अमरावती प्रतिनिधि/दि.६ – राज्य सरकार ने महाराष्ट्र के 20 जगह पर पर्यटन महोत्सव का आयोजन फरवरी से मार्च के बीच करने का निर्णय लिया है. इस पर्यटन महोत्सव से विदर्भ के नंदनवन समझे जाने वाले चिखलदरा को मात्र धत्ता दिखाया गया है. जिससे रोष व्यक्त हो रहा है.
हर वर्ष चिखलदरा पर्यटन महोत्सव बडी मात्रा में आयोजित किया जाता है. किंतु पिछले 4 वर्ष से यह पर्यटन महोत्सव बंद किया गया है. उसके कारणों का पता कोई लगा नहीं पाया. राज्य सरकार महाराष्ट्र के पर्यटन को बढावा देने के लिए प्रयासरत है. यह सकारात्मक बाद रहते हुए इस बार चुने गए पर्यटन स्थलों की सूची में चिखलदरा का नाम न रहने की सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है. जिससे मेलघाट के आदिवासी बंधुओ समेत पर्यटकों में असंतोष निर्माण हुआ है. नरनाला किला अकोला जिले का अकोट फारेस्ट रेंज में रहने से अमरावती जिले को पर्यटन महोत्सव के लिए स्थान नहीं मिला. यह जनभावना खुलकर बताई जा रही है. छोटी जगह की अभाव में प्रलंबित स्कॉयवॉक प्रकल्प, सडकों की हुई दुर्दशा छिपाने के लिए राज्य सरकार की ओर से चिखलदरा पर्यटन स्थल की ओर दुर्लक्ष किया गया है, ऐसा भी अनेक पर्यटक कह रहे है. राज्य सरकार की दुर्लक्षित नीति से प्रलंबित चिखलदरा पर्यटन विकास का प्रारुप जनप्रतिनिधियों के प्रयासों से चर्चा में भले ही है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल रही.
चिखलदरा महोत्सव चार वर्ष से बंद है. वह अब होना चाहिए था. किंतु सरकार ने विदर्भ के नंदनवन की ओर दुर्लक्ष किया है. पहले ही काफी समस्याएं है, जिससे सरकार ने चिखलदरा पर्यटन महोत्सव शुरु करना चाहिए.
– विजया सोमवंशी, नगराध्यक्ष, चिखलदरा
चिखलदरा का नाम महाराष्ट्र सरकार ने पर्यटन महोत्सव से हटाना याने जिले के नेताओं के लिए यह शर्मनाक बात है. हम इस निर्णय का निषेध करते है.
– मनोज शर्मा, सचिव, होटल ओनर्स एसोसिएशन