अमरावतीमहाराष्ट्र

इस बार स्कूल के पहले दिन ही बच्चों को मिलेगे गणवेश

एक बार फिर शाला व्यवस्थापन समिति के मार्फत चलाई जाएगी गणवेश योजना

अमरावती /दि.27– शैक्षणिक सत्र 2024-25 में ‘एक राज्य-एक गणवेश’ योजनांतर्गत शालेय विद्यार्थियों को गणवेश वितरीत करते समय शालाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पडा था. महिला आर्थिक विकास महामंडल द्वारा सिलकर भेजे गये गणवेशों का नाप चुक जाने की वजह से अच्छा खासा हंगामा भी मचा था. साथ ही आधा बीत जाने के बावजूद अधिकांश विद्यार्थियों को पहला गणवेश ही नहीं मिला था और सभी विद्यार्थियों को गणवेश मिलने में काफी विलंब भी हुआ था. वहीं अब तक स्काउड गाइड का गणवेश भी नहीं मिला है. ऐसे मेें इस काम में हुई गलती शिक्षा विभाग के समझ में आ गई है. जिसके चतले राज्य सरकार ने कुछ दिन पूर्व ही गणवेश वितरण का अधिकार एक बार फिर शाला व्यवस्थापन समिति को ही सौंपने का निर्णय लिया है. जिसके चलते अब नये शैक्षणिक सत्र से शाला के पहले दिन ही विद्यार्थियों को गणवेश मिलने का रास्ता खुल गया है.
बता दें कि, जिले में पहली से आठवीं कक्षा में पढने वाले 1 लाख 29 हजार 701 विद्यार्थियों को लंबी प्रतिक्षा के बाद शालेय गणवेश प्राप्त हुए और अब तक स्काउड गाइड का गणवेश प्राप्त ही नहीं हुआ है. जिसके चलते विद्यार्थियों को बिना गणवेश के ही आधे शैक्षणिक सत्र तक अपनी शालाओं में जाना पडा. ऐसे में अब सरकार ने ‘एक राज्य – एक गणवेश’ योजनांतर्गत शालेय गणवेश की आपूर्ति करने का अधिकार एक बार फिर शाला व्यवस्थापन समिति को दिया है.

* क्या है ‘एक राज्य – एक गणवेश’ योजना?
केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा कार्यक्रम अंतर्गत सरकारी व स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं की शालाओं में कक्षा पहली से कक्षा आठवीं तक पढने वाली सभी छात्राओं तथा अनुसूचित जाति व जनजाति प्रवर्ग के छात्रों एवं गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क गणवेश देने हेतु ‘एक राज्य – एक गणवेश’ योजना चलाई जाती है. इसके तहत पात्र लाभार्थी विद्यार्थियों को आकाशी रंग व शर्ट व गहरे नीले रंग की हाफ पैंट तथा छात्राओं को आकाशी रंग का शर्ट व नीले रंग का पीनो फ्रॉक अथवा आकाशी रंग की कमिज व गहरे नीले रंग की सलवार वाला गणवेश उपलब्ध कराया जाता है.

* केंद्रीयकृत पद्धति से वितरण में दिक्कत
राज्य में विद्यार्थियों को केंद्रीयकृत पद्धति से गणवेश वितरीत करने का निर्णय लिया गया था. परंतु इसके तहत विद्यार्थियों की पटसंख्या के अनुसार शालाओं में गणवेश पहुंंचे ही नहीं. साथ ही कुछ विद्यार्थियों को दिये गये गणवेश उनके नाप के हिसाब से बराबर नहीं थे, बल्कि कुछ विद्यार्थियों को छोटे व कुछ विद्यार्थियों को बडे नाप वाले गणवेश दिये गये. जिसे लेकर कई अभिभावकों ने खुले तौर पर अपनी नाराजगी जतायी थी.

* अब शाला व्यवस्थापन समिति को सीधे निधि
सरकार की ओर से पहली से आठवीं कक्षा में पढने वाले विद्यार्थियों हेतु नि:शुल्क गणवेश योजना पर अमल के अधिकार पहले की तरह शाला व्यवस्थापन समिति को दिये गये है. जिसके तहत केंद्र सरकार द्वारा निश्चित की गई गणवेश की रकम शाला व्यवस्थापन समिति के बैंक खाते में सरकार की ओर से जमा कराई जाएगी. जिसके चलते अब पहले की तरह शाला स्तर पर ही विद्यार्थियों हेतु गणवेश उपलब्ध होंगे.

* रोजगार भी मिलेगा, सही माप के कपडे भी बनेंगे
शाला व्यवस्थापन समिति द्वारा प्रत्येक विद्यार्थी का माप लेकर गणवेश को सिलवाने हेतु डाला जाएगा. जिसके चलते परिसर के महिला बचत गटों व संस्थाओं को रोजगार भी उपलब्ध होगा. जिसके जरिए सभी विद्यार्थियों के नाप के अनुसार गणवेश भी बराबर सिलकर मिलेंगे.

* शालेय विद्यार्थियों को नि:शुल्क तौर पर 2 गणवेश उपलब्ध करवाये जाते है. जारी शैक्षणिक सत्र में पहले गणवेश का वितरण हो चुका है तथा दूसरे गणवेश का वितरण चल रहा है.
– दरविंद माहोरे,
प्राथमिक शिक्षाधिकारी.

* जिले में तहसील निहाय गणवेश प्राप्त
तहसील                   गणवेश प्राप्त
धारणी                       19,829
अमरावती                  16,623
अचलपुर                   12,804
चिखलदरा                  9,926
चांदूर बाजार               9,605
मोर्शी                         9,372
वरुड                         8,621
दर्यापुर                      7,508
नांदगांव खंडे.             7,332
अंजनगांव सुर्जी           6,944
धामणगांव रेल्वे           5,557
भातकुली                   5,408
तिवसा                       5,292
चांदूर रेल्वे                  4,884

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