वन अधिकारियों से मारपीट मामले में तीन आरोपी दोषी करार
जिला अदालत ने सुनाई कारावास व जुर्माने की सजा
अमरावती/दि.31 – स्थानीय वडाली वनपरिक्षेत्र कार्यालय के सहायक वनपरिक्षेत्र अधिकारी महेश धंधर सहित उनके सहयोगियों के साथ अर्हाड-कुर्हाड वनक्षेत्र में मारपीट करते हुए सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने वाले 3 आरोपियों को तृतीय जिला न्यायाधीश ताम्हणेकर की अदालत ने अलग-अलग धाराओं के तहत कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई.
जानकारी के मुताबिक 7 सितंबर 2014 को दोपहर 3 बजे सहायक वनपरिक्षेत्र अधिकारी महेश धंधर अपने सहयोगियों के साथ अर्हाड-कुर्हाड उपवनक्षेत्र में गश्त लगा रहे थे, तब उन्हें वहां पर 100 से 125 भेडे चराई करते दिखाई दी. इस ओर गोपाल मारोती कारंडे (38, पलसखेड) नामक व्यक्ति वनक्षेत्र में अवैध तरीके से अपनी भेडे चरा रहा था. जिसके चलते सहायक वन अधिकारी महेश धंधर व उनके सहयोगियों ने गोपाल करांडे को अपनी हिरासत में लेने के साथ ही भेडों को जब्त करने की कार्रवाई शुरु की. तभी गोपाल की पत्नी चंद्रकला कारंडे (33) सहित मस्कू रामकृष्ण कारंडे (43) ने मौके पर पहुंचकर गोपाल को वहां से भगाने में मदद की और पुलिस व वन विभाग के वाहन के सामने भेड के बछडे को डालकर जान से मारने का प्रयास किया. साथ ही वन विभाग व पुलिस पार्टी के साथ गालिगलौच करते हुए उन पर पत्थरबाजी की गई. जिसके चलते सहायक वनपरिक्षेत्र अधिकारी महेश धंधर ने तीनों आरोपियों के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा पैदा करने व सरकारी पथक के साथ मारपीट करने को लेकर शिकायत दर्ज कराई. जिसके आधार पर बडनेरा पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 353, 504, 506 व 34 के तहत अपराध दर्ज किया एवं जांच के बाद चार्जशीट अदालत में पेश की गई. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील एड. रणजीत भेटालू ने पांच गवाह पेश करते हुए युक्तिवाद किया. जिसे ग्राह्य मानते हुए न्या. राजेंद्र ताम्हणेकर की अदालत ने तीनों आरोपियों को धारा 353 के तहत कोर्ट चलने तक सजा व एक-एक हजार रुपए के जुर्माने तथा धारा 506 के तहत कोर्ट चलने तक सजा व 500-500 रुपए की सजा सुनाई. साथ ही जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपियों को अधिकतम एक माह का कारावास भुगतना होगा. इस मामले में जांच अधिकारी के तौर पर बडनेरा पुलिस थाने के पोहेका बाबाराव रायबोले तथा पैरवी अधिकारी के तौर पर पोहेका बाबाराव मेश्राम व नापोका अरुण हटवार ने शानदार काम किया.