भक्ती शक्ती संगम सप्ताह में हजारों श्रद्धालु की भीड़
भगवान कृष्ण जन्म की कथा में लीन हुए श्रद्धालु
चांदूर रेल्वे/ दि. 30- चांदूर रेल्वे में वारकरी महामंडल महाराष्ट्र राज्य तहसील शाखा,चांदूर रेल्वे द्वारा आयोजित भक्ती शक्ती संगम सोहळा में श्रीमद भागवत कथा,ज्ञान यज्ञ नामसंकीर्तन सप्ताह सोहळा तथा वारकरी अधिवेशन का आयोजन 25 डिसेंबर 2022 ते 1 जानेवारी 2023 तक स्थानीय संताबाई यादव मंगलकार्याल के सामने मैदान पर भावताचार्य ह.भ.प सदाशिव महाराज मोरे आळंदीकर की मधुरवाणी में हजारों महिला,पुरुष भावविभोर होकर श्रवण कर रहे हैं . रोज सुबह काकडा आरती, सामुदायिक ध्यान,सुबह 9 से 12 भागवत कथा,विष्णुसहस्त्रनाम, प्रवचन,व्याख्यान यह कार्यक्रम दोनों सत्र में सुबह श्याम,समय सुरू रहने से हजारों भाविको भक्तो की उपस्थिति इस कार्यक्रम में दिखाई दे रही है. आज भागवत कथा में भगवान कृष्ण जन्म का वर्णन किया गया। भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए भूतल पर जन्म लेते है.
भारत वर्ष के सभी ग्रंथो में बताया गया है की जब इस धरती पर पाप बढ़ जाता है,तब भगवान को अवतार लेना पड़ता है. भगवान भक्तो को कभी दुखी नहीं देख सकते. भगवान ने हर युग में धरती पर अवतार लिया है. जब जब धरती पर अत्याचार और अर्धम बढ है।तब तब भगवान धर्म की रक्षा और स्थापना करने अवतार लेते हैं। भावताचार्य सदाशिव महाराज ने उपस्थित श्रद्धालु से कहा की सुरसेन की पुत्री देवकी का विवाह वासुदेव से हुआ. इस समय मथुरा नगरी में कंस का अत्याचार बढ रहा था ऐसे में वसुदेव और देवकी का विवाह हुआ इतने में आकाशवाणी हुई कि हे कंस देवकी की आठवी संतान तुम्हारी मृत्यु का कारण बनेगा यह सुनते ही कंस ने निश्चय कर बहन देवकी और वसुदेव को कारावास मैं डाल दिया तब से कंस एक-एक कर देवकी-वासुदेव की सात संतानों को मार देता है. जब श्री कृष्ण का अवतार होता है तब कारावास के द्वारपाल सो जाते है और कारावास के सभी दरवाजे खुल जाते है. आकाशवाणी होती है, कि इस बालक को नंद बाबा के यहा ले जाओ और वहा कन्या का जन्म हुआ है, उसे यहा कारावास में देवकी के पास लाते है तभी कंस आता है और देवकी से उस कन्या को छिन लेता तभी बिजली के आवाज के साथ बदालो की गडगडाट के साथ वह कन्या कंस के हाथों से आसमान की और जाती तभी आकाशवाणी होती है की तेरे अत्याचार और अन्याय से मुक्ती दिलानेवाले ने जन्म ले लिया है. आगे की कथा में बाल रूप में कृष्ण लीला के साथ पूतना वध,इंद्र के क्रोध से ब्रज भूमी में वर्षा से हाहाकार भगवान कृष्ण गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाकर ब्रजवासीयो की रक्षा गोवर्धन पूजा की गई ऐसे अनगिनत भागवत के किस्से भागवतार्चाय सदाशिव महाराज ने अपने मधुर वाणी से उपस्थित श्रद्धालु को सुनाये।इस भागवत कथा,वारकरी अधिवेशन सर्व पंथीय परिषद के कार्यक्रम से संपूर्ण शहर का वातावरण भक्तीमय हो गया है.
चादूर रेल्वे तहसील यह संत नगरी है -:
ह.भ.प.अक्षय महाराज हरणे ने अपने कीर्तन में कहाँ की चादूर रेल्वे तहसील की भूमी यह पावन भूमी है। यहा संत बेडोजी महाराज,एकनाथ महाराज,मणिराम महाराज,खप्ती महाराज जैसे अनेक संतो होकर गये हैं. इनके चरण स्पर्श से यह भूमी पावन हुई है. ऐसे पावन भूमी पर यह भागवत कथा,वारकरी अधिवेशन हो रहा है. इस लिए चिंता की कोई बात नहीं अनेक दान दाताओ की और से इस कार्यक्रम के लिए मदत आ रही है।संत यह अपनी इच्छा से आते हैं. जब धरती पर अर्धम,अराजकता होती है. ऐसे समय संत का जन्म होता है. आसमान में चंद्र का महत्व यह रात में है. दिने में चंद्र दिखाई दे तो उसको महत्व यह समज में नही आता. वैसे ही भगवान का नाम स्मरण हर कोई दुख में करता है. हर समय भगवान का नाम स्मरण करने वाले भक्त का अनमोल,अनोखा रिस्ता होता है. जब भक्त पर विपदा आती है तब तब भगवान अनेक रूप में आकर भक्तो की मदत करते हैं. उसी तरह इस नगरी में इस कार्यक्रम को सफल बनाने अनेक मदत के हाथ आगे आ रहे हैं. इनके सहकार्य से यह आयोजन सफल हो रहा है.