* साल भर में 13 बालविवाह रोके गए
अमरावती/दि.21– जिला प्रशासन द्वारा बालविवाह प्रतिबंधक कानून को कडाई से अमल में लाये जाने के चलते विगत 1 साल के दौरान बालविवाह का प्रमाण काफी हद तक घट गया है. 1 अप्रैल से नवंबर 2023 तक बालविवाह के 13 मामले सामने आये. जिसमें से एक मामले में एफआईआर दर्ज की गई. विशेष उल्लेखनीय है कि, अब बालविवाह करने वाले संबंधित वर व वधु के माता-पिता सहित ऐसे बालविवाह में शामिल होने वाले बारातियों के खिलाफ भी अपराध दर्ज करते हुए दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है. जिसके चलते बालविवाह का प्रमाण घट गया है.
बता दें कि, विगत 3 जनवरी को सावित्रीबाई फुले जयंती निमित्त बालविवाह मुक्त जिला अभियान अंतर्गत जिले के प्रत्येक गांव में रैली निकाली गई थी और बालविवाह के खिलाफ नागरिकों में जनजागृति की गई थी. जिसके चलते बालविवाह को रोकने में काफी हद तक सफलता मिली है.
* तो हो सकता है 2 वर्ष का सश्रम कारावास
जिले में बालविवाह प्रतिबंधक कानून पर कडाई से अमल होने के चलते विगत 1 साल के दौरान बालविवाह का प्रमाण घटा है. बता दें कि, बालविवाह प्रतिबंधक कानून के तहत बालविवाह करवाने वाले लोगों को 2 वर्ष तक सश्रम कारावास हो सकता है.
* मंगल कार्यालय व बाराती भी अटकेंगे
जिस स्थान पर बालविवाह हो रहा है, ऐसे मंगल कार्यालय के संचालक सहित संबंधित बालविवाह में शामिल होने वाले लोगों के खिलाफ भी अपराध दर्ज करने की प्रक्रिया संबंधित महकमें द्वारा की जाती है. जिसके चलते कई लोग अब बालविवाह से परावृत्त हो रहे है.
* फोटोग्राफर व पुरोहित भी नहीं छूटेंगे
बालविवाह करवाने वाले लोगों के साथ ही बालविवाह में उपस्थित रहने वाले अन्य लोगों के खिलाफ भी अपराध दर्ज किए जाते है. जिनमें बारातियों के साथ ही ऐसे विवाह समारोह में शामिल होने वाले फोटो ग्राफर व पुरोहित का भी समावेश रहता है. जिनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. इस वजह के चलते भी बालविवाह पर काफी हद तक प्रतिबंध लगा है.
* इस नंबर पर की जा सकती है शिकायत
यदि अपने आसपास के परिसर में कोई बालविवाह हो रहा है, ता ेउससे संबंधित शिकायत जागरुक नागरिकों द्वारा संंबंधित महकमों के पास करना अपेक्षित होता है. जिसके लिए हेल्पलाइन नंबर 1098 अथवा डायल 112 पर कॉल करते हुए कोई भी व्यक्ति अपने आसपास हो रहे बालविवाह की जानकारी दे सकता है. ऐसे मामलों में शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाता है.
* जिले में 3 जनवरी से बालविवाहमुक्त जिला अभियान चलाया जा रहा है. जिसके लिए संबंधितों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है. साथ ही बालविवाह रोकने के लिए भी आवश्यक प्रयास किए जा रहे है.
– अजय डबले,
जिला बाल संरक्षण अधिकारी