कक्षा 1 ली से 8 वीं के साढे तीन लाख विद्यार्थी ‘प्रमोट’
2894 शालाओं के विद्यार्थियों को मिला दिलासा
-
शैक्षणिक वर्ष बचा, लेकिन पढाई डूब गयी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.५ – कोरोना की वजह से लगातार दूसरे साल बिना परीक्षा दिये 1 ली से 8 वीं कक्षा के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करते हुए प्रवेश दिया जा रहा है. राज्य में कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए शालेय शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने ‘ना परीक्षा, ना पढाई’ के तत्व का अवलंब करते हुए कक्षा 1 ली से 8 वीं के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रवेश देने का निर्णय लिया. जिसका शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा स्वागत किया गया है. किंतु वहीं कई अभिभावकों का कहना रहा कि, यद्यपि उनके बच्चों के शैक्षणिक वर्ष का नुकसान होने से बच गया है. लेकिन उनकी पढाई-लिखाई का काफी नुकसान हुआ है.
जानकारी के मुताबिक शिक्षा अधिकार अधिनियम 2001 के तहत सरकार ने 1 ली से 8 वीं कक्षा के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट किया है. ज्ञात रहें कि, गत वर्ष मार्च 2020 में ऐन परीक्षाओं के समय पर ही राज्य में कोविड संक्रमण का आगमन हुआ था और सरकार ने संक्रमण टालने हेतु तीन माह के लिए लॉकडाउन लागू करते हुए सभी स्कूलों व कालेजों को बंद करने का निर्णय लिया था. साथ ही सभी परीक्षाओं को रद्द करने की भी नौबत आन पडी थी. सरकार ने गत वर्ष भी बिना परीक्षा लिये विद्यार्थियोें को अगली कक्षा में प्रमोट करने का कदम उठाया था. वहीं वर्ष 2020-21 के सत्र में 1 ली से 8 वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने अपनी शालाओं का प्रवेश द्वार भी नहीं देखा. क्योेंकि कक्षाएं ही नहीं हुई. वहीं 5 वीं से 8 वीं कक्षा के विद्यार्थियों को ऑनलाईन शिक्षा दी गई, लेकिन ऑनलाईन शिक्षा के दौरान शिक्षकों द्वारा क्या पढाया गया, यह विद्यार्थियों को समझ में ही नहीं आया. वहीं ऑनलाईन शिक्षा के नाम पर कई विद्यार्थी मोबाईल, लैपटॉप व डेक्सटॉप पर ऑनलाईन गेमिंग करते भी नजर आये. ऐसे भी अनुभव कई पालकों के रहे. वहीं कक्षा 1 ली से 4 थी की शालाएं खुली ही नहीं. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टीवीटी सहित मोबाईल, लैपटॉप व कंप्यूटर का अभाव रहने की वजह से ऑनलाईन शिक्षा का भी कोई खास असर नहीं देखा गया. ऐसे में भले ही इन सभी विद्यार्थियों को कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए बिना परीक्षा लिये अगली कक्षाओें में भेजा जा रहा है. लेकिन हकीकत यह है कि, इन सभी विद्यार्थियों का इस संक्रामक महामारी की वजह से जबर्दस्त शैक्षणिक नुकसान हुआ है.
-
कक्षा 1 ली से 8 वीं की तहसीलनिहाय विद्यार्थी संख्या
अचलपुर – 35,158
अमरावती मनपा – 85,325
अमरावती ग्रामीण – 19,542
अंजनगांव सुर्जी – 20,073
भातकुली – 10,405
चांदूर बाजार – 22953
चांदूर रेलवे – 10,219
चिखलदरा – 15,372
दर्यापुर – 19,161
धामणगांव रेलवे – 14,610
धारणी – 28,922
मोर्शी – 19,684
नांदगांव खंडेश्वर – 11,359
तिवसा – 12,895
वरूड – 25,365
कुल – 3,51,001
कोविड की संक्रामक महामारी को देखते हुए सरकार द्वारा बेहद योग्य व उचित निर्णय लिया गया है, क्योंकी महामारी काल के दौरान विद्यार्थियोें के जीवन व स्वास्थ्य से खिलवाड नहीं किया जा सकता. ऐसे में बिना परीक्षा लिये विद्यार्थियों को अगली कक्षा में भेजने का निर्णय पूरी तरह सहीं है.
– प्रिया देशमुख
उप शिक्षाधिकारी, जिला परिषद,अमरावती.