इस बार भी कोरोना के चलते शालाओं में नहीं होगा प्रवेशोत्सव
राज्य में 15 जून से ऑनलाईन ही शुरू होगा नया शैक्षणिक सत्र
अमरावती/दि.14 – प्रति वर्ष विदर्भ क्षेत्र को छोडकर राज्य के अन्य सभी जिलों में 15 जून से नया शैक्षणिक वर्ष शुरू होता है. किंतु गत वर्ष की तरह इस बार भी कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस शैक्षणिक सत्र को ऑनलाईन पध्दति से ही शुरू किया जायेगा. ऐसे में न तो शालाओं में विद्यार्थियों की प्रत्यक्ष उपस्थिति होगी और न ही बच्चों के शोर-शराबे सहित स्कुल की घंटी सुनाई देगी. वहीं विदर्भ क्षेत्र में नया शैक्षणिक वर्ष 26 जून को शुरू होता है, इसे लेकर भी काफी हद तक संभ्रम देखा जा रहा है और माना जा रहा है कि, विदर्भ क्षेत्र में भी शैक्षणिक सत्र की शुरूआत ऑनलाईन तरीके से ही होगी. यह स्थिति 1 अगस्त तक चलती रहेगी. जिसके बाद शालाओं को प्रत्यक्ष खोलने के बारे में विचार किया जायेगा.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए विशाल सोलंके ने बताया कि, राज्य में इस समय भले ही कोविड संक्रमण का असर व प्रभाव कम होता दिखाई दे रहा है. किंतु विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार भी शैक्षणिक सत्र का प्रारंभ ऑनलाईन तरीके से ही होगा. ऐसे में इस वर्ष भी शाला के पहले दिन शिक्षकों को विद्यार्थियों का स्वागत करने और विद्यार्थियों को प्रवेशोत्सव का आनंद लेने का मौका नहीं मिलेगा.
शैक्षणिक साहित्य की खरीदी ठंडे बस्ते में
अमूमन जून माह में शालाएं शुरू होने के मद्देनजर मई व जून माह से शहर में जगह-जगह शैक्षणिक साहित्य की दुकाने सज जाती है. जहां पर बडे पैमाने पर ग्राहकी का आलम दिखाई देता है और सभी अभिभावक अपने बच्चों के लिए कॉपी-किताब, शालेय बैग, टिफीन, वॉटर बैग व गणवेश सहित छाते व रेनकोट आदि की खरीददारी करते दिखाई देते है. किंतु इस वर्ष ऐसी कोई खरीददारी होती दिखाई नहीं दे रही और बाजार में शैक्षणिक साहित्य खरीदने को लेकर कोई गहमागहमी भी नहीं है. क्योंकि लगभग सभी अभिभावकों को पता है कि, फिलहाल शालाओं में प्रत्यक्ष कक्षाएं शुरू नहीं होने जा रही. ऐसे में शैक्षणिक साहित्य की खरीददारी का काम ठंडे बस्ते में पडा हुआ है.
विशेष ब्रिज कोर्स
शालाएं शुरू होने के बाद ऑनलाईन शिक्षा लेनेवाले विद्यार्थियों की पढाई-लिखाई हेतु विशेष ब्रिज कोर्स बनाया गया है. जिसके जरिये 1 अगस्त तक विद्यार्थियों को पढाया जायेगा. यह ब्रिज कोर्स पूरा करना 2 री से 8 वीं के कक्षा के विद्यार्थियों हेतु अनिवार्य किया जायेगा. हालांकि इस संदर्भ में अब तक कोई स्पष्ट दिशानिर्देश जारी नहीं किये गये है.
तासिकाओं के बारे में मार्गदर्शन आवश्यक
– कई शालाओं में पूरा समय ऑनलाईन पढाई तथा विषयों के पीरियड लिये जा रहे है. जिसका सीधा परिणाम विद्यार्थियों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर पड रहा है.
– ऐसे में किसी विषय को कितने समय तक पढाया जाये और उसके पिरीयड की अवधि कितनी हो, उस विषय की परीक्षा, स्वाध्याय तथा होमवर्क का नियोजन कैसे किया जाये. इसे लेकर शिक्षा विभाग द्वारा शालाओं को मार्गदर्शन किया जाना अपेक्षित है. किंतु अब तक ऐसी कोई गाईडलाईन जारी नहीं की गई है, जिसकी वजह से काफी हद तक संभ्रम देखा जा रहा है.