जिन्हें खुद के बडा होने पर गुरुर था, उन्हे जनता ने घर पर बिठा दिया
शिवसेना के पार्टी प्रमुख व डेप्युटी सीएम शिंदे ने उबाठा पर साधा निशाना

* शिंदे सेना ने निकाय चुनाव के लिए जबरदस्त शक्तिप्रदर्शन, संभागीय सम्मेलन रहा शानदार
अमरावती /दि.9– विगत विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी ने 80 सीटों पर चुनाव लडा और 60 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं जो लोग अपने घमंड में आकर दावा कर रहे थे कि, हम एक भी सीट पर चुनाव नहीं लडेंगे. उन्होंने 100 सीटों पर प्रत्याशी खडे किए और केवल 20 सीटें ही जीत पाए. उस समय बेहद कम वोटों के अंतर से हमारी 7-8 सीटों पर हार हुई अन्यथा उन्हें महज 10-12 सीटें ही मिल पाती. इसका सीधा मतलब है कि, अपने ही अहंकार चूर रहनेवाले बडबोले लोगों को जनता की अदालत ने घर पर बिठा दिया है. क्योंकि, वो लोग अपने पास राज्य की सत्ता रहते समय भी पूरा समय अपने घर पर ही बैठे हुए थे, इस आशय के शब्दों में शिंदे गुट वाली शिवसेना के पार्टी प्रमुख व राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व सीएम व शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा.
स्थानीय स्वायत्त निकायों के आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए गत रोज शिंदे गुट वाली शिवसेना का विभागीय सम्मेलन स्थानीय संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में आयोजित किया गया था. जिसमें पार्टीजनों का मार्गदर्शन करने हेतु खुद पार्टी प्रमुख व डेप्युटी सीएम एकनाथ शिंदे उपस्थित हुए थे. इस अवसर पर अपने संबोधन में उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही डेप्युटी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि, इस समय भी जब देश विपरित हालात से गुजर रहा है, तब शिवसेना उबाठा के नेता युरोप में छुट्टियां बिताते हुए पिकनिक मना रहे है और उनके कार्यकर्ता संभ्रम का शिकार है. वहीं हमारे कार्यकर्ता जनसेवा के लिए लोगों के दरवाजे पर पहुंच रहे है. क्योंकि हम बालासाहब ठाकरे के विचारों व सिद्धांतो पर चलनेवाले लोग है तथा बालासाहब ठाकरे हमेशा कहा करते थे कि, कार्यकर्ता यह लोगों के दरवाजे पर ही शोभायमान दिखाई देता है.
शिंदे गुट वाली शिवसेना द्वारा गत रोज संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में आयोजित पार्टी के विभागीय सम्मेलन में मंत्री उदय सामंत, संजय शिरसाठ, संजय राठोड व आशीष जयस्वाल, पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल, पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल व पार्टी के जिला प्रमुख अरुण पडोले, श्याम देशमुख, गजानन वाकोडे, संतोष बद्रे, ललित झंझाड, आशीष धर्माले, सुनील डिके, उमेश घुरडे, वृंदा मुक्कावार, रेखा खारोडे, दीपक मदनेकर, निशांत हरणे सहित पार्टी के अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे.
* धनुष्यबाण के लिए की बगावत
इस समय अपने संबोधन में डेप्युटी सीएम एकनाथ शिंदे ने जून 2022 में अपने द्वारा की गई बगावत का उल्लेख करते हुए कहा कि, जो स्वाभिमानी रहते है वहीं अपने सम्मान की लडाई लडते है. जब उन्हें यह महसूस हुआ कि, पार्टी अपने विचारों व उद्देश्यों से भटक रही है, तब उन्होंने शिवसेना के सम्मान और धनुष्यबाण को बचाने हेतु पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत की एवं जनभावना के अनुरुप सरकार स्थापित की. लेकिन सरकार बनाने के लिए अपने विचारों, सिद्धातों व सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया. क्योंकि सत्ता तो आती-जाती रहती है परंतु नाम और सम्मान अगर एक बार खत्म हो गए तो दुबारा वापिस नहीं आते.
* स्थानीय निकायों में महायुति का झंडा फहराना जरुरी
इस अवसर पर स्थानीय स्वायत्त निकायों के आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए डेप्युटी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि, कार्यकर्ता हमेशा ही लोकसभा व विधानसभा जैसे चुनाव के समय नेताओं के लिए काम करते है, लेकिन अब समय आ गया है कि, कार्यकर्ताओं का चुनाव रहनेवाले स्थानीय निकायों के चुनाव हेतु नेता अपने कार्यकर्ताओं के साथ खडे दिखाई दे और सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों में महायुति का झंडा फहराए.
* यह नया भारत है, घर में घूसकर मारता है
पार्टी के विभागीय सम्मेलन में डेप्युटी सीएम एकनाथ शिंदे ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की जा रही जवाबी कार्रवाई का उल्लेख करते हुए कहा कि, भारतीय सेना ने पाकिस्तान को गोली का जवाब मिसाईल से दिया है और अब तक भारत को उठते-बैठते धमकाने वाले पाकिस्तान की असलियत पूरी दुनिया के सामने उजागर हो गई है. इसके साथ ही पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया को यह बात समझ में आ गई है कि, अब भारत पहले वाला भारत नहीं रहा, बल्कि यह नया भारत है. जो खुद पर हुए हमले का बदला लेना जानता है और इसके लिए दुश्मन को उसके घर में घूसकर मारता है.
* ‘उन्होंने’ धनुष्यबाण को कांग्रेस के पास गिरवी रख दिया था
– मंत्री उदय सामंत ने भी साधा निशाना
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्य के उद्योगमंत्री उदय सामंत ने भी शिवसेना उबाठा पर निशाना साधते हुए कहा कि, उन्होंने कांग्रेस के साथ जाकर शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के विचारों को तिलांजलि दे दी थी और शिवसेना के धनुष्यबाण को कांग्रेस के पास गिरवी रख दिया था. जिसके चलते बालासाहब ठाकरे के विचारों के प्रति आस्था रखनेवाले शिवसैनिकों का दम घुट रहा था. यही वजह रही कि, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सच्चे शिवसैनिकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत की और जहां निर्वाचन आयोजन शिवसेना का नाम व चुनावी चिन्हे हमें सौंपते हुए हमारे कदम को सही साबित किया, वहीं जनता ने भी बता दिया कि, असली शिवसेना कौनसी है. इस समय मंत्री उदय सामंत ने उस बगावत का नेतृत्व करनेवाले डेप्युटी सीएम एकनाथ शिंदे की प्रशंसा करते हुए कहा कि, एकनाथ शिंदे बेहद संवेदनशील व्यक्ति हैं. जो सर्वसामान्यों का नेतृत्व करते है, साथ ही वे सही मायनों में शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे एवं धर्मवीर आनंद दिघे के उत्तराधिकारी है. इस समय मंत्री उदय सामंत ने पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों से आवाहन किया कि, वे रोजाना अपने समय में से मात्र दो घंटे का समय पार्टी को मजबूत करने के लिए दे और एकजुटता के साथ काम करें.
* एकनाथ नहीं, लोकनाथ हैं शिंदे
इस समय अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्य एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने जिले में इस वक्त शिवसेना का कोई जनप्रतिनिधि नहीं रहने को लेकर अफसोस जताते हुए कहा कि, उन्होंने अमरावती संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व लगातार तीन बार किया. लेकिन उन्हें सन 2019 के चुनाव में जानबुझकर हराया गया. इसी तरह दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल को भी कुछ अपने ही लोगों की वजह से हार का सामना करना पडा. इसके अलावा विगत विधानसभा चुनाव में बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से प्रीति बंड की जीत के लिए अनुकूल वातावरण था, जिन्होंने 65 हजार वोट लिए. यदि प्रीति बंड के पास पार्टी का चुनावी चिन्ह धनुष्यबाण रहा होता तो वे निश्चित तौर पर जीत भी सकती थी. इसके साथ ही पूर्व सांसद अडसूल ने यह भी कहा कि, राज्य के डेप्युटी सीएम शिंदे एकनाथ नहीं बल्कि लोकनाथ है. जो हमेशा ही सर्वसामान्यों की सहायता के लिए तत्पर रहते है. यह बात उस समय प्रखरता से दिखाई दी, जब उन्होंने तमाम प्रोटोकॉल को परे रखते हुए पहलगाम के आतंकी हमले पश्चात खुद जम्मू-कश्मीर जाकर वहां फंसे पर्यटकों को दिलासा दिया और सभी पर्यटकों को वहां से सकुशल बाहर निकालने में सहायता भी की.
* डॉ. नरोटे का शिंदे के हाथों हुआ सत्कार
स्ंथानीय विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल यानि सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में अब तक किडनी प्रत्यारोपण की 50 शल्यक्रियाएं सफलतापूर्वक हुई है. साथ ही इस अस्पताल में कैंसर व हृदयरोग के संबंधित शल्यक्रियाएं भी सफलतापूर्वक की जाती है, इस बात के मद्देनजर राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सुपर स्पेशालिटी अस्पताल के वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. अमोल नरोटे सहित अस्पताल के सभी डॉक्टरों का पार्टी के विभागीय सम्मेलन में समारोहपूर्वक सत्कार किया.