जो श्रद्धा से कथा सुनकर, अमल करेंगे उनको अधिक फल मिलता है
शिवधारा परिवार व्दारा सिंधु नगर में श्रीमद् भागवत कथा
जो श्रद्धा से कथा सुनकर, अमल करेंगे उनको अधिक फल मिलता है
अमरावती-दि.13 पितृपक्ष के पर्व पर ’शिवधारा परिवार’ की ओर से पितरों की उधार निमित्त प्रथम दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा सिंधु नगर स्थित पूज्य शिवधारा आश्रम परिसर में संत डॉ.संतोष कुमार जी महाराज ने अपने ओजस्वी वाणी में कहा कि, जब तक कोई भाव से कथा सुनकर उस पर अमल नहीं करेगा, उसको जितना लाभ प्राप्त होना था, जैसे धुंधकारी को कथा सुनने से प्राप्त हुआ, वैसा फल हमें प्राप्त नहीं होगा, इसलिए जैसे राजा परीक्षित ने शुकदेव जी महाराज के चार दिन निरंतर कथा सुनने तक, एकाकार होकर बैठे थे, जब शुकदेव जी महाराज का ध्यान गया, कि, अभी इसको थोड़ा विश्राम देना चाहिए और कथा को विश्राम दिया, तो राजा परीक्षित के शरीर से प्राण निकल गए. इस बात की ओर ध्यान शुकदेव महाराज का जब गया तब उन्होंने फिर से भागवत कथा कहना प्रारंभ कर दी तो राजा परीक्षित के शरीर में फिर से पराण आ गए, मतलब इतनी तन्मयता के साथ वह कथा सुन रहे थे. वैसे ही हमें कथा में चित विर्ती एकाकार करके बैठना चाहिए. आगे महाराज श्री ने कहा कि, जिन की अकाल मृत्यु हुई हो, जिन्होंने जीवन भर केवल पाप करे हैं, पित्र दोष लगा हुआ हो, अपने माता-पिता के पुण्य अर्थ या पित्रों के उद्धा निमित्त हर किसी को जीवन में कम से कम एक कथा करानी चाहिए, जैसे भक्ति महारानी का दुख कथा फल अर्पित होते ही दूर हुआ, वैसे ही हमारे जीवन की तकलीफें और दुख कथा सुनने से दूर होंगे. महाराज श्री ने कहा कि, कल मंगलवार को दूसरे दिन की कथा में विशेष तौर पर भगवान शिव जी और मां पार्वती जी के विवाह की झांकी का दर्शन एवं कथा रसपान का लाभ प्राप्त होगा एवं जो जो यजमान इस कथा में लाभ प्राप्त कर रहे हैं उनके पित्रों का कथा उपरांत गया में महाराज श्री अपने हाथों से सर्वपितृ अमावस्या के दिन पिंडदान श्राद्ध करके आएंगे. इसलिए जो भी अपने पितरों के निमित्त कथा में यजमान बनना चाहते हैं एवं गया खुद न जाकर किसी कारण से, संस्था को नाम लिखा कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं ऐसा, आवाहन ’शिवधारा मिशन फाउंडेशन’ द्वारा किया जा रहा है.