अमरावती

इस बार पतंग उद्योग पर ही ‘संक्रांत’

त्यौहार पर मंडरा रहा कोविड संक्रमण का साया

अमरावती/दि.10– जारी सप्ताह में बडी धुमधाम के साथ तिलसंक्रांत का पर्व मनाया जाना है और संक्रांत पर्व के अवसर पर बडे ही जोर-शोर से पतंगबाजी भी की जाती है. किंतु इस वर्ष संक्रांत के पर्व पर कोविड संक्रमण के खतरे का साया मंडराता दिखाई दे रहा है. ऐसे में इस वर्ष पतंगबाजी को लेकर कोई विशेष उत्साह दिखाई नहीं दे रहा. जिसके चलते कहा जा सकता है कि, इस बार पतंग उद्योग पर ही संक्रांत आनेवाली है. उल्लेखनीय है कि, कुछ अरसा पहले पतंगबाजी करने के लिए मांजा तैयार करने, पतंग बनाने या खरीदकर लाने तथा पतंग उडाने का काम एक तरह से मनोरंजन व टाईमपास का साधन हुआ करता था. जिसके लिए यार-दोस्तों का अड्डा जमा कर पतंगबाजी की जाती थी. किंतु दिनोंदिन बदलती परिस्थिति के चलते अब सार्वजनिक मैदानों पर यार-दोस्तों का जमघट लगना लगभग बंद हो गया और छोटे बच्चों से लेकर युवा वर्ग तक सभी लोग मोबाईल के शौकीन हो गये. जिसके चलते पतंगबाजी करनेवालों की संख्या दिनोंदिन कम होती चली गई. इसके साथ ही विगत दो वर्षों से रही-सही कसर कोविड संक्रमण ने पूरी कर दी. जिसके चलते अब सामूहिक तौर पर पतंगबाजी करने से लोगबाग मुंह मोडने लगे है. ऐसे में लाखों रूपयों का आर्थिक लेन-देन रहनेवाले पतंग व्यवसाय में पिछले लंबे समय से काफी हद तक मंदी का माहौल है. ऐसे में सभी पतंग उत्पादकोें व पतंग विक्रेताओं के यहां विगत दो वर्षों से पतंगों का स्टॉक जस का तस पडा हुआ है. वहीं विगत दो माह से रापनि कर्मियों की हडताल जारी रहने के चलते पतंगों की अन्य शहरों व जिलों में ले जाकर बिक्री करने का भी कोेई मार्ग उपलब्ध नहीं है.

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