अमरावती

इस बार दोगुनी हो सकती है राज्य में बाघों की संख्या

ऑनलाईन प्रगणना हुई पूरी, रिपोर्ट मिलना बाकी

अमरावती/दि.18- करीब तीन वर्ष बाद समूचे राज्य में बाघों की ऑनलाईन प्रगणना हुई और बुध्दपूर्णिमा की रात 16 मई को अलग-अलग व्याघ्र प्रकल्पों एवं अतिसंरक्षित वन्य क्षेत्रों में व्याघ्र एवं वन्यजीव गणना का काम पूर्ण किया गया. जिसके बाद अब राज्य के जंगलों में रहनेवाले बाघों की सटिक संख्या सामने आयेगी. इसे लेकर मिल रही प्राथमिक जानकारी के मुताबिक पहले की तुलना में बाघों की संख्या दोगुनी रहने के संकेत मिल रहे है.
बता दें कि, देहरादून स्थित वन्यजीव संस्था के निर्देशानुसार देश में एक ही समय बाघों की ऑनलाईन प्रगणना की गई. जिसके लिए वाईल्ड लाईफ संस्था ने एक ऍप विकसित किया है और बीते सात दिनों के दौरान बाघ सहित अन्य वन्यजीवों की प्रगणना की जानकारी इस ऍप में दर्ज की जा रही है. यह प्रगणना क्षेत्रीय स्तर पर किये जाने के चलते वन क्षेत्रपाल, वनपाल तथा वनरक्षकों को कई समस्याओं व दिक्कतों को सामना करना पडा. राज्य के 500 वन परिक्षेत्र में लगातार सात दिनों तक यह अभियान चलाया गया और प्रगणना का ऑनलाईन डेटा देहरादून भिजवाया गया. जहां पर हर ओर से आयी जानकारी को संकलित करते हुए इसकी रिपोर्ट घोषित की जायेगी. किंतु प्राथमिक अनुमान के मुताबिक इस बार राज्य में बाघों की संख्या 500 से अधिक रहने के पूरे अनुमान है.

* ताडोबा व टिपेश्वर नंबर वन
– बाघों की संख्या के मामले में ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प एक नंबर पर है. वहीं यवतमाल जिले का टिपेश्वर अभयारण्य भी बाघों के मामले में अब आगे दिखाई दे रहा है.
– टिपेश्वर में युवा बाघों की संख्या 35 के आसपास रहने की प्राथमिक जानकारी सामने आयी है.
– इस समय चंद्रपुर, ताडोबा व टिपेश्वर यह बाघों का कॉरिडोर हो गया है और चंद्रपुर के बाघ ताडोबा होते हुए टिपेश्वर तक यात्रा करते है. जिसके चलते ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में पर्यटकों की संख्या बढ रही है.
– मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में भी बाघों की संख्या में 15 फीसद वृध्दि होने का संकेत है. इसके अलावा पेंच व सह्याद्री में भी बाघों की संख्या पांच फीसद से बढ सकती है.

संरक्षण व संघर्ष
– विदर्भ में बाघों की संख्या 400 के आसपास रहने की पूरी संभावना है.
– ताडोबा, टिपेश्वर, नागझिरा, नवेगांव बांध, यवतमाल, वणी, वरोरा, उमरेड, करांडला, बुलडाणा तथा किनवट इन क्षेत्रों में बाघों की संख्या 2 से 10 तक है.
– इस क्षेत्र में चंद्रपुर व ताडोबा से बाघों के आने की जानकारी है.
– चंद्रपुर जिले में बाघों की लगातार बढती संख्या के चलते मानव एवं वन्यजीव संघर्ष काफी तेज हो गया है.

यद्यपि प्रगणना की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है, किंतु अभी इसकी रिपोर्ट नहीं मिली है. रिपोर्ट मिलने के बाद वन्यजीव निहाय वर्गवारी की जायेगी. जिसके बाद बाघ व तेंदुए सहित अन्य वन्य प्राणियों की संख्या निश्चित की जायेगी. राज्य के पर्यावरणीय वातावरण को देखते हुए इस बार बाघों की संख्या काफी अधिक रहेगी. इसमें कोई संदेह नहीं है.
– सुनील लिमये
प्रधान मुख्य संरक्षक, महाराष्ट्र

————-

Related Articles

Back to top button