अमरावती/दि.15– बीते सप्ताह मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर पर स्याही फेंकने के साथ ही जानलेवा हमला करने के मामले में नामजद व गिरफ्तार किये गये महेश मूलचंदानी, संदीप गुल्हाने, अजय बोबडे व सूरज मिश्रा इन चारों आरोपियों को स्थानीय प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी जे. जी. वाघ की अदालत द्वारा न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया गया.
बता दें कि, आयुक्त आष्टीकर द्वारा दी गई शिकायत के बाद कुल 11 आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था. जिसमें से महेश मूलचंदानी, संदीप गुल्हाने, अजय बोबडे व सूरज मिश्रा सहित विनोद येवतीकर ऐसे पांच आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करते हुए 10 फरवरी को स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया गया था और अदालत ने सभी आरोपियों को 13 फरवरी तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश दिया था. पश्चात विनोद येवतीकर की तबियत बिगड जाने के चलते उनके पीसीआर को एमसीआर में तब्दील करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत के तहत इलाज हेतु अस्पताल में भरती कराया गया. वहीं रविवार 13 फरवरी को अन्य चार आरोपियों को दोबारा कोर्ट में पेश किये जाने पर अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को ग्राह्य मानते हुए चारों आरोपियों को और दो दिन तक पीसीआर में रखने का आदेश जारी किया. पश्चात पीसीआर की अवधि खत्म होने पर चारों आरोपियोें को आज 15 फरवरी को एक बार फिर अदालत के समक्ष पेश किया गया. जहां पर अभियोजन पक्ष और राजापेठ पुलिस ने आरोपियों को और दो दिन तक पीसीआर दिये जाने की मांग की. अभियोजन पक्ष का कहना रहा कि, आरोपियों ने अब तक यह नहीं बताया है कि, स्याही कहां से लायी गई, हमले में प्रयुक्त स्कू्र ड्रायव्हर को कहां फेंका गया तथा यह पूरी साजीश कहां पर और किसके द्वारा रची गई है. अत: पूछताछ हेतु आरोपियों को और दो दिन पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश दिया जाये.
वहीं बचाव पक्ष ने अब पीसीआर की अवधि को नहीं बढाने के संदर्भ में अपनी दलील दी. ऐसे में दोनोें पक्षों के युक्तिवाद को सुनने के बाद अदालत ने चारों आरोपियो को न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश जारी किया और चारों आरोपी अगले 14 दिनों की न्यायिक हिरासत के लिए सेंट्रल जेल रवाना कर दिये गये. इस समय बचाव पक्ष की ओर से एड. प्रशांत देशपांडे व एड. दीप मिश्रा ने पैरवी की.
* येवतीकर की जमानत पर नहीं आया पुलिस का ‘से’
बता दें कि, इस मामले में गिरफ्तार पांचवे आरोपी विनोद येवतीकर को विगत शनिवार ही पीसीआर से निकालकर एमसीआर के तहत अस्पताल में ले जाकर भरती कराया गया था. पश्चात कल 14 फरवरी को बचाव पक्ष की ओर से विनोद येवतीकर को जमानत मिलने हेतु अदालत में आवेदन पेश किया गया. जिसपर अदालत ने पुलिस से उसका पक्ष जानना चाहा. किंतु आज हुई सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से इसे लेकर अपना ‘से’ दाखिल नहीं किया गया था. ऐसे में विनोद येवतीकर की जमानत का मामला आज अनिर्णित रह गया.