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‘उन’ कर्मचारियों को काम पर लिया जाये वापिस

पूर्व महापौर विलास इंगोले ने उठाई मांग

* आयुक्त आष्टीकर के फैसले को बताया गलत
अमरावती/दि.28- विगत 8 मार्च को मनपा के पदाधिकारियों व पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो गया. जिसके पश्चात मनपा पदाधिकारियों के कक्ष में नियुक्त कर्मचारियों को उनकी मूल आस्थापना पर वापिस भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई. लेकिन इसमें से अधिकांश कर्मचारी ठेका नियुक्त है. ऐसे में बतौर प्रशासक निगमायुक्त प्रवीण आष्टीकर ने इन ठेका नियुक्त कर्मचारियों की अस्थाई सेवा को समाप्त करने का निर्णय लिया है, ताकि मनपा पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पडे. किंतु आयुक्त आष्टीकर द्वारा लिये गये इस फैसले का पूर्व महापौर विलास इंगोले ने पूरजोर विरोध करते हुए कहा कि, आयुक्त आष्टीकर का फैसला पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है. जिसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
इस संदर्भ में दैनिक अमरावती मंडल के साथ बातचीत करते हुए पूर्व महापौर विलास इंगोले ने कहा कि, पदाधिकारियों का कार्यकाल खत्म होने की आड लेकर जिन कर्मचारियों को मनपा की सेवा से बाहर निकाला जा रहा है, वे हकीकत में विगत आठ-दस साल से मनपा की सेवा में कार्यरत है और उनका परिवार इसी नौकरी से होनेवाली आय पर निर्भर करता है. ऐसे में आयुक्त आष्टीकर द्वारा इस विषय को लेकर सहानुभूतिपूर्वक ढंग से विचार किया जाना चाहिए. यद्यपि इस समय मनपा के पदाधिकारी व सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो चुका है, लेकिन बहुत जल्द मनपा के आम चुनाव भी होंगे और नये सदन का गठन होकर नये पदाधिकारियों की नियुक्ति भी होगी, तब सभी पदाधिकारियों के कक्षों में कर्मचारियों की जरूरत पडेगी ही. ऐसे में अगर इन्हीं कर्मचारियों की सेवा को जारी रखने में कोई हर्ज नहीं है. उस समय तक इन कर्मचारियों को किसी अन्य काम के लिए उपयोग में लाया जा सकता है. साथ ही इन 40-45 कर्मचारियों के वेतन की वजह से मनपा की तिजोरी पर कोई विशेष आर्थिक बोझ भी नहीं पडना है. साथ ही पूर्व महापौर विलास इंगोले ने यह भी कहा कि, इस समय आय व रोजगार के साधनों को लेकर वैसे भी लोगबाग काफी मुश्किलों का सामना कर रहे है. ऐसे में आयुक्त आष्टीकर द्वारा एक साथ 40-45 लोगों की नौकरी खत्म कर उन्हें बेरोजगार कर दिये जाने का फैसला पूरी तरह से गलत है. जिस पर आयुक्त आष्टीकर द्वारा दोबारा विचार किये जाने की सख्त जरूरत है. इसके अलावा पूर्व महापौर विलास इंगोले ने यह भी कहा कि, वे इस मामले को लेकर पूर्व महापौर मिलींद चिमोटे एवं मनपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत को साथ लेकर आयुक्त आष्टीकर से चर्चा करेंगे तथा उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करने हेतु कहा जायेगा.

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