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इस बार अमरावती से बाहर का व्यक्ति होगा नया कुलगुरु!

अंतिम 5 में अमरावती संभाग के किसी भी शिक्षाविद का नाम शामिल नहीं

* चयन समिति ने अंतिम 5 नामों को भेजा राजभवन, अब राज्यपाल करेंगे फैसला
अमरावती/दि.15 – संभाग के 5 जिलों में अपना कार्यक्षेत्र रखने वाले संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के नये कुलगुरु पद हेतु अमरावती संभाग के पांचों जिलों मेें से किसी भी शिक्षाविद को योग्य नहीं माना गया है. क्योंकि कुलगुरु पद हेतु हुए साक्षात्कार की प्रक्रिया के बाद चयन समिति की ओर से जिन 5 नामों को अंतिम मान्यता हेतु कुलपति व राज्यपाल के पास भेजा गया है, उन 5 नामों में एक भी शिक्षाविद अमरावती शहर व जिले सहित संभाग के वास्ता नहीं रखता, ऐसी जानकारी विश्वसनीय सूत्रों के जरिए सामने आयी है. इन्हीं 5 नामों में से किसी एक नाम को कुलपति व राज्यपाल द्वारा संगाबा अमरावती विवि के नये कुलगुरु के तौर पर मंजूरी दी जाएगी. जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि, इस बार अमरावती विद्यापीठ का नया कुलगुरु स्थानीय भूमिपूत्र नहीं रहेगा, बल्कि किसी बाहरी व्यक्ति को कुलगुरु नियुक्त करते हुए अमरावती भेजा जाएगा.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती को शिक्षा का ‘माहेरघर’ कहा जाता है तथा मूलत: अमरावती जिले व संभाग से वास्ता रखने वाले कई शिक्षाविद बाहर जाकर कई नामांकि शिक्षा संस्थाओं में बडे-बडे पदों को सुशोभित भी करते है. लेकिन अमरावती के शिक्षाविदों की अमरावती के ही विद्यापीठ में कुलगुरु पद पर नियुक्ति हेतु कुछ हद तक अनदेखी की जाती है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, मामला कुछ हद तक ‘घर की मूर्गी, दाल बराबर’ वाला है. बता दें कि, प्रा. डॉ. कमल सिंह की कुलगुरु पद पर नियुक्ति के साथ ही अमरावती विद्यापीठ में कुलगुरु पद पर बाहरी शिक्षाविदों की नियुक्ति का सिलसिला शुरु हुआ था. यद्यपि कुलगुरु के तौर पर कमल सिंह का कार्यकाल काफी हद तक बेहतरीन व शानदार रहा. परंतु इसके बाद कुलगुरु के तौर पर आये डॉ. मोहन खेडकर व डॉ. मुरलीधर चांदेकर के कार्यकालों को काफी हद तक विवादास्पद कहा जा सकता है. इसके उपरान्त अरसा पहले अमरावती से पुणे जाकर बस चुके तथा कालांतर में यूजीसी व तंत्र शिक्षा परिषद के साथ जुडने वाले डॉ. दिलीप मालखेडे को अमरावती के 8 वे कुलगुरु के तौर पर नियुक्त किया गया. जिनके रुप में लंबे समय बाद अमरावती के कुलगुरु पद पर स्थानीय भूमिपूत्र को अवसर मिला. लेकिन कुलगुरु के तौर पर डॉ. मालखेडे का कार्यकाल बेहद अत्यल्प रहा. क्योंकि विगत वर्ष जनवरी माह में लंबी बीमारी पश्चात डॉ. मालखेडे का अपना कार्यकाल खत्म करने से पहले ही असमय निधन हो गया था. जिसके बाद मराठवाडा विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले द्वारा प्रभारी कुलगुरु के तौर पर संगाबा अमरावती विवि का कामकाज संभाला जा रहा था. डॉ. येवले भी विगत 31 दिसंबर को सेवा निवृत्त हो गये है. जिसके चलते फिलहाल डॉ. विजय माहेश्वरी द्वारा प्रभारी कुलगुरु के रुप में संगाबा अमरावती विवि का कामकाज संभाला जा रहा है. वहीं इस दौरान विगत सितंबर माह से नये कुलगुरु का चयन करने हेतु चयन समिति द्वारा तमाम आवश्यक प्रक्रिया चलायी जा रही थी. जिसके तहत करीब 115 इच्छूकों के आवेदन प्राप्त हुए थे. जिनमें से करीब 40 इच्छूकों को साक्षात्कार हेतु पात्र मानते हुए साक्षात्कार देने हेतु मुंबई बुलाया गया था. जहां पर विगत सप्ताह ही दो दिनों तक साक्षात्कार की प्रक्रिया पूर्ण की गई. जिसके बाद 5 नामों की सूची बनाते हुए इस सूची को अंतिम मान्यता हेतु राजभवन भेज दिया गया.
बता दें कि, चयन समिति द्वारा साक्षात्कार हेतु मुंबई बुलाये गये 40 आवेदकों में अमरावती शहर व जिले सहित संभाग के ही 4 से 5 वरिष्ठ शिक्षाविदों का समावेश था तथा उम्मीद जतायी जा रही थी कि, अंतिम 5 में अमरावती के कम से कम 1 या 2 शिक्षाविद के नाम का समावेश जरुर रहेगा. लेकिन विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अंतिम 5 में अमरावती के एक भी शिक्षाविद का नाम शामिल नहीं है. जिससे यह स्पष्ट है कि, इस बार अमरावती के कुलगुरु पद का जिम्मा किसी बाहरी शिक्षाविद को ही सौंपा जाएगा. ऐसे में अब सभी की निगाहे इस ओर लगी हुई है कि, अमरावती के 9 वें कुलगुरु के तौर पर राज्यपाल द्वारा किस शिक्षाविद के नाम पर अपनी अंतिम मुहर लगाई जाती है.

 

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