्लत पैदा होने पर कहा जा रहा है कि, पैकेट की खरीदी वाली कृषि केंद्र में रहने वाली डुप्लिकेट रसीद पर दर्ज रहने वाले किसानों के नामों की जानकारी प्राप्त करते हुए क्रॉस चेकिंग की जाएगी. इसके साथ ही गोदामों की भी जांच की जाएगी. यद्यपि ऐसा होने पर यह मामला बीज विक्रेताओं पर उलट सकता है, लेकिन फिर भी माना जा रहा है कि, कृषि महकमा सांप निकल जाने के बाद लाठी पीटने का काम कर रहा है. जबकि यहीं सतर्कता बीज विक्री की शुरुआत होने पर ही दिखाई जानी थी.
* इसी बीज की मांग क्यों बढी?
खारे पानी वाले पट्टे में इस बीज के कपास की उपज काफी अच्छी रही है और स्मार्ट कॉटन अंतर्गत कपास की गठानें भी तैयार हुई है. जिसमें प्रमाण अधिक रहने के चलते अब इसी बीज की मांग बढ रही है.
* स्टॉक बुक में जानकारी दर्ज नहीं व पावती भी नहीं
कई विक्रेताओं ने अपने स्टॉक बुक में बीजों के पैकेटों की जानकारी दर्ज नहीं की है. साथ ही बीजों की विक्री करते हुए रसीद भी नहीं दी है, ऐसी जानकारी अब सामने आ रही है. 853 रुपए का पैकेट 1200 रुपए तक बेचते हुए इस बीज की कालाबाजारी की गई है.
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* ‘उस’ कंपनी द्बारा 1.90 लाख पैकेटों की आपूर्ति
अजित कंपनी द्बारा इस बार 5 तरह के बीजों के 1 लाख 90 हजार 400 पैकेटों की आपूर्ति हुई है. जिसमें ‘अजित-155’ बीजों के 99 हजार 940 पैकेट उपलब्ध हुए और खत्म भी हो गए. वहीं अब 7 हजार 800 पैकेट आगामी दो दिनों में उपलब्ध होंगे, ऐसी जानकारी बीज विक्रेताओं द्बारा दी गई है.
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* आधार कार्ड लाने पर ही मिल रहे बीज
खरीफ मौसम की बुआई प्रारंभ होने वाली है. वहीं बाजार में बीजों के लिए किसानों द्बारा चक्कर काटे जा रहे है. शहर के पूराना कॉटन मार्केट परिसर स्थित एक कृषि केंद्र में आधार कार्ड के बीना किसानों को बीज नहीं दिए जा रहे. साथ ही किसानों को 475 ग्राम का केवल एक पैकेट ही दिया जा रहा है, ऐसे में इस एक छोटे पैकेट से बुआई कैसे की जाए, यह सवाल उपस्थित हो रहा है. महाबीज के सोयाबीन और कपास के बीज कृषि सेवा केंद्र में उपलब्ध नहीं रहने के चलते किसान त्रस्त हो गए है.
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* गत वर्ष अत्याधिक बारिश की वजह से उत्पादन कम हुआ है. जिसके चलते इस बार कंपनी द्बारा बीजों की आपूर्ति कम हुई है. कुछ क्षत्रों में मांग अचानक बढ जाने के चलते बीजों की किल्लत भी पैदा हुई है.
– वीरेंद्र शर्मा,
कोषाध्यक्ष, कृषि निविष्ठा केंद्र
* बीज विक्री केंद्र की रसीदों पर दर्ज रहने वाले किसानों के नाम व पते हासिल करते हुए क्रॉस चेकिंग की जाएगी. वहीं अगले दो दिनों में 7 हजार 800 पैकेट का स्टॉक उपलब्ध कराया जाएगा. कपास के अन्य बीजों का भी भरपूर स्टॉक उपलब्ध है, ऐसे में किसानों को चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है.
– राहुल सातपुते,
जिला अधीक्षक, कृषि अधिकारी