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यह ‘जीरो’ है आनंददायी व सुखकारी

कोविड संक्रमितों की संख्या हुई शून्य

* अब सतर्कता की जिम्मेदारी हम सभी पर
* मरीज घटे हैं, पर संकट नहीं टला
* चौथी लहर को रोकने नियमों का पालन व टीकाकरण जरूरी
अमरावती/दि.26– दो वर्ष पहले 4 अप्रैल 2020 को अमरावती शहर में पहला कोविड संक्रमित मरीज पाया गया था. जिसके बाद शहर व जिलावासियों को कोविड संक्रमण की तीन लहरों का सामना करना पडा. पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर के दौरान कोविड वायरस के डेल्टा प्लस वेरियंट ने काफी अधिक नुकसान किया. वही इन दोनों लहरों की तुलना में तीसरी लहर कोई खास घातक नहीं रही. यद्यपि तीसरी लहर के दौरान ओमिक्रॉन वेरियंट से बडे पैमाने पर संक्रमण और खतरे का अंदेशा जताया गया था. लेकिन दूसरी लहर के दौरान व्यापक स्तर पर किये गये टीकाकरण के चलते तीसरी लहर का कोई खास असर नहीं रहा. हालांकि इन दो वर्षों के दौरान कोविड संक्रमण की वजह से 1 हजार 592 नागरिकों की मौत हुई, लेकिन अब हालात काफी हद तक नियंत्रण में है. विगत एक माह के दौरान कोविड संक्रमितों की संख्या एक अंकी रही. इसमेें कभी शून्य और कभी 1 से अधिकतम 5 मरीज पाये गये. मार्च माह के चौथे सप्ताह में दो बार कोई संक्रमित नहीं पाया गया. वही विगत कुछ दिनों के दौरान रोजाना पाये जानेवाले मरीजों की संख्या 5 से कम रही. इसके साथ ही विगत दो सप्ताह से कोविड संक्रमण के चलते शहर सहित जिले में कोई मौत भी नहीं हुई है. यह अपने आप में एक राहतवाली खबर है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत करीब दस दिनों से स्थानीय सुपर कोविड अस्पताल में एक भी कोविड संक्रमित मरीज भरती नहीं है और विगत कुछ दिनों से पाये जा रहे संक्रमितों में संक्रमण के लक्षण काफी हद तक सौम्य रहने के चलते उन्हेें होम आयसोलेशन में रखा जा रहा है. ऐसे में कोविड संक्रमितों एवं संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतोें की संख्या के शून्य हो जाने और संक्रामक बीमारी के फैलाव का सिलसिला रूक जाने के बाद अब इसे पूरी तरह खत्म करने की जिम्मेदारी आम नागरिकोें पर है. जिसके तहत अब आगे कोविड संक्रमण की कोई लहर न आये, इस बात के मद्देनजर सभी ने कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के टीके अनिवार्य तौर पर लगवाने चाहिए. साथ ही कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का आगे भी कडाई के साथ पालन करना चाहिए, ताकि इस वायरस या इसके किसी भी वेरियंट का आगे चलकर संक्रमण न फैल पाये.

* टीकाकरण का प्रमाण घटा
कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के दौरान महामारी का कोई विशेष असर नहीं देखा गया और इससे कोई खास नुकसान भी नहीं हुआ. जिसके चलते इन दिनों नागरिकों द्वारा टीकाकरण को कोई खास प्रतिसाद नहीं दिया जा रहा. जिससे जिले में टीकाकरण की रफ्तार सुस्त हो गई है. जिले में इस समय तक 83 फीसद नागरिकों ने पहला और केवल 58 फीसद नागरिकों ने दूसरा टीका लगवाया है. ऐसे में जिले को पूरी तरह से प्रतिबंध मुक्त करने हेतु साथ ही सभी नागरिकों को कोविड संक्रमण से मुक्त रखने हेतु टीकाकरण की रफ्तार और प्रतिशत को बढाये जाने की सख्त जरूरत है.

* विगत सात दिनों में टीकाकरण की स्थिति
तारीख      दैनिक टीकाकरण       कुल टीकाकरण
17 मार्च     3,935                    34,11,187
19 मार्च     1,600                    34,12,787
20 मार्च     200                       34,12,987
21 मार्च     3,700                    34,16,000
22 मार्च     6,600                    34,22,000
23 मार्च     6,438                    34,30,540
24 मार्च     4,600                    34,35,140

* टीकाकरण ही सबसे शानदार पर्याय
बेहद दुख की बात है कि, इन दिनों लोगबाग कोविड संक्रमण की महामारी के खतरे को लेकर पूरी तरह से लापरवाह व उदासीन हो गये है. जिसके तहत कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों एवं टीकाकरण को लेकर अनदेखी की जा रही है. कोविड की महामारी की अब कोई लहर न आये, इसके लिए बेहद जरूरी है कि, अगले कुछ समय तक मास्क व सोशल डिस्टंसिंग जैसे नियमों का पालन करने के साथ-साथ अनिवार्य तौर पर कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के दोनों टीके लगाये जाये. हम बहुत जल्द जिलाधीश के निर्देश पर टीकाकरण अभियान को और भी अधिक तेज करनेवाले है.
– डॉ. दिलीप रणमले
जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिप अमरावती.

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