अमरावती

दूसरों के लिए अपनी जान खतरे में डालने वालों को मिलते है केवल 500 रुपए

बेहद अत्यल्प मेहनताने पर काम करते है सफाई कर्मी

गंदे नाले व गटर में उतरकर करना पडता है सफाई का काम
अमरावती/दि.12 – राज्य सरकार के सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज कार्यक्रम अंतर्गत हाथ से मैला या भूमिगत गटर साफ करने पर सरकार द्बारा पुर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है. जिसके चलते पालिका ने सेफ्टीक टैंक की यांत्रिक पद्धति से सफाई करने हेतु पांचों झोन में सक्षम मशीन उपलब्ध कराई है. लेकिन इसके बावजूद भी मनपा के सफाई कर्मियों को गंदे नालों व भूमिगत गटर की सफाई करने हेतु खुद गंदगी में उतरना पडता है. ताकि लोगों के स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा ना हो. परंतु दूसरों के स्वास्थ्य के लिए अपने स्वास्थ्य और जीवन को खतरे में डालने वाले इन सफाई कर्मियों को महज 500 रुपए का दैनिक मेहनताना मिलता है.
* सफाई कर्मियों द्बारा की जाती है छोटी नालिया साफ
बडे गटर को जेटर मशीन से साफ किया जाता है, लेकिन रिहायशी इलाकों में रहने वाली छोटी-छोटी नालियों को लंबे फावडे की सहायता से खुद सफाई कर्मियों द्बार अपने हाथों से साफ करना होता है.
* रोजाना कितने रुपए मिलते है
मशीन के जरिए गटर साफ करने वाले सफाई कामगारों से रोजाना 500 से 600 रुपए का मेहनताना मिलता है. साथ ही मनपा की सेवा में स्थायी रहने वाले सफाई कर्मियों के अन्य लाभ भी दिए जाते है.
* क्या कहता है कानून
गटर साफ करने के लिए मनुष्यबल का प्रयोग न किया जाए. बल्कि यह काम यांत्रिक पद्धति से किया जाए, ऐसा स्पष्ट सरकारी निर्देश है. जिसके चलते बडे गटरों के साथ ही छोटे व बडे नालों को यंत्रों के जरिए साफ किया जाता है. नगरविकास विभाग व स्वच्छ भारत अभियान प्रमुख द्बारा इसे लेकर परिपत्रक जारी किया गया है.
मनपा के पास 650 सफाई कामगार, महानगरपालिका के पास कुल 650 सफाई कामगार है. जिसमें से 55 सफाई कामगारों को जेटींग मशीन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है.
* गटर सफाई के लिए ग्लोवज व गमबुट जरुरी
गटर की सफाई करने वाले सफाई कामगारों को गणवेश के साथ संपूर्ण कीट उपलब्ध कराना बेहद जरुरी होता है. जिसमेें सफाई कार्य के साहित्य सहित गमबुट व ग्लोवज सहित फेस मास्क का रहना आवश्यक होता है.
* सभी यंत्र सामग्री उपलब्ध
गटर की सफाई हेतु जेटर मशीन तथा सेफ्टीक टैंक की सफाई हेतु सक्षम मशीन जैसे सभी यंत्र मनपा के स्वच्छता विभाग के पास उपलब्ध है. जिसके अलावा सभी सफाई कर्मियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक प्रबंध किए जाते है.
– डॉ. सीमा नैताम,
वैद्यकीय स्वच्छता अधिकारी,
अमरावती मनपा.
* दूसरों का स्वास्थ्य संभालने के चक्कर में हम बीमार
इस संदर्भ में मनपा के कई स्वास्थ्य कर्मियों का कहना रहा कि, छोटी नालियों व गटर को साफ करने के लिए उन्हें खुद गंदगी में उतरना पडता है. इसके लिए उन्हें जो कीट दी जाती है, उसके कई साहित्य जल्दी ही खराब हो जाते है. ऐसे में दूसरों का स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए साफ-सफाई का काम करते समय खुद के बीमार पडने का खतरा रहता है. साथ ही कई बार मेहनताना भी समय पर नहीं मिलता. ऐसे में उन्हें अतिरिक्त सफाई कीट देने के साथ ही हर महिने उनकी नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की जानी चाहिए. साथ ही उन्हें उनका मेहनताना भी समय पर दिया जाना चाहिए.

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