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इस बार विधानसभा के चुनाव होंगे बेहद रोमांचक

महायुति व मविआ सहित वंचित, प्रहार, रिपाई व एमआईएम भी मैदान में

* 5 वर्ष दौरान जिले में पूरी तरह से बदल गये राजनीतिक हालात, कई नेता हुए इधर से उधर
* समर्थकों सहित मतदाताओं में भी चुनावी समीकरणों को लेकर उत्साह
अमरावती /दि.14- विगत 5 वर्षों के दौरान अमरावती जिले में राजनीतिक हालात काफी हद तक उलट पुलट हो गये है. 5 वर्ष पहले सन 2019 के विधानसभा चुनाव पश्चात अमरावती जिले के 8 निर्वाचन क्षेत्रों से कांग्रेस के 3, भाजपा के 1, प्रहार पार्टी के 2, युवा स्वाभिमान पार्टी के 1 व स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के 1 ऐसे कुल 8 विधायक चुनकर आये थे. जिसके बाद राज्य में महाविकास आघाडी की सत्ता स्थापित हुई थी और शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद मिला था. परंतु आगे चलकर शिवसेना में बडी बगावत हुई, जिसके चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पडा था. साथ ही शिवसेना दो गुटों में विभाजीत हो गई. कुछ इसी तरह का नजारा राकांपा में अजीत पवार द्वारा की गई बगावत के चलते दिखाई दिया और राकांपा भी दो गुटों में बंट गई. वहीं अब शिंदे गुट वाली शिवसेना व अजीत पवार गुट वाली राकांपा राज्य की महायुति में भाजपा के साथ सत्ता में सहभागी है. वहीं उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना व शरद पवार गुट वाली राकांपा इस समय कांगे्रस के साथ महाविकास आघाडी में बने हुए है. राज्यस्तर पर हुए इस बदलाव से अमरावती जिला भी अछूता नहीं है और स्थानीय स्तर पर भी दोनों पार्टियों के पदाधिकारी व समर्थक दो अलग-अलग गुटों में बंट गये है. जिसका सीधा असर अब अगले माह होने वाले विधानसभा चुनाव में दिखाई दे सकता है.
बता दें कि, 5 वर्ष पहले अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से सुलभा खोडके ने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता था. हालांकि कांग्रेस की ओर से निर्वाचित होने के बाद भी उनकी कांग्रेस की तुलना में राकांपा नेताओं के साथ काफी अधिक नजदीकी रही. क्योंकि उनके पति संजय खोडके राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष है. जिन्होंने राकांपा में हुई दोफाड के बाद अजीत पवार गुट के साथ रहना पसंद किया. ऐसे में जहां विधायक सुलभा खोडके कांग्रेस से रहने के चलते विपक्ष में रही. वहीं उनके पति संजय खोडके सत्ता पक्ष के साथ रहे. परंतु सुलभा खोडके की विगत एक-डेढ वर्ष के दौरान महायुति में शामिल अजीत पवार गुट के साथ भी अच्छी खासी नजदीकी रही और अब वे कांग्रेस छोडकर अजीत पवार गुट वाली राकांपा में शामिल होने की राह पर है. वहीं दूसरी ओर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहने वाले तत्कालीन भाजपा विधायक डॉ. सुनील देशमुख अब कांग्रेेस में शामिल हो चुके है तथा एक बार फिर अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडने का प्रयास कर रहे है. यानि पिछली बार से उलट इस बार सुलभा खोडके सत्ता पक्ष की ओर से तथा डॉ. सुनील देशमुख विपक्ष की ओर से विधायक पद के प्रत्याशी होंगे.
उधर बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा की युवा स्वाभिमान पार्टी इस समय महायुति में घटक दल के तौर पर शामिल है. जिन्हें बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में महायुति द्वारा प्रत्याशी बनाया जा सकता है. वहीं विगत चुनाव में अमरावती जिले में भाजपा को एकमात्र जीत दिलाने वाले धामणगांव रेल्वे निर्वाचन क्षेत्र के विधायक प्रताप अडसड को पार्टी द्वारा एक बार फिर विधानसभा हेतु मौका दिया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर स्वाभिमानी शेतकरी पार्टी की टिकट पर मोर्शी-वरुड निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले विधायक देवेंद्र भुयार ने आगे चलकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया था और वे इस समय अजीत पवार गुट वाली राकांपा में शामिल भी हो गये है. उधर मेलघाट से प्रहार पार्टी के विधायक रहने वाले राजकुमार पटेल ने अब प्रहार पार्टी को अलविदा कहते हुए शिंदे गुट वाली शिवसेना में शामिल होने का निर्णय लिया है. जबकि प्रहार पार्टी के मुखिया तथा अचलपुर के विधायक बच्चू कडू ने ढाई वर्ष पूर्व महाविकास आघाडी को छोडने के बाद अब ऐन चुनावी मुहाने पर महायुति को भी छोडने का निर्णय लिया है और वे महायुति व मविआ के खिलाफ तीसरा मोर्चा मैदान में उतारते हुए इस तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करने जा रहे है. इसके अलावा महाविकास आघाडी के तहत कांग्रेस के हिस्से में अमरावती, तिवसा, दर्यापुर, अचलपुर व मेलघाट ऐसे पांच निर्वाचन क्षेत्र आ सकते है. जिसके तहत तिवसा से कांग्रेस विधायक एड. यशोमति ठाकुर की दावेदारी लगभग तय मानी जा रही है.

* पिछले विधानसभा चुनाव में किसे मिले थे कितने वोट?
निर्वाचन क्षेत्र             प्रत्याशी               वोट           पार्टी
अमरावती            सुलभा खोडके            82,881     कांग्रेस
अमरावती             डॉ. सुनील देशमुख     64,313     भाजपा
अचलपुर               बच्चू कडू                 81,252      प्रहार
अचलपुर               बबलू देशमुख           72,856     कांग्रेस
तिवसा                  एड. यशोमति ठाकुर  76,218      कांग्रेस
तिवसा                  राजेश वानखडे         65,857      शिवसेना ठाकरे
मेलघाट                राजकुमार पटेल        84,569      प्रहार
मेलघाट                रमेश मावस्कर         43,207      भाजपा
धामणगांव रेल्वे      प्रताप अडसड          90,832      भाजपा
धामणगांव रेल्वे      प्रा. वीरेंद्र जगताप      81,313      कांग्रेस
दर्यापुर                 बलवंत वानखडे        95,889      कांग्रेस
दर्यापुर                 रमेश बुंदिले            65,370       भाजपा
मोर्शी                   देवेंद्र भुयार              96,152      शेतकरी स्वाभिमान पक्ष
मोर्शी                   डॉ. अनिल बोंडे         86,361     भाजपा
बडनेरा                 रवि राणा                 90,460     युवा स्वाभिमान
बडनेरा                 प्रीति बंड                74,919      शिवसेना ठाकरे

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