प्रतिनिधि/दि.७
अमरावती – कक्षा १२ वीं की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद कई विद्यार्थी अभियांत्रिकी व फार्मसी की पढाई करने के लिए मुंबई व पुणे जैसे महानगरों में जाना पसंद करते है. किंतु इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से विद्यार्थियोें सहित उनके अभिभावकों की मानसिकता बदल गयी है और इस वर्ष अपने गृह जिले के महाविद्यालयों में ही प्रवेश लेने को प्राथमिकता दी जा रही है. ऐसे में इस वर्ष संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत अभियांत्रिकी व फार्मसी महाविद्यालयों में प्रवेश का औसत प्रतिशत बढेगा, ऐसे संकेत है. उल्लेखनीय है कि, गत वर्ष अमरावती संभाग में अभियांत्रिकी पाठ्यक्रम की करीब ५ हजार सीटें रिक्त थी और विगत चार-पांच वर्षों से अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए कोई खास भीडभाड नहीं दिखाई दे रही, लेकिन इस बार हाल ही में कक्षा १२ वीं का परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद स्थानीय अभियांत्रिकी व फार्मसी महाविद्यालयों में प्रवेश को लेकर पूछताछ करने हेतु अभिभावकों सहित विद्यार्थियों की भीडभाड उमडने लगी है. ज्ञात रहे कि इससे पहले सभी अभिभावक भी चाहते थे कि, उनके बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए मुंबई व पुणे जैसे बडे शहरों के कालेजोें में दाखिला ले. किंतु कोरोना संक्रमण की वजह से अब सभी की मानसिकता बदल गयी है और मुंबई व पुणे जैसे महानगरों में कोरोना संक्रमण को लेकर जारी हालात को देखते हुए अब अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को मुंबई व पुणे जाने की इजाजत नहीं दे रहे है. ऐसे में अब जिलास्तर पर रहनेवाले अभियांत्रिकी व फार्मसी महाविद्यालयों के लिए प्रवेश के संदर्भ में ‘अच्छे दिन‘ आने के संकेत दिखाई दे रहे है. बता दें कि, अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत २३ अभियांत्रिकी महाविद्यालय है. जिनकी प्रवेश क्षमता १० हजार सीटों की है. वहीं २३ फार्मसी महाविद्यालयों में २ हजार सीटें उपलब्ध है.
- ऐसी हैं अभियांत्रिकी शाखाएं
अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत २३ अभियांत्रिकी महाविद्यालय है तथा एक सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय है. इन सभी महाविद्यालयों में सिविल, मेकॅनिकल, कंप्यूटर सायन्स, इलेक्ट्रान्निस एन्ड टेलीकम्युनिकेशन, कंप्यूटर सायन्स एन्ड इंजिनिअरींग, टे्नसटाईल, केमिकल टे्ननॉलॉजी (फुड, पल्स, पेपर, ऑईल एन्ड पेन्ट) तथा आर्किटे्नचर की शाखाएं उपलब्ध है. जहां पर इस वर्ष प्रवेश के लिए काफी भीडभाड होना तय है.
- इस वर्ष अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत संचालित होनेवाले अभियांत्रिकी व फार्मसी महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए निश्चित तौर पर भीडभाड होना तय है. इस बार कक्षा १२ वीं का नतीजा बेहतरीन रहा. वहीं इस वर्ष कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए विद्यार्थियों व अभिभावकों द्वारा स्थानीय महाविद्यालयों में प्रवेश को प्राथमिकता दी जा रही है.