अमरावती

फॉरेन्सीक रिपोर्ट से उजागर होगा आदर्श की मौत का राज

तीन आरोपी हैं गिरफ्तार, हत्या का अपराध है दर्ज

अब तक आरोपियों ने नहीं दिया है कोई कबुली जवाब

अमरावती-/दि.18 स्थानीय पत्रकार कालोनी स्थित विद्याभारती छात्रावास में रहनेवाले आदर्श कोगे नामक कक्षा 7 वीं के विद्यार्थी की संदेहास्पद मौत का राज अब भी राज ही बना हुआ है. हालांकि इस मामले में पुलिस ने हत्या का अपराध दर्ज किया है, लेकिन वॉर्डन सहित तीन आरोपियों को हत्या के मामले में नहीं, बल्कि बाल न्याय अधिनियमानुसार गिरफ्तार किया गया है और इस समय तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत के तहत जेल में रखा गया है. परंतु इन तीनों में से किसी ने भी अब तक आदर्श की हत्या किये जाने की कबुली नहीं दी है. इस संदर्भ में किसी की ओर उंगली निर्देश भी नहीं किया है. ऐसे में अब गाडगेनगर पुलिस का पूरा दारोमदार फॉरेन्सीक रिपोर्ट पर टिका हुआ है, ताकि फॉरेन्सीक रिपोर्ट से इस मामले का राजफाश किया जा सके.
बता दें कि, चिखलदरा के जामलीवन गांव में रहनेवाला 12 वर्षीय आदर्श कोगे अमरावती के विद्याभारती छात्रावास में रहकर यहां कक्षा 7 वीं की पढाई कर रहा था और विगत 21 जुलाई को अपने छात्रावास के हॉल में बेहोश पडा दिखाई दिया. जिसे तुरंत ही जिला सामान्य अस्पताल में भरती कराया गया. जहां पर सुबह 9 बजे उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित किया. इसके बाद आदर्श के परिजनों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर गाडगेनगर पुलिस ने छात्रावास के वॉर्डन रविंद्र तिघाडे के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज किया. साथ ही अगस्त माह के पहले सप्ताह में वॉर्डन रविंद्र तिघाडे, चौकीदार ओमप्रकाश चकधरे तथा सहायक विकास राजपुत पर जुवेनाईल एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने संबंधी आरोप दर्ज होने पर उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस कस्टडी में लिया गया. जहां से अब तीनों की रवानगी न्यायिक हिरासत के तहत जेल में कर दी गई है. लेकिन इस पूरे दौरान आदर्श की मौत कैसे हुई, या उसे किसने मारा, इसका पता नहीं चल पाया.
पुलिस ने समाजकल्याण से मांगी थी जानकारी
गाडगेनगर की सहायक पुलिस आयुक्त पूनम पाटील ने विद्याभारती छात्रावास के संदर्भ में समाजकल्याण विभाग से जानकारी मांगी थी. इसके तहत इस छात्रावास पर किसका नियंत्रण है, बच्चों पर ध्यान देने की जवाबदारी किसकी है, वॉर्डन सहित अन्य निवासी कर्मचारियों की ड्यूटी का टाईम कैसा होता है, आदि बातों को लेकर जानकारी मंगायी गई थी. वहीं बाल न्याय अधिनियम 2018 की धाराओं के तहत अपराध दर्ज करने लायक पुख्ता सबूत अपने पास रहने का दावा करते हुए गाडगेनगर पुलिस ने हत्या के इस मामले में बाल न्याय अधिनियम की धारा 75 को जोडा.

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