अमरावतीयवतमाल

प्रति शेगांव में उमडे हजारों श्रद्धालु

श्री गजानन धाम में प्रगट दिन का अभूतपूर्व उत्साह

* हजारों ने पाई प्रसादी, पग-पग पर अनुशासन
श्री गजानन धाम (अमरावती)/दि.13- शहर के प्रति शेगांव कहलाते श्री गजानन धाम में प्रगट दिन उत्सव की अनूठी छटा रही. भाविकों की लंबी कतार के साथ ही मंदिर परिसर का रम्य वातावरण एवं सेवाधारियों की तत्पर सेवा सभी को प्रभावित कर रही है. स्त्री-पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग सभी आयु वर्ग के गजानन भक्तों को वहां ‘माऊली’ कहकर संबोधित किया जा रहा हैं. समाचार लिखे जाने तक हजारों भक्तों ने महाराज का प्रिय झुनका-भाकर और मसाला भात के साथ बुंदी का प्रसाद ग्रहण किया था. भक्तों का दर्शन हेतु आने का क्रम सतत अबाध था. सुधीर भाउ वाकोडे और उनके सभी सहयोगी तत्पर थे.
* हुबहु शेगांव जैसा मंदिर
उल्लेखनीय है कि गजानन धाम विश्वस्तर के महापारायण के लिए गत 5 वर्षो से जाना जाता है. यहां बिल्कुल शेगांव जैसा मंदिर बनाया गया है जिसमें गजानन महाराज की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा वैराग्यमूर्ति बोधे बाबा के हस्ते बडे ही उत्साह और आस्थापूर्वक हुई थी. उस समय उडनखटोले से पुष्पवृष्टी भी की गई थी. इन्हीं प्रसिद्धिकार को से रेवसा स्थित धाम में प्रगट दिन उत्सव अंतर्गत पूरे सप्ताह विविध धार्मिक आयोजन, अनुष्ठान होते हैं.
* भागवत कथा में रमे सभी
प्रगट दिन उत्सव उपलक्ष्य गत 6 फरवरी से नारायण महाराज शास्त्री की भागवत कथा का सुंदर आयोजन किया गया. 13 फरवरी तक चली कथा का आज सवेरे काला के कीर्तन के साथ समापन हुआ. कथा में भी रोजाना सैकडों भाविकों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही. पूरे परिसर में सुंदर रोशनाई की गई है. प्रत्येक पोल पर रंग बिरंगी लाइटिंग संध्या समय प्रत्येक को अपनी ओर आकृष्ट कर रही है.
* बडे सवेरे अभिषेक
गजानन महाराज की मूर्ति का बडे सवेरे सुधीरभाऊ वाकोडे परिवार के हस्ते एवं राऊत महाराज के मंत्रोच्चार के बीच दुग्ध अभिषेक किया गया. गण गणात बोते का निनाद सर्वत्र रहा. उपरांत भव्य आरती की गई. जिसमें भी बडी संख्या में भाविक और विशेषकर गजाननधाम के निवासी सहभागी हुए. तत्पश्चात सभी के लिए दर्शन सहज सुलभ किए गए. शेगांव के समान कतारबद्ध होकर मुख्य मंदिर तक मार्ग में जमीन पर कालीन तथा सिर पर पंडाल के प्रबंध के साथ पग-पग पर सेवाधारी भी मौजूद रहे.
* 15 हजार ने ग्रहण किया प्रसाद
अभिषेक और आरती उपरांत महाप्रसाद सभी के लिए रखा गया. पास पडोस के गांवों-नगरों से भी गजानन भक्त गजानन धाम पधारे. वहां महाप्रसाद का आनंद लिया. एक अंदाज के अनुसार लगभग 15 हजार भाविकों ने प्रसाद ग्रहण किया था. वहां की व्यवस्था भी बडी सुंदर और सराहनीय रही. सेवाधारी प्रत्येक भाविक को विनम्र सेवा से प्रभावित कर रहे थे.
* अनुशासन की सराहना
गजानन धाम में भाविकों के लिए सुंदर प्रबंध किया गया. वहां सैकडों सेवाधारी आए हुए भक्तों को विनम्र मार्गदर्शन कर रहे थे. जिससे हर कोई अनुशासन का संपूर्ण पालन कर रहा था. पार्किंग के लिए अलग व्यवस्था रहने से भी भाविकों को बडी सुविधा होती देखी गई. विस्तृत परिसर को सुंदर रंंगोली से भी सजाया गया. पेयजल और अन्य व्यवस्था तो थी ही.
* सेवाधारियों की तत्परता
सुधीरभाऊ वाकोडे की देखरेख में प्रत्येक सेवाधारी स्त्री-पुरुष वहां तत्पर नजर आए. लोगों को माऊली संबोधित करते हुए अनुशासन से दर्शन और प्रसाद का आनंद लेने प्रेरित करते दिखाई दिए. बडी बात यह है कि अनेक सेवाधारी पास पडोस के गांवों से भी यहां गजानन भक्तों की सेवा हेतु पधारे थे. उनमें सर्वश्री नीलेश जुनघरे, राजूभाऊ हाते, गिरीश शेरेकर, अतुल आखरे, नीलेश मांगे, नंदू अंबाडकर, सतीश धामने, नितिन कोल्हे, ठाकरे काका, पवार काका, चंदू वानखडे, ज्ञानेश्वर बरदिए, अशोक नाथे, उदय देशमुख, प्रवीण ठाकरे, ऋषभ वाकोडे, पंकज घावत, विनोद गावंडे, ऋषिकेश जवंजाल, संदीप वाकोडे, राउत महाराज, संतोष जवंजाल, प्रतीक काले, पद्माकर काले, राजकुमार जवंजाल, भांडे साहब, राजेश किटूकले, संकेत पाटिल, गावंडे काका, गोपाल भानगे, अमोल नांदूरकर, संतोष भोंगे, अभिजीत भानगे, सुरेंद्र कुटेमाटे, संजय जायले, वैशाली गावंडे, संध्या पवार, अभिलाषा मानकर, सुनंदा अवचार, सुनंदा नाथे, सोनू वाटाणे, पंचफूला पवार, विद्या जांभे, निशा सोनोने, स्नेहल जवंजाल, गौरी विधले, सरोज वसू, आशा सवई, ठाकरे काकू, जावरकर ताई, शोभा जवंजाल, पूजा खेडकर, उषा तेजू घोंघेे, पल्लवी मेटकर, बेबी खांडे, बेबी अढाउ, देशमुख काकू, सुरेखा कोल्हे, शशि आमझरे आदि अनेक का उत्साहपूर्ण सहभाग रहा.

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