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‘उन’ 150 करोड रुपयों की निधि पर केवल एक माह के लिए लगी है रोक

राकांपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने स्पष्ट की स्थिति

* जल्द ही मामले को लेकर विस्तृत खुलासा करने की बात कही
* अमरावती की निधि को बडनेरा ट्रान्सफर किये जाने की संभावनाओं को नकारा
अमरावती/दि.3 – नगरोत्थान विकास योजना के तहत अमरावती विधानसभा में किये जाने वाले विविध विकास कामों के लिए अमरावती की विधायक सुलभा खोडके द्वारा मंजूर करवाई गई 150 करोड रुपयों की निधि पर बडनेरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक रवि राणा द्वारा अडंगा डालते हुए राज्य सरकार से स्थगनादेश लाये जाने की खबर गत रोज सामने आयी थी. वहीं अब यह जानकारी भी सामने आ रही है कि, बडनेरा विधानसभा क्षेत्र के लिए नगरोत्थान योजना के तहत 75 करोड रुपए की निधि पहले ही मंजूर करवाते हुए विकास कामों की निविदा प्रकिया भी शुरु करवा चुके विधायक रवि राणा अब अमरावती विधानसभा क्षेत्र हेतु मंजूर 150 करोड रुपयों की निधि को बडनेरा विधानसभा क्षेत्र की ओर मोडने का प्रयास कर रहे है. इसी बीच इस पूरे मामले को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए विधायक सुलभा खोडके के पति तथा अजीत पवार गुट वाली राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने कहा कि, कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते अमरावती विधानसभा क्षेत्र हेतु मंजूर 150 करोड रुपयों की निधि पर महज एक माह के लिए रोक लगाई गई है तथा उन तकनीकी दिक्कतों को आगामी एक माह के भीतर दूर करते हुए अमरावती विधानसभा क्षेत्र के लिए निधि जारी करवा ली जाएगी. इसके साथ ही संजय खोडके ने अमरावती विधानसभा क्षेत्र हेतु मंजूर निधि को किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र के लिए ट्रान्सफर किये जाने की संभावना से भी साफ इंकार करते हुए कहा कि, ऐसा कभी नहीं होता, बल्कि जिस क्षेत्र के लिए निधि मंजूर की जाती है, उसी क्षेत्र के लिए वह निधि आवंटित भी होती है. ऐसे में इस तरह की खबरें पूर्ण रुप से निराधार है. साथ ही संजय खोडके ने यह भी कहा कि, वे अगले एक-दो दिन में बाकायदा पत्रकार परिषद बुलाते हुए इस बारे में सभी तत्थों का खुलासा करेंगे और विस्तार के साथ जानकारी भी देंगे.
बता दें कि, लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार द्वारा नगरोत्थान योजना के तहत निधि को मंजूरी दी गई थी. जिसके तहत अमरावती महानगरपालिका को 30 फीसद व राज्य सरकार को 70 फीसद हिस्सा इस निधि में देना था. इस निधि के तहत जहां एक ओर विधायक रवि राणा ने अपने बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में किये जाने वाले विविध विकास कामों के लिए 75 करोड रुपयों की निधि लाने में सफलता प्राप्त की थी तथा लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले ही विधायक रवि राणा द्वारा लाये गये 75 करोड रुपए की लागत वाले विविध कामों की टेंडर प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई थी. जिसके उपरान्त पूरे 75 करोड रुपयों के काम को आपस में क्लब करते हुए सभी कामों का ठेका मुंबई की एनआईए (निया) इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा.लि. नामक कंपनी को दे दिया गया था. जिसका काम स्थानीय स्तर पर पुराहित नामक एक व्यक्ति देख रहा है. वहीं दूसरी ओर विधायक सुलभा खोडके व राकांपा अजीत पवार गुट के प्रदेशाध्यक्ष संजय खोडके द्वारा मंजूर कराई गई 150 करोड रुपए की निधि आने में कुछ देरी हो गई थी और इसी दौरान लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाने के चलते निधि मिलने का काम अधर में लटक गया था और यह निधि आचार संहिता खत्म होने के बाद मिली. इसकी वजह से अब कही जाकर इन 150 करोड रुपयों के कामों की निविदा प्रक्रिया शुरु हो पायी थी, लेकिन अमरावती विधानसभा क्षेत्र में किये जाने वाले इन विकास कामों की राह में बडनेरा के विधायक रवि राणा ने अडंगा डाल दिया. जिसकी वजह से 150 करोड रुपयों की निधि से किये जाने वाले कामों पर गत रोज राज्य सरकार द्वारा अचानक ही स्थगनादेश जारी कर दिया गया.
इस पूरे मामले को लेकर यह जानकारी भी सामने आयी थी कि, विगत अप्रैल माह में हुए लोकसभा चुनाव दौरान अमरावती संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहने वाली तत्कालीन सांसद एवं विधायक रवि राणा की पत्नी नवनीत राणा को करारी हार का सामना करना पडा था. जिसे लेकर विधायक रवि राणा ने साफ तौर पर आरोप लगाया था कि, महायुति में शामिल रहने के बावजूद भी राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने नवनीत राणा के पक्ष में काम नहीं किया और संजय खोडके सभी तबलों पर हाथ रखे हुए बैठे रहे. विधायक राणा ने कई तथ्यों के साथ इस बात की शिकायत प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी की. जिसके बाद डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने आज कुछ अपरिहार्य कारणों को आगे करते हुए विधायक सुलभा खोडके के नाम आवंटीत 150 करोड की निधि पर स्थगनादेश लगा दिया. जिसके चलते राणा दम्पति और संजय खोडके के बीच एक बार फिर जबर्दस्त तनातनी होने के आसार स्पष्ट दिखाई देने लगे है.

* विधायक राणा की ओर से ‘नो रिस्पॉन्स’
वहीं इस पूरे मामले को लेकर जानकारी एवं प्रतिक्रिया हेतु संपर्क करने का कई बार प्रयास करने के बावजूद भी विधायक रवि राणा की ओर से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. जिसके चलते इस पूरे मामले में विधायक रवि राणा की क्या भूमिका रही तथा आगे चलकर अमरावती विधानसभा क्षेत्र हेतु मंजूर 150 करोड रुपयों की निधि को लेकर विधायक रवि राणा की क्या रणनीति है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया.

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