इस वर्ष भी अमरावती विद्यापीठ स्टूडंट काउंसिल के चुनाव नहीं
सिनेट की दो जगह रिक्त ही रहेगी, विद्यार्थियों में निराशा
अमरावती/दि.15- संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के स्टूडंटस काउंसिल (विद्यार्थी संघ) के चुनाव इस वर्ष भी टल गए हैं. इस कारण सिनेट की दो जगह रिक्त रहने वाली है. हाल ही में सिनेट के 39 सदस्यों के चुनाव संपन्न हुए. लेकिन राज्यपाल, कुलसचिव व अन्य स्थानीय स्वराज्य संस्था व्दारा प्रतिनिधि अभी तक नियुक्त न किए जाने से सिनेट की पहली बैठक नहीं हो पाई हैं. इस पृष्ठभूमि पर चुनाव में निर्वाचित होकर सिनेट में पहुंचे अन्य निर्वाचन क्षेत्र के सदस्यों को यह चिंता है कि सिनेट का गठन कब होगा. इस बाबत विद्यार्थी व प्राध्यापकों की संगठना की तरफ से पूछताछ शुरु हुई हैं.
संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के सर्वोच्च प्राधिकारी वाले सिनेट में कुल 70 प्रतिनिधि है. मतदान की प्रक्रिया के जरिए निर्वाचित हुए 39, राज्यपाल व्दारा नामित किए जाने वाले 10, कुलगुरु व्दारा नामित किए जाने वाले 10, छात्रसंघ के अध्यक्ष-सचिव, विधानसभा के 2 और विधानपरिषद का सदस्य, स्थानीय स्वराज्य संस्था के प्रतिनिधि, विद्यापीठ के विविध विभाग प्रमुख, संचालक आदि का इसमें समावेश हैं. लेकिन विधायक प्रताप अडसड की नियुक्ति के अपवाद को छोडकर अभी तक अन्य प्रतिनिधियों की चयन प्रक्रिया शुरु नहीं हुई हैं. विद्यापीठ छात्रसंघ के अध्यक्ष और सचिव यह दोनों पदाधिकारी सिनेट के पदसिद्ध सदस्य रहते हैं. लेकिन इस वर्ष भी विद्यापीठ विद्यार्थी संघ का गठन न होने से यह दोनों पद रिक्त है, इस कारण सिनेट की यह दोनों सीट रिक्त रहने वाली हैं. अमरावती विद्यापीठ के सिनेट के चुनाव हाल ही में संपन्न हुए हैं. इस कारण इस मुद्दे को महत्व प्राप्त हुआ हैं. इस वर्ष का छात्र संघ क्यों गठित नहीं किया गया, इस बाबत आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा हैं. कोरोनाकाल के 2 वर्ष वैसे ही यंत्रणा व्दारा टाल दिए गए थे. लेकिन इस वर्ष सभी बातें सामान्य होने के बाद भी इस विषय को नियोजित तरीके से टाल दिया गया. इस कारण विद्यार्थी संगठना निराश हुई हैं.
कुलगुरु की तबीयत ठीक न रहने से वह पिछले कुछ दिनों से अवकाश पर हैं. उनके स्थान पर प्र.-कुलगुरु डॉ. विवेक कुमार चौबे विद्यापीठ का कामकाज संभाल रहे है. लेकिन सिनेट के गठन बाबत अथवा सिनेट की पहली बैठक बुलाने बाबात विद्यापीठ प्रशासन ने अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया है, ऐसा सूत्रों का कहना है. इस कारण जल्द ही विद्यापीठ प्रशासन के साथ चर्चा व पत्रव्यवहार किया जाएगा, ऐसा नूटा के कुछ नवनिर्वाचित सिनेट सदस्यों ने कहा हैं. विद्यापीठ छात्रसंघ के चुनाव के लिए ऑल इंडिया स्टूडंटस फेडरेशन इच्छूक हैं. विद्यार्थियों को लोकतांत्रिक प्रणाली की शिक्षा लेनी हो तो विद्यापीठ के चुनाव एकमात्र उचित साधन है. इस कारण यह चुनाव लेने की एआयएसएफ की मांग हैं.