अमरावतीमहाराष्ट्र

नवरंग पदयात्रा में शामिल हुए हजारों भक्त

मैयां के जयकारों से गूंज उठी पर्यटन नगरी

* नागरिकों ने किया भव्य स्वागत
चिखलदरा/दि.7-प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी नवरंग दुर्गाउत्सव मंडल द्वारा महापदयात्रा का सफल आयोजन किया गया. पदयात्रा में करीब 10 हजार भक्तों ने परतवाडा से चिखलदरा तक माता के जयकारे लगाते हुए 32 किमी की दूरी तय की. पदयात्रा में छोटे बालकों से लेकर वयोवृद्ध और कुछ दिव्यांग व्यक्ति भी शामिल हुए. दिव्यांग भक्तों ने भी अपनी आस्था की मिसाल पेश की.
जानकारी के मुताबिक पदयात्रा के रास्ते में करीब 38 लंगर लगाये गए थे. जिनमें सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवाएं प्रदान की. इतनी लंबी पदयात्रा होने के बाद भी आयोजक एवं प्रशासन हर मुमकिन सेवाएं भक्तों के लिए उपलब्ध करवाई गई. जिनमें भोजन, पेयजल की व्यवस्था से लेकर वैद्यकीय सेवा एवं स्वच्छतागृह की भी व्यवस्था की गई. जिसे देखकर भाविकों ने भी आयोजकों की प्रशंसा की. इस पदयात्रा में माता भक्तों के साथ जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी अपना सहभाग दर्शाया. जिनमें पूर्व सांसद नवनीत राणा, विधायक रवि राणा, विधायक राजकुमार पटेल, पूर्व विधायक केवलराम काले ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. आयोजकों द्वारा की गई कुशल व्यवस्था के कारण इस वर्ष भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. ग्रामीण अस्पताल की टीम भी 12 घंटे तैनात रही और सम्पूर्ण महापदयात्रा का सफल आयोजन संपन्न हुआ.
* 11 ग्रामों की झांकी आकर्षण
इस महापदयात्रा में आसपास के देहातों को 11 झांकियां भी शामिल हुई. जिनमें हरिपाठ मंडल, गुरुदेव मंडल, बालू मामा की भेड़, ऊंट, नन्दी, भजनों ने भक्तों का मन मोह लिया.
* एसटी बसों की व्यवस्था
करीब 11 घंटे कावड़ियों के पैदल चलने के बाद चिखलदरा स्थित श्री देवी मंदिर में कावड पहुंचाई गई. जिसके बाद सभी भक्तों ने प्रसाद का लाभ लिया. तत्पश्चात सभी को जिम्मेदारी से वापस भेजा गया. जिसमें राज्य परिवहन को 30 बस आयोजकों द्वारा उपलब्ध करवाई गई थी.
पुलिस की रही चप्पे चप्पे पर तैनाती
प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी महापदयात्रा सफल रहीं. जिसमें किसी तरह की कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुई. लेकिन परतवाडा पुलिस प्रशासन द्वारा पदयात्रा के मार्ग पर बाइक सवारों को खुला छोड़ देने से पैदल चलने वाले भाविकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जिससे पदयात्रियों में निराशा देखी गई. लेकिन चिखलदरा पुलिस द्वारा उन बाइक सवारों को शहर से बाहर ही रोका गया. जिससे कुछ रहत मिली.
– अरुण घोटकर, पदाधिकारी,
नवरंग पदयात्रा आयोजन समिति

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