अमरावतीविदर्भ

1870 में तुकोजीराव होलकर इस ट्रैक का निर्माण किया था

गौरवशाली इतिहास है आकोला-खंडवा रेलमार्ग का

प्रतिनिधी/दि.१७
परतवाडा – खंडवा से महू जाने वाली 136 साल पुरानी मीटरगेज लाइन एक महीने बाद इतिहास बन जाएगी। ब्रॉडगेज लाइन टेक्नोलॉजी का अद्भुत नमूना होगी। खंडवा से इंदौर तक 118 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर 150 से ज्यादा बड़े और छोटे पुल-पुलियाओं को तोड़ा नहीं जाएगा। मोरटक्का स्थित नर्मदा के पुल को चारों तरफ से जैकेट लगाकर मजबूत किया जाएगा। ऐसा ही काम सभी पुल-पुलियाओं पर होगा। रेलवे के इंजीनियरों ने पुल का सर्वे कर मजबूती को परख लिया है। पुल के चारों ओर पिलर खड़े कर जैकेट का कवच लगाने काम भी जल्द शुरू होगा। इंटर रॉक ट्रेन डायवर्ट सिस्टम से होगा, जिसमें 11.2 किमी की सुरंग बनाई जाएगी, जो भारत की पहली सुरंग होगी। सतपुड़ा पर्वत पर बनने वाली सुरंग के बारे में बताया जा रहा है कि इतनी बड़ी सुरंग आज तक किसी भी ट्रैक पर नहीं बनी है। रेलवे इसे चार हिस्सों में चोरल से लेकर पातालपानी की पर्वत माला के बीच बनाएगा। इसे बनाने में करीब दो साल लगेंगे। इसके बाद पहाड़ों की स्पीड वाली समस्या खत्म हो जाएगी। ट्रैक पर 90 से 110 की स्पीड पर सुपर फास्ट ट्रेनें आसानी से दौड़ेंगी। फिलहाल ट्रेनें 30 से 70 किमी स्पीड तक ही चल पाती है। नए ट्रैक पर 90 मिनट में खंडवा से इंदौर का सफर तय होगा।
खंडवा-महू रेलवे ट्रैक को ब्रॉडगेज बनाने का काम दो चरणों में होगा। इस माह के अंत तक पहले चरण में खंडवा से सनावद के बीच काम शुरू होगा। दूसरे चरण में सनावद से महू के बीच अप्रैल-मई 2017 से काम शुरू होगा। ट्रैक मुकम्मल होने में 5 साल लग जाएंगे। यानी इंदौर के लिए अगली ट्रेन 2022 में मिलेगी। ब्रॉडगेज बनने के बाद इंदौर की दूरी 22 किलोमीटर कम हो जाएगी। दक्षिण भारत के शहरों बैंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई व उत्तर भारत के जयपुर, अजमेर शहरों तक सीधी पहुंच होगी। अभी इन शहरों तक जाने के लिए घूमकर जाना पड़ता है।
इंदौर-खंडवा रेल लाइन का निर्माण 1870 के दशक में हुआ। व्यापार और परिवहन को सुलभ बनाने के लिए इंदौर के महाराजा सवाई श्री तुकोजीराव होलकर द्वितीय ने 10 लाख रुपए अंग्रेजों को देकर ट्रैक बनाने में मदद की थी। इसलिए इसे होलकर राज्य रेलवे भी कहा गया। 510 गज की दूरी और 4 बड़ी सुरंगों की खुदाई के बाद रेलमार्ग का अद्धभुत रास्ता बनाया था।
-ओंकारेश्वर-सनावद का कार्य पूर्णतः की ओर
ओंकारेश्वर रोड स्टेशन रेल खंड से सनावद तक आने वाली पुरानी मीटरगेज ट्रैक 31 अगस्त की आधी रात से अतीत का हिस्सा हो जाएगी। इसके साथ ही अब 2020 तक रेल की छुक-छुक सनावद में सुनाई नहीं देगी, जबकि महू से ओंकारेश्वर रोड के बीच ट्रैक बंद नहीं होगा। यहां मीटर गेज ट्रेन चलती रहेगी, जिससे ओंकारेश्वर तक जाने वाले यात्रियों को सस्ता साधन उपलब्ध हो सके। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन को आने-जाने वाले यात्रियों के लिए रेलवे नया क्लास स्टेशन बनाने जा रहा है। इसके लिए तैयारी कर ली है। इसे पुराने स्टेशन से कुछ दूर बनाया जाएगा। यहां पर्यटकों के लिहाज से तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। जहां पार्किंग, ठहरने के लिए रिटायरिंग रूम, तैयार होने के लिए वेटिंग हॉल, पूरे स्टेशन पर ओंकारेश्वर तीर्थ, नर्मदा नदी और आस-पास की धरोहर-पर्यटन स्थल की पेटिंग और जानकारी दी जाएगी।
पुराने रेलवे फाटक की जगह अंडरपास
वर्तमान में जो ओंकारेश्वर स्टेशन है, उसे खत्म कर दिया जाएगा। जमीनी सतह से यह स्टेशन करीब दो मीटर ऊंचाई पर बनेगा। स्टेशन के लिए रेलवे ने जमीन अधिग्रहण की शुरुआत कर दी है। यह स्टेशन सनावद के मोरधड़ी गांव स्थित रेलवे फाटक से लगकर बनेगा। वर्तमान में जहां रेलवे फाटक है, वहां अंडर पास बनाया जाएगा। इसके साथ ही 2020 तक सनावद-खण्डवा रेल लाइन भी सवारी गाड़ी के लिए शुरू हो जाएगी।
दो जिलों के बीच होगा तैयार
जिस स्थान पर नया ओंकारेश्वर स्टेशन बनाया जा रहा है, वह खण्डवा और खरगोन जिले की सीमा पर है। मौजूदा ओंकारेश्वर रोड स्टेशन से करीब 1.3 किमी सनावद की ओर मेन रोड से लगकर इसे बनाया जा रहा है। इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर बन रहे इस स्टेशन को पर्यटन के लिहाज से तैयार किया जा रहा है। डिजाइन भी अन्य स्टेशनों से अलग होगी
सनावद में स्टेशन बिल्डिंग तैयार, होंगे तीन प्लेटफॉर्म
सनावद स्टेशन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यहां स्टेशन बिल्डिंग बन गई है। जहां पुरानी रेलवे कॉलोनी है, उसे तोडकऱ नई बनाई जा रही है। यहां पहले मीटरगेज लाइन के दो प्लेटफॉर्म और एक थ्रू लेन थी। अब यहां पर ब्रॉडगेज के तीन प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे हैं। स्टेबलिंग लाइन अलग से होगी। कुल चार लेन का स्टेशन होगा। यहां पूरा स्टेशन करीब 1 मीटर ऊंचाई पर बनाया जा रहा है। बाहर कार और बाइक पार्किंग के लिए भी स्पेस दिया है। इसके साथ यहां पर एक एफओबी भी बनाया जा रहा है।
ऐसे पूरा होगा काम
रेलवे अफसरों से मिली जानकारी के अनुसार खण्डवा से निमाडख़ेड़ी तक करीब 55 किमी ब्रॉडगेज लाइन का काम पूरा हो चुका है। छह माह में सनावद तक ब्रॉडगेज लाइन पूरी हो जाएगी। वर्तमान में सनावद स्टेशन का काम भी 60 फीसदी हो चुका है।  2020 के अंत तक सनावद-खण्डवा के बीच डेमू ट्रेन संचालन शुरू होने की संभावना है।
ग्राम मथेला होते हुए खण्डवा जाएगी गाड़ियां
जनवरी 2016 में सनावद-खण्डवा रेल खण्ड को मीटरगेज से ब्रॉडगेज में तब्दील करने के लिए बंद किया था। मीटरगेज ट्रैक सनावद से निमाडख़ेड़ी, कोटलाखेड़ी, अतर और अंजति होते हुए खण्डवा स्टेशन से मिलती थी लेकिन रतलाम मंडल के कंस्ट्रक्शन विभाग ने इस सनावद-खण्डवा रेलखण्ड पर एक बायपास बनाया है। इसे खण्डवा-भोपाल रेल खण्ड के पहले स्टेशन मथेला से खण्डवा की ओर अजंति स्टेशन से करीब पांच किमी आगे खण्डवा की ओर जोड़ा है। यहां से मीटरगेज लाइन को निमाडख़ेड़ी तक ब्रॉडगेज किया है। वर्तमान में खण्डवा से मथेला होते हुए निमाडख़ेड़ी तक रेल लाइन तैयार है। यहां सीआरएस भी हो चुका है।
आगामी छह माह में निमाडख़ेड़ी से सनावद के बीच करीब 11 किमी और अजंति बायपास से खण्डवा स्टेशन के बीच करीब चार किमी की मीटरगेज लाइन को ब्रॉडगेज लाइन में तब्दील किया जाएगा, जिसका काम जारी है।
– रेलखंड 1 सितंबर से कर देंगे बंद
एक सितंबर से सनावद-ओंकारेश्वर रोड स्टेशन रेल खण्ड बंद कर दिया जाएगा। इसके साथ नए स्टेशन का काम शुरू होगा। इस स्टेशन को तेजी से पूरा किया जाएगा। यहां पर सभी तरह की सुविधाएं यात्रियों को मुहैया कराई जाएगी।

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