मन के मनुस्मृति विचार अमित शाह की जुबां पर आए
कांग्रेस प्रदेश महासचिव किशोर बोरकर ने कहा
अमरावती /दि.19– देश के सर्वोच्च संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर पर धर्म के नाम पर अपमानजनक वक्तव्य किया है. उनके मन में छिपे मनुस्मृति के विचार प्रगट हुए है. जो किसी न किसी माध्यम से जुबां पर आए. ऐसे अमित शाह का हम निषेध व्यक्त करते है, ऐसा प्रदेश कांग्रेस कमिटी महासचिव किशोर बोरकर ने कहा.
किशोर बोरकर ने आगे कहा कि, देश में संविधान को 75 वर्ष पूर्ण हो चुके है. संसद में संविधान पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का नाम बार-बार लेने की बजाए हम भगवान का नाम लेंगे तो हमें कुछ लाभ मिलेगा. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के संदर्भ में उनका यह वक्तव्य अपमानजनक है. उन्होंने भगवान व धर्म के आधार पर अंधश्रद्धा का सहारा लेते हुए इंसान की इंसानियत को नकारते हुए मनुस्मृति के विचारों को सामने लाया है. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने हमेशा मनुस्मृति का विरोध किया था. इसके लिए आजीवन उन्हें संघर्ष करना पडा. इस कार्य में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर सफल भी हुए थे. जिसके कई उदाहरण बताए जा सकते है. मनुस्मृति विचारधारा के कारण देश के लाखों-करोडों लोगों का नुकसान हुआ है. इसके लिए मनुस्मृति समर्थक व भाजपा जिम्मेदार है, ऐसी आलोचना भी उन्होंने की.
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को सर्वाधिक जिसने परेशान किया वह मनुस्मृति समर्थक व भाजपा है. देश में भाजपा सरकार ने आते ही संविधान को जलाने का प्रयास किया है. देश के संविधान को बदलने के लिए वे सत्ता में आए है. इस प्रकार के वक्तव्य आए दिन भाजपा नेता करते नजर आते है. देश के गृह मंत्री अमित शाह भी मनुस्मृति समर्थक है. उनके मन में हमेशा ही मनुस्मृति विचारधारा पनपती रही है. जो आज संसद में चर्चासत्र के दौरान जुबां पर आई है. जिसे देशवासियों ने न केवल देखा बल्कि सुना भी है. संसद में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान करनेवाले अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए, ऐसी मांग भी प्रदेश कांग्रेस कमिटी महासचिव किशोर बोरकर ने की है.