इस वर्ष गणेशोत्सव की तैयारियां जोरो से शुरू
आजाद हिन्द मंडल 12 ज्योतिलिंगों की झांकी साकार करेगा
आजाद हिन्द मंडल का 95 वां तथा नीलकंठ मंडल का 76 वां गणेशोत्सव
सायंस्कोर मैदान पर केदारनाथ मंदिर की झांकी
अमरावती-/ दि. 13 बरसो से अमरावती शहर में परकोटे के भीतर गणेशोत्सव के दौरान सार्वजनिक गणेश मंडलों में सजनेवाली झांकियां देखने शहर ही नहीं, बल्कि जिलावासियों की भीड उमडती है. कोरोना काल में सार्वजनिक गणेश मंडलों को झांकी बनाने की अनुमति नहीं होने से 3 साल तक सभी सार्वजनिक मंडलो में केवल दो फीट की गणेश मूर्तियां स्थापित कर गणेशोत्सव की परंपरा को कायम रखा. अब कोरोना के सभी निर्बंध हटने से इस बार शहर में फिर गणेशोत्सव में बननेवाली सार्वजनिक मंडलों की झांकियां देखने गणेश भक्तों की भीड उमडनेवाली है.
गणेश मंडलों का गौरवपूर्ण इतिहास
शहर में सबसे प्राचीन सार्वजनिक गणेश मंडल में बुधवारा स्थित आजाद हिन्द गणेशोत्सव मंडल का समावेश है,शहर के पुराने राजनीतिक और अमरावती की पूर्व नगरपालिका के अध्यक्ष रह चुके हरिभाउ कलोती के समय में स्थापित आजाद गणेश मंडल इस वर्ष 95 वां गणेशोत्सव मनाने जा रहा है. आजाद गणेश मंडल में बनाई जानेवाली झांकी को देखने हर वर्ष गणेश भक्तो की भीड लगी रहती है. कोरोना काल के बाद इस वर्ष आजाद हिन्द गणेशोत्सव मंडल 12 ज्योतिलिंग की झांकी साकार करने जा रहा है. इसके साथ ही तमिलनाडू की तरह भगवान शिवजी की 30 फीट उंची झांकी इस वर्ष आजाद मंडल का आकर्षण रहेगी. 12 ज्योतिलिंग की झांकी महाराष्ट्र के प्रसिध्द कलाकार शिवा प्रजापति और उनके सहयोगी साकार करेंगे. अकोला के गुलाब डेकोरेशन की आकर्षक विद्युत रोशनाई भी इस वर्ष गणेश मंडल परिसर में लगाई जाएगी. यह जानकारी आजाद हिंद गणेश मंडल ने दी है. जिस मयूर जलतार पर यह झांकी साकार करने की जिम्मेदारी सौपी, उन्होने परकोटे के भीतर आजाद हिंद मंडल के साथ नीलकंठ व्यायाम मंडल द्बारा संचालित नीलकंठ गणेशोत्सव मंडल की झांकी देखने के लिए हर वर्ष लोगों की भीड उमडती है. नीलकंठ गणेशोत्सव मंडल के सचिव मंदार नानोटी और नीलकंठ मंडल के वरिष्ठ सदस्य पंकज लुंगीकर ने बताया कि, चंद्रमहल की झांकी बनाने का काम 15 दिन पूर्व ही अकोला में शुरू हो चुका है. वहां झांकी का समूचा सेट तैयार कर गणेशोत्सव स्थल पर उसे मूर्त रूप में सजाया जायेगा. 31 अगस्त से गणेशोत्सव की शुरूआत होगी. इसके साथ ही शहर के श्रीकृष्णपेठ में स्थित श्रीकृष्णपेठ गणेशोत्सव मंडल और खापर्डे बगीचा स्थित न्यू आजाद गणेशोत्सव मंंडल में स्थापित विदर्भ की राजा की 23 फीट उंची आकर्षक गणेश प्रतिमा अमरावती वासियों का आकर्षण रहेगी.
काम में जुटे कलाकार
आजाद हिंद मंडल के बाद शहर का दूसरा प्राचीन गणेश मंडल के रूप में नीलकंठ मंडल की पहचान है. नीलकंठ मंडल इस बार 76 वां गणेशोत्सव मनाने जा रहा है. इस वर्ष गणेशोत्सव के दौरान नीलकंठ मंडल में जयपुर के सिटी पैलेस परिसर के पश्चिमी हिस्से में स्थित चंद्रमहल की झांकी साकार की जायेगी. यह महल चंद्रनिवास के रूप में जाना जाता है. जहां वर्तमान में जयपुर के महाराजा का निवास है. अकोला के कलाकार दीपक पवार और उनकी टीम नीलकंठ में चंद्रमहल को साकार करने में जुटे है.