अमरावती

‘उन’ 4 अधिकारियों की मंत्रालय स्तर पर होगी जांच

शौचालय घोटाला मामले में 8 दिनों के भीतर जांच शुरु होगी

  • जल्द हो जाएगा ‘दूध का दूध पानी का पानी’

  • सरकार निर्देशित अधिकारी को सौंपी जाएगी विभागीय जांच

अमरावती  प्रतिनिधि/दि.22 – विगत जून माह में उजागर हुए शौचालय घोटाला मामले में जिन 4 अधिकारियों के नाम सामने आये है, उनकी प्रशासकीय जांच सरकार की ओर प्रस्तावित की गई है और मनपा की आस्थापना पर रहने वाले इन अधिकारी की जांच सेवानिवृत्त अधिकारियों द्बारा की जाएगी. इस हेतु किस अधिकारी की नियुक्ति करना है यह सरकार द्बारा मनपा प्रशासन के समक्ष स्पष्ट कर दिया गया और आगामी 8 दिनों के भीतर जांच अधिकारी की नियुक्ति करते हुए इस मामले की जांच शुरु की जाएगी. जिसके बाद जल्द ही ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ हो जाएगा.
बता दें कि, मनपा के बडनेरा झोन अंतर्गत व्यक्तिगत शौचालय योजना के तहत 2 करोड 49 लाख रुपयों का घोटाला होने की बात उजागर हुई थी. इस मामले में फौजदारी अपराध भी दर्ज किया गया था और कुछ संदेहितों को नामजद करते हुए गिरफ्तार भी किया गया था. हालांकि बाद में इन सभी नामजद आरोपियों को जमानत पर छोड दिया गया. ढाई करोड रुपए के इस घोटाले में मनपा के 10 अधिकारियों के नाम भी सामने आये है. जिनमें तत्कालिन मुख्य लेखा परिक्षक प्रेमदास राठोड, मुख्य लेखा परिक्षक राम चव्हान, तत्कालिन सहायक आयुक्त प्रशांत शेलके व सोनाली जाधव सहित तत्कालिन सहायक आयुक्त नरेंद्र वानखडे, विधि अधिकारी श्रीकांत चव्हान, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विशाल काले, स्वच्छता अधिकारी डॉ. सिमा नेताम व चपराशी सुनिता वर्मा का समावेश है. इसमें से प्रेमदास राठोड, राम चव्हान, प्रशांत शेलके व सोनाली जाधव यह चार अधिकारी शासन नियुक्त है. ऐसे में इन चारों के खिलाफ विभागीय जांच प्रस्तावित होने पर यह जांच मंत्रालय स्तर पर की जाएगी. वहीं शेष 6 अधिकारियों और कर्मचारियों की विभागीय जांच करने हेतु अमरावती मनपा द्बारा सरकार की ओर से नियुक्त जांच अधिकारी की सहायता ली जाएगी. मनपा की आमसभा को भी इस कार्रवाई का अनुपालन रिपोर्ट पेश करना है. ऐसे में इन दिनों इस कार्य हेतु प्रशासकीय गतिविधियां काफी तेज हो गई है और इस समय विभागीय जांच से पूर्व रिपोर्ट पेश करने की प्रक्रिया शुरु की गई है.
उल्लेखनिय है कि, विगत शुक्रवार 18 दिसंबर को हुई आमसभा में इस घोटाले की जांच रिपोर्ट रखी गई. इस समय मनपा पार्षदों ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाते हुए कहा कि, यह घोटाला नहीं बल्कि दिन दहाडे बडे सुनियोजित ढंग से मनपा की तिजोरी पर डाला गया डाका है और इस मामले की प्रशासकीय जांच पूर्ण करते हुए अंतिम रिपोर्ट जनवरी माह की आमसभा में सदन के पटल पर रखी जाए.

  • हैंडराईटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट मंगाई जाएगी

इस घोटाले में जितने अधिकारियों के नाम आये हैं, उन सभी अधिकारियों को घोटाले से संबंधित फाईल पर अपने फर्जी दस्ताक्षर रहने का दावा किया है. ऐसे में इन अधिकारियों के हस्ताक्षरों को हैंडराईटिंग एक्सपर्ट के जरिए जांचे जाने की मांग की गई है. पता चला है कि, मनपा द्बारा संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षरों को जांचने की मांग व निवेदन वाला पत्र पुलिस विभाग को सौंपा जाएगा. पश्चात आर्थिक अपराध शाखा द्बारा इस मामले में कैलिग्राफी एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी.

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