
अमरावती/प्रतिनिधि दि.7 – महानगर पालिका में पांचवे व छठवें वेतन आयोग से 70 अधिकारियों व कर्मचारियों को अति प्रदान वेतन अदा किया गया. किंतु यह मामला लेखा आक्षेप के बाद उजागर हो गया. ऐसे में जिन अधिकारियों व कर्मचारियों ने मनपा की तिजोरी को चूना लगाया है, उनसे अतिरिक्त वेतन वसूली किये जाने का निर्देश जारी किया गया है. जिसके अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कार्रवाई शुरू की गई है.
उल्लेखनीय है कि, मनपा की आर्थिक स्थिति ‘आमदनी अठन्नी-खर्चा रूपैय्या’ वाली रहने के बावजूद विगत अनेक वर्षों से कई अधिकारी व कर्मचारी अति प्रदान वेतन प्राप्त कर रहे थे. हालांकि उस समय इस बात की ओर लेखा विभाग का ध्यान क्यों नहीं गया, यह भी अपने आप में एक संशोधन का विषय है. मजे की बात यह है कि, अतिप्रदान वेतन लेनेवाले कई अधिकारी व कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हो गये है. ऐसे में जनवरी 2021 से अतिप्रदान वेतन की रकम वसूल करते समय सामान्य प्रशासन विभाग को अच्छी-खासी कसरत करनी पडेगी. यह अतिप्रदान वेतन देने के लिए जितना मनपा प्रशासन दोषी है, उतना ही लेखा विभाग भी जिम्मेदार है, ऐसा कहा जा सकता है. इस मामले में यदि आयुक्त प्रशांत रोडे द्वारा गहन जांच-पडताल की जाती है, तो और भी कई तथ्य बाहर आ सकते है. ऐसी चर्चा गत रोज मनपा में चल रही थी. अति प्रदान वेतन की रकम वसूल करते समय कुछ लोगों के हजारों रूपये, वहीं कुछ लोगों से लाखों रूपयों की वसूली की जानी है.
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सामान्य प्रशासन के ‘रिमार्क’ में ही गडबडी
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अधिकारी व कर्मचारियों का वेतन तय करने हेतु वरिष्ठों के पास रिमार्क भेजते समय ‘बाबूगिरी’ के जरिये ‘फिक्सिंग’ की जाती है. अपनी मर्जीवाले अधिकारियों के वेतन की रकम तय करते समय रिमार्क में ‘कलाकारी’ करते हुए उस पर आयुक्त व उपायुक्त के हस्ताक्षर लेने के साथ ही फाईल का अगला सफर शुरू होता है. ऐसे में सामान्य प्रशासन विभाग को अधिकारियों व कर्मचारियो की आत्मा क्यों कहा जाता है. यह अति प्रदान वेतन के मामले से सिध्द होता है.
अधिकारियों व कर्मचारियों को तय से अधिक वेतन कैसे दिया गया, इसे लेकर लेखा आक्षेप था. जिसके अनुसार कार्रवाई हो रही है. जनवरी 2021 से 70 लोगों से वेतन के अतिप्रदान रकम की वसूली की जायेगी.
– ज्ञानेश्वर अरूडे
अधीक्षक, सामान्य प्रशासन विभाग, अमरावती मनपा