इस बार दशहरे पर सराफा रहा ठंडा
अमरावती/दि.1– इस समय तक किसानों द्वारा सोयाबीन की कटाई नहीं की जा सकी है. इसके चलते किसानों और खेतीहर मजदूरों के पास पैसा नहीं है और उनका हाथ कुछ हद तक तंग है. इसकी वजह से इस बार दशहरें के पर्व पर सराफा बाजार में सोने व चांदी की विक्री काफी हद तक ठंडी रही. इस बारे में जानकारी प्राप्त करने पर सराफा बाजार के सूत्रों ने बताया कि, जिले में इस बार दशहरे के पर्व पर 2 से ढाई करोड रुपए के सोने व चांदी की खरीदी-विक्री के व्यवहार हुए. साथ ही यह भी पता चला कि, जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्र में सोयाबीन की कटाई नहीं हो पाने की वजह से लोगों के पास पैसा नहीं है. वहीं सोने व चांदी के दाम आसमान छू रहे है. इस वजह से भी सोने व चांदी की अपेक्षित विक्री नहीं हो पायी है.
* सोना 62 हजार पर
सोने के दाम पितृपक्ष में कुछ हद तक कम थे. जो अब 62 हजार रुपए प्रतितोला के स्तर को भी पार कर चुके है. ऐसे में दाम अधिक रहने के चलते इस बार लोगों ने दशहरे पर सोना ही नहीं खरीदा.
* चांदी 72 हजार रुपए पर
इस बार चांदी 72 हजार रुपए तक चली गई है. इस दरवृद्धि का परिणाम चांदी की खरीदी-विक्री पर हुआ. अब बाजार में चांदी को लेकर लेन-देन थोडा कम हुआ.
* युद्ध की वजह से बढे दाम
इस समय दुनिया के विविध देशों के बीच युद्ध छेडा हुआ है. साथ ही विगत कुछ दिनों से इजराइल व हमास के बीच जंग चल रही है. इस वजह से बीते कुछ दिनों के दौरान सोने व चांदी के दामों में अच्छी खासी तेजी आयी हुई है.
* सराफा बाजार में हुआ ढाई करोड का व्यवहार
– इस बार जिले के सराफा बाजार में अपेक्षाकृत तौर पर थोडी सुस्ती रही.
– दशहरा उत्सव के समय सराफा बाजार में बमुश्किल 2 से ढाई करोड रुपयों के व्यवहार हुए.
– इस बार सोना बडे पैमाने पर खरीदा गया और चांदी को थोडा कम प्रतिसाद मिला.
* सराफा बाजार में इस बार दशहरा थोडा सुस्त रहा. इस समय किसानों द्वारा रबी सीजन हेतु बुआई का इंतजाम किया जा रहा है. इसकी वजह से किसानों को दशहरे पर कोई खास प्रतिसाद नहीं मिला.
– विवेक चुटके,
स्वर्णकार
* इस बार दशहरे का उत्सव काफी ठंडा व शांत बीता. उम्मीद है कि, जब किसानों के हाथ में फसल आएगी, तब बाजार में थोडी बहुत तेजी दिखाई देगी.
– राजेश अटलानी,
स्वर्णकार