अमरावती

इस बार दीपावली के फराल पर महंगाई का साया

किराणा वस्तुओं की कीमतों में तेजी

प्रतिवर्ष महंगा हो रहा किराणा
महंगाई ने त्यौहारों का मजा किया किरकिरा
अमरावती-/दि.15  जारी वर्ष के प्रारंभ से शुरू हुआ बढती महंगाई का दौर अब भी नियंत्रण में नहीं आया है. जिसके चलते सभी वस्तुओं के दाम आस्मान पर जा भिडे है. वहीं अब ऐन दीपावली पर्व के मुहाने पर महंगाई में और भी अधिक तेजी आ गई है और सभी किराणा वस्तुओं के दामों में उछाल देखा जा रहा है. जिसके चलते गत वर्ष की तुलना में इस बार दीपावली के लिए किराणा माल पर होनेवाले खर्च में साधारण तौर पर 2 हजार रूपये की वृध्दि होने का अनुमान है.
उल्लेखनीय है कि, दीपावली में विभिन्न तरह के पक्वान्न व मिष्ठान्न तैयार करने हेतु गृहिणियों द्वारा शक्कर से लेकर घी तक विभिन्न किराणा वस्तुओं की खरीददारी की जाती है. इस वर्ष सभी किराणा वस्तुओं के दामों में तेजी है. तेल की दरें भी उछाल भर रही है और तुअरदाल, रवा, मैदा, पोहे व मुरमुरे के दाम भी गत वर्ष की तुलना में इस बार काफी अधिक हैं. ऐसे में इस वर्ष दीपावली के लिए किराणा खरीदते समय अधिक पैसा लगेगा.
बाजार सूत्रों के मुताबिक इंधन की दरों में हुई वृध्दि के चलते माल ढुलाई का खर्च बढ गया है. जिसकी वजह से कई वस्तुओं के दाम बढ गये है. इसके साथ ही इस वर्ष बारिश की वजह से फसलों का काफी नुकसान हुआ. इसके परिणाम स्वरूप भी महंगाई बढी, लेकिन इस बढती महंगाई ने गरीबों के मुंह से निवाला छीनने का काम किया है, क्योंकि लोगों की आय तो जस की तस है, वहीं उन्हें अपने जीवन-यापन व भरण-पोषण में काफी अधिक खर्च करना पड रहा है. जिससे आमदनी व खर्च के बीच संतुलन बनाये रखने में काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. ऐसी स्थिति में त्यौहारोें को लेकर रहनेवाला उत्साह कहीं गायब सा हो गया है.
उल्लेखनीय है कि, दीपावली के त्यौहार में केवल खाद्य पदार्थों पर ही नहीं, बल्कि अन्य कई बातों पर भी खर्च करना पडता है. जिसमें कपडे-लत्ते व साज-सजावट के सामानों का भी समावेश रहता है. इसके अलावा इस पर्व पर मेहमानों का भी आना-जाना लगा रहता है. साथ ही कई बार खुद को भी अपने परिचितों के यहां जाना पडता है. इन सभी बातों में अच्छा-खासा पैसा खर्च होता है. किंतु त्यौहार से पहले ही महंगाई ने सभी की कमर तोड रखी है. ऐसे में सर्वसामान्य व्यक्ति इसी पेशोपेश में है कि, वह इस महंगाई के बीच दीपावली का पर्व कैसे मनाये.

आमदनी घटी, खर्च बढा
कोविड संक्रमण की महामारी के चलते लगाये गये लॉकडाउन की वजह से करीब दो-ढाई वर्ष तक अर्थ व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प रही. इस दौरान कई लोगों की नौकरियां चली गई और रोजगार के साधन खत्म हो गये. ऐसे में उनकी आय के स्त्रोत बंद हो गये. वहीं निजी क्षेत्र में काम करनेवाले लोगों की इन दो-तीन वर्षों में कोई वेतनवृध्दि नहीं हुई, बल्कि लॉकडाउन काल के दौरान उन्हें वेतन कटौती का सामना करना पडा. वहीं दूसरी ओर जीवनावश्यक वस्तुओं के दामों में लगातार वृध्दि होती रही. जिसके चलते ‘आमदनी अठन्नी-खर्चा रूपैय्या’ वाली स्थिति बन गई है. जिसकी वजह से आमदनी और खर्च के बीच कोई तालमेल ही नहीं बैठ पा रहा.

दो वर्ष में कितने बढे दाम (प्रति किलो)
वस्तु इस वर्ष के दाम गत वर्ष के दाम
चना दाल 65 60
तुअर दाल 130 100
शक्कर 39 37
गुड 45 40
बेसन 70 65
रवा 36 32
मैदा 37 34
फल्ली दाने 130 120
मुरमुरे 70 60
पोहा 45 55

तेल के दामों में भी तेजी
सोयाबीन      – 142
फल्ली तेल    – 180
सूर्य फुल       – 180
राईस ब्रान    – 155
पाम तेल       – 110

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