जो भगवान को अपना लेता है वह सांसारिक मोह से मुक्त हो जाता है
प.पू. देवकीनंदन ठाकुरजी की अमृतवाणी में श्रीकृष्ण कथा
अमरावती/ दि. 20– सांसारिक मोह में हम अपने आस पास के लोगों को अपना घर परिवार समझ बैठते है, लेकिन जो भगवान को अपना लेता है वह सांसारिक मोह पाश से मुक्त हो जाता है. उसके लिए निश्चित ही सफलता की राह खुलने लगती है. ऐसे मानव उध्दार के लिए प.पू.देवकीनंदन ठाकुरजी ने अमृत वचन सुनाए. श्रीकृष्ण कथा के कार्यक्रम में वे बोल रहे थे.
स्थानीय संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में आयोजित श्रीकृष्ण कथा में आगे उन्होंने कहा कि, हमें कृष्ण भक्ति में रंगते हुए भगवान को अपना संसार मानना चाहिए. तब हमें बार-बार मनुष्य जन्म लेने की आवश्यकता नहीं पडती. जो कृष्ण लोक का हो जाता है, वह आजीवन उनका भक्त बन भगवान की सेवा में तल्लीन होकर उनके परिवार का सदस्य बन जाता है, ऐसा कहते हुए उन्होंने ‘मेरा मन पंछी ये बोले, उड-उड वृंदावन जाउ, मैं राधे-राधे गाउ, मैं श्यामा-श्यामा गाउ…’ यह भजन प्रस्तुत कर उपस्थित कृष्ण भक्तों को अपनी भक्ती के रंग में रंगकर झूमने के लिए विवश किया.