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इस बार स्कूल में बच्चों के छूटेंगे पसीने!

बारिश का अता-पता नहीं, 30 जून से शुरु हो रही शालाएं

* सीबीएससी बोर्ड की कुछ शालाएं तो पहले ही हो गई शुरु
* भीषण गर्मी व उमस के साथ उष्माघात का बना हुआ है खतरा
अमरावती/दि.20– इस समय भीषण गर्मी व उमस के चलते सभी विदर्भवासी त्रस्त हो चले है और अधिकांश जिलों में पारा अब भी 42 डिग्री सेल्सिअस के आसपास है. साथ ही मृग नक्षत्र पूरा बीत जाने के बावजूद बारिश का कहीं कोई अता पता नहीं है. लेकिन ऐसी स्थिति में जहां एक ओर राज्य शिक्षा मंडल के पाठ्यक्रम पर आधारित शालाएं आगामी 30 जून से शुरु होने जा रही है. वहीं अन्य शिक्षा बोर्ड की कुछ शालाएं शुरु भी हो चुकी है. जिसके चलते स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों के इस समय जमकर पसीने छूट रहे है.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों तेज धूप वाले मौसम के साथ ही वातावरण में काफी आर्द्रता भी है. जिसके चलते गर्मी के साथ-साथ अच्छी खासी उमस भी हो रही है. ऐसे में कुलर व पंखें किसी काम नहीं आ रहे है. ऐसे माहौल में शालाएं शुरु किए जाने के चलते विद्यार्थियों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. जिले में सीबीएससी की कुछ शालाओं में कक्षा 10 वीं के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं शुरु कर दी गई है. साथ ही कुछ स्थानों पर माध्यमिक कक्षाएं भी शुरु हो गई है. इसके तहत कुछ स्थानों पर सुबह 7 बजे से या सुबह 10 बजे से कक्षाएं शुरु हो रही है. वहीं दूसरी ओर 20 अप्रैल को शालेय शिक्षा विभाग द्बारा जारी किए गए परीपत्रक में राज्य शिक्षा मंडल से संलग्नित शालाओं को 30 जून से शुरु करन की बात कही गई थी. इसके साथ ही अन्य शिक्षा मंडलों की शालाओं में महत्वपूर्ण शैक्षणिक उपक्रम शुरु करने पर ही उससे संबंधित निर्णय शालेय स्तर पर लिया जाना संभव हो सकेगा. ऐसा स्पष्ट किया गया था. हालांकि इसके बावजूद अन्य शिक्षा मंडल की कुछ शालाएं नियमित तौर पर शुुरु हो गई है.

* सीबीएसई की 90 फीसद शालाएं 26 जून को खुलेगीे
सीबीएसई की 90 फीसद शालाएं आगामी 26 जून से शुरु होगी, जिसके लिए शिक्षा विभाग से बाकायदा अनुमति प्राप्त करनी होगी. वहीं कुछ शालाओं में ‘एक्स्ट्रा क्लासेस’ के नाम पर कक्षा 10 वीं के विद्यार्थियों की शालाओं में कक्षा चलाई जा रही है. वहीं कुछ शालाओं में 8 वीं व 9 वीं की कक्षाएं भी शुरु कर दी गई है. ताकि सिलेबस को तय समय के भीतर पूरा करने के साथ ही शैक्षणिक सत्र के अंत में रीविजन के लिए भीे समय मिल सके. लेकिन इस समय विदर्भ क्षेत्र के लगभग सभी शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सिअस के स्तर से अधिक है और भीषण गर्मी के साथ ही भारी उमस भी हो रही है. ऐसे में इस तरह के माहौल के बीच शालाएं शुरु करने का कोई औचित्य नहीं है, बल्कि इसकी वजह से विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर परिणाम भी पड सकता है.

* शैक्षणिक सत्र एक समान रखने की मांग
चूंकि इस समय अच्छी खासी गर्मी पड रही है और लोगबाग दोपहर के समय अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहते है. ऐसे में यदि इस तरह के माहौल के बीच शालाएं शुरु होती है, तो इसका असर विद्यार्थियों की उपस्थिति पर पड सकता है. इसके साथ ही इस समय कई विद्यार्थी अपने परिवार के साथ घूमने-फिरने के लिए बाहरगांव भी गए हुए है. इन तमाम बातों के मद्देनजर अभिभावकों द्बारा मांग उठाई जा रही है कि, भले ही शैक्षणिक बोर्ड अलग-अलग है, लेकिन सभी तरह की शालाओं के शैक्षणिक सत्र में एक सूत्रता होनी चाहिए. ताकि विद्यार्थियों को भी राहत मिल सके.

 

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