* रोज 600 लोग पाते हैं प्रसाद
* नवरात्री में आंकडा 10 गुणा बढ जाता है
अमरावती/दि.17 – श्री एकवीरा देवी संस्थान अपने कुशल संचालन और भाविकोें के लिए सुविधा हेतु जाना जाता हैं. संस्थान का अन्न क्षेत्र गत 9 वर्षों से सुचारु और प्रभावी ढंग से सेवारत हैं. रोजाना सैकडों श्रद्धालु नाम मात्र के शुल्क पर भोजन प्रसादी पा रहे हैं. इसे और अधिक प्रभावी और सुविधाजनक बनाने के लिए संस्थान तत्पर हैं. इसी दिशा में सुंदर स्टील के बेंच व बैठने की व्यवस्था पश्चात अब विशाल रोटी मेकर की स्थापना अन्न क्षेत्र के रसोई घर मेें की गई हैं. इससे भाविकों के साथ-साथ सेवादारियों को भी सुविधा होने की जानकारी संस्थान के चंद्रशेखर कुलकर्णी और सी.ए. राजेश हेडा ने अमरावती मंडल को दी.
* नाम मात्र शुल्क में भोजन
कुलकर्णी ने बताया कि, केवल 20 रुपए शुल्क मेें संस्थान भोजन प्रसादी उपलब्ध करवाता हैं. सबह 11 बजे भोजन तैयार हो जाता हैं. इसके लिए दर्जनों सेवाधारी यहां सेवा देते हैं. जो बाजार से सागसब्जी लाने के साथ यहां भोजन पकाने में योगदान कर रहे हैं. बाहरगांव से आये श्रद्धालुओं के लिए यह सेवा वर्ष 2013 में आरंभ की गई थी. पहले 100-150 भाविक लाभ लेते थे. दिनोंदिन संख्या बढ रही हैं.
* गुणवत्ता पर पूरा ध्यान
सीए हेडा ने बताया कि, खाद्यन्न सामग्री की गुणवत्ता पर संस्थान की कीर्ति के अनुरुप पूरा ध्यान रखा जाता हैं. यहीं विश्वास संस्थान ने संपादित किया है. भोजन मेें चपाती, सब्जी, दाल, चावल, कढी और उपलब्धता नुसार मीठा देने का प्रयत्न रहता हैं. 26 सितंबर से घटस्थापना के साथ शारदीय नवरात्री उत्सव आरंभ हो रहा हैं. उस समय रोटी मेकर बडा उपयोगी होगा. अभी रोज लगभग 600 भाविक और सेवाधारी प्रसाद पाते हैं. नवरात्री में यह संख्या 3- साडे 3 हजार हो जाती हैं. दोनो समय मिलाकर 6 हजार श्रद्धालुओं का भोजन प्रसाद रोजाना बनता हैं.
* प्रशस्त जगह, एक साथ सैकडों का भोजन
एकवीरा देवी के मंदिर से सटे कार्यालय के पास ही अन्न क्षेत्र विकसित हुआ हैं. जहां काफी जगह है और स्टील के टेबल बेंच लगाये गये हैं. जिस पर बैठकर भाविक आराम से भोजन पाते हैं. एक साथ सैकडों लोगों के भोजन का इंतजाम वहां है. रोटी मेकर आ जाने से गरमागर्म रोटियां भाविकों को मिलेगी. रोटी मेकर की क्षमता एक घंटे में 1 हजार चपाती की होने की जानकारी स्थानीय विक्रेता वाणी ने दी. उन्होंने बताया कि, आटा गूंदना से लेकर, लोये बनाना और उसकी चपाती बनाकर सेंकना का कार्य मशीन से सहज हुआ हैं. बता दे कि, धार्मिक संस्थानों में लंगर और प्रसादी के लिए ऐसे उपकरण सर्वत्र लगाये जा रहे हैं.